- हरीश फतेह चंदानी

हलुआ मिले ना मांडे
बुंदेली में एक कहावत है। दोऊ दीन से गये पांडे, हलुआ मिले न मांड़े। यानी दो चीजों के लालच में एक भी हाथ नहीं आती। कुछ यही हाल प्रदेश के 52वें जिले की कलेक्टरी कर रहे एक प्रमोटी आईएएस का है। 2012 बैच के ये साहब मंत्रालयीन अफसरों के सामने जिले में विकास के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन उनके विकास की पोल उस समय खुल गई जब केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास विभाग राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते नल जल योजना के भूमिपूजन के लिए पहुंचे। साहब मंत्री जी को विकास कार्य गिना रहे थे उसी समय मंत्री जी ने यह कह कर उनका मुंह बंद कर दिया कि ठेकेदार ने सड़क तो हेमा मालिनी के गाल जैसी चिकनी बना दी है, लेकिन पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया है। जिससे ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पा रहा है। मंत्री जी का बयान सुनकर साहब हक्के-बक्के रह गए।
साहब रंग में भंग न डाल दें
भोपाल-इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू होने के बाद भी प्रदेश में अपराधों का आंकड़ा कम नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री इस पर नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में पुलिस विभाग के मुखिया ने जाते-जाते मैदानी अफसरों को सबक सिखाने का फैसला लिया है। इसके लिए उन्होंने हर जिले के पुलिस अधीक्षक के कामकाज की कुंडली बनानी शुरू कर दी है। यह खबर सुन कई आईपीएस अफसरों के माथे पर बल पड़ गया है। उनका कहना है कि कहीं जाते-जाते साहब रंग में भंग न डाल दें। गौरतलब है कि पुलिस विभाग के मुखिया 4 मार्च को रिटायर होने वाले हैं। अपने अभी तक के कार्यकाल में उन्होंने मैदानी अफसरों की गलतियों पर उन्हें समझाइश देकर छोड़ दिया है। लेकिन अब उन्होंने हर एक पुलिस अधीक्षक की कुंडली बनाकर सीएमओ को सौंपने का निर्णय लिया है। अब देखना है साहब कब तक रिपोर्ट सौंप पाते हैं।
एक रुपए में पूरा एयरपोर्ट
शीर्षक पढ़कर आप आश्चर्यचकित हुए होंगे। लेकिन यह सोलह आने सही है। दरअसल, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विकासात्मक गतिविधियों को देखते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने मात्र 1 रुपए के लाइसेंस शुल्क पर इंदौर के पुराने एयरपोर्ट भवन को प्रदेश सरकार को उपलब्ध करा दिया है, जिसके चलते इस पुराने एयरपोर्ट पर वीआईपी लाउंज निर्मित किया जाएगा। इंदौर के वर्तमान एयरपोर्ट का भी विस्तार होना है, जिसके लिए 20 एकड़ जमीन सालों से शासन-प्रशासन देने के दावे कर रहा है। उषाराजे ट्रस्ट की सुप्रीम कोर्ट से जीती इस जमीन को अब उपलब्ध करवाया जाएगा, ताकि एयरपोर्ट अथॉरिटी पार्किंग सहित अन्य सुविधाएं विकसित कर सकें। दूसरी तरफ नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पुराने टर्मिनल भवन में वीआईपी लाउंज, मीटिंग रूम, एंट्री वेटिंग लॉबी निर्माण के लिए मात्र 1 रुपए के लाइसेंस शुल्क पर इसे प्रदेश सरकार को आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। पुराने एयरपोर्ट भवन की लगभग 5 हजार स्क्वेयर फीट से अधिक जमीन प्रदेश सरकार को टोकन लाइसेंस शुल्क 1 रुपए प्रति वर्गफीट प्रतिमाह पर आवंटित करने की मंजूरी दी है। दरअसल, एयरपोर्ट पर यात्रियों को वीआईपी मूवमेंट के कारण परेशानी होती है। अब पुराने एयरपोर्ट पर वीआईपी लाउंज बनने से इससे मुक्ति मिलेगी।
माननीय की किस्मत में लगे चार चांद
राजनीति में भाग्य का बड़ा खेल होता है। बड़े-बड़ों की लड़ाई में कभी कभार छोटों की किस्मत चमक जाती है। ऐसी ही किस्मत इन दिनों कांग्रेस के एक विधायक की चमकी है। निमाड़ के एक जिले की विधानसभा सीट से विधायक बने इन माननीय को प्रदेश संगठन के मुखिया ने पार्टी के सभी नेताओं की कुंडली बनाने का काम सौंप दिया है। इससे प्रदेश संगठन के कई कद्दावर नेताओं को मिर्ची लग गई है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी चरम पर है। प्रदेश संगठन के मुखिया के प्रयासों के बावजूद नेता गुटों में बंटे हैं। ऐसे में मुखिया ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विधायकों और नेताओं की कुंडली बनानी शुरू कर दी है। कई दिग्गज नेता आस लगाए बैठे थे कि उन्हें यह जिम्मेदारी मिलेगी, लेकिन मुखिया ने सबको दरकिनार कर निमाड़ के विधायक को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। बताया जाता है कि माननीय के क्षेत्र से आने वाले 2 बड़े नेता भी इस फैसले से आहत हैं। गौरतलब है कि निमाड़ में कांग्रेस इन दोनों नेताओं के गुटों में बंटी हुई है।
नई चोंच उगाएगी कांग्रेस
आजादी के बाद से ही सत्ता की चासनी में मदहोश रहने वाली कांग्रेस इस समय विपक्ष लायक भी नहीं बची है। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस में विपक्ष वाली क्वालिटी ही नहीं है। इसलिए गत दिनों पीसीसी में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी ने पदाधिकारियों को सीख दे डाली कि वे बाज की तरह नई चोंच उगाएं। हालांकि उनकी बात को अधिकांश पदाधिकारी समझ नहीं पाए। गौरतलब है कि बाज को जब लगने लगता है कि शिकार करने की उसकी शक्ति क्षीण होती जा रही है तो वह अपनी चोंच को पत्थर से तोड़कर नई चोंच आने का इंतजार करता है। यही हाल पंखों और पंजों का करता है जिससे नई ताकत पाई जा सके। इसलिए प्रदेश में कांग्रेस को बाज से सबक लेने की जरूरत है। अमूमन कहा जाता था कि कांग्रेस अच्छी सरकार चलाती है और भाजपा बढ़िया विरोध कर लेती है। भाजपा सरकार चलाना तो सीख गई लेकिन बीस सालों से सत्ता से बेदखल कांग्रेस को विरोध करना न आया। असर यह हो रहा है कि बड़े नेता ओवरएज होकर बाहर बैठ रहे हैं और नई पीढ़ी जुड़ नहीं रही। यही यदि भाजपाईयों के साथ होता तो कांग्रेसी सरकार की नाक में दम हो चुका होता। भाजपा की यही एकता उनकी ऐसी ताकत है जिसका मुकाबला करने कांग्रेस को बाज के जैसी अपनी चोंच तोड़कर नई चोंच उगानी होगी।