
- रवि खरे
इजरायल से अमेरिका की भारी-भरकम डील, बेचेगा 51 करोड़ डॉलर के हथियार
पिछले दिनों ईरान के साथ जंग के दौरान इजरायल ने बड़े स्तर पर अपने हथियारों का प्रयोग किया। हथियारों में कमी आने के बाद अब अमेरिका, इजरायल को हथियारों की खेप भेजने वाला है। दोनों देशों के बीच भारी-भरकम डील हुई है। अमेरिका ने सोमवार (30 जून, 2025) को इजरायल को बम गाइडेंस किट और संबंधित सहायता के लिए 510 मिलियन डॉलर की बिक्री को मंजूरी देने का ऐलान किया। हाल ही में इजरायल ने ईरान के साथ अपने हालिया संघर्ष में महत्वपूर्ण गोला-बारूद खर्च किया था। अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा, प्रस्तावित बिक्री इजरायल की सीमाओं, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और घनी आबादी वाली जगहों की रक्षा करने की क्षमता में सुधार करके मौजूदा वक्त और भविष्य के खतरों का सामना करने की इजरायल की क्षमता को बढ़ाएगी।
आज समंदर में उतरेगा नौसेना का घातक योद्धा ‘आईएनएस तमाल’
भारतीय नौसेना मंगलवार को रूस के कैलिनिनग्राद में अपने अत्याधुनिक और घातक स्टील्थ युद्धपोत ‘आईएनएस तमाल’ का जलावतरण करेगी। यह बहुउद्देश्यीय युद्धपोत न केवल दुश्मन की नजरों से बच निकलने में सक्षम है, बल्कि यह सतह, वायु और पनडुब्बी हमलों से मुकाबले के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है। पश्चिमी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जे सिंह इस समारोह की अध्यक्षता करेंगे। भारत और रूस के कई शीर्ष रक्षा और सरकारी अधिकारी भी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे। ‘आईएनएस तमाल’, क्रिवाक श्रेणी के फ्रिगेट्स की श्रृंखला का आठवां और तुशील श्रेणी का दूसरा युद्धपोत है। इसे रूस के यांतर शिपयार्ड में निर्मित किया गया है और इसका निर्माण भारतीय नौसेना की प्रत्यक्ष निगरानी में हुआ है। इस जहाज में 26 फीसदी तक स्वदेशी उपकरण लगे हैं, जिनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी शामिल है। यह युद्धपोत भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है। भारत अब गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में इस तकनीक के साथ दो और युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है।
भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए चर्चा करने को तैयार हुआ चीन
चीन ने कहा है कि भारत के साथ चीन का सीमा विवाद जटिल है इसके समाधान में समय लगेगा। हालांकि, वो परिसीमन (डिलिमिटेशन) पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ताकि सीमा क्षेत्र में शांति बना रहे। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग की ओर से ये बयान तब आया है जब 26 जून को भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री डोंग जून के बीच किंगदाओ में हुए डिफेंस मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक हुई। इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव कम करने के लिए सीमा के स्पष्ट सीमांकन के लिए एक संरचित रोडमैप का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने सीमा पर तनाव कम करने के लिए कदम उठाने और सीमांकन के लिए मौजूदा तंत्र को सक्रिय करने का आह्वान किया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर टिप्पणी करने को कहा तो माओ ने कहा कि दोनों देशों ने पहले ही विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र स्थापित कर लिया है। मीडिया ने माओ निंग से पूछा कि दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि (एसआर) की 23 बैठक हो चुकी है, फिर सीमा विवाद सुलझाने में इतना समय क्यों लग रहा है? जवाब में माओ ने कहा, सीमा का सवाल जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगता है।
मस्क बोले- वन बिग ब्यूटीफुल बिल पारित हुआ तो अगले ही दिन बनाऊंगा नई पार्टी
कभी डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और सलाहकार रहे अरबपति एलॉन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति के वन बिग, ब्यूटीफुल बिलकी फिर से कड़ी आलोचना की है। मस्क ने ट्रंप के बहुचर्चित बिल को पागलपन और आम करदाताओं पर बोझ बताया है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सीनेट इस बिल को मंजूरी देती है, तो वह अगले दिन अमेरिका पार्टी नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे। यह विधेयक ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की प्रमुख नीति है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा और सीमा सुरक्षा के लिए बड़े बजट की मांग की गई है, लेकिन पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं में कटौती का भी प्रावधान है। कांग्रेस के बजट कार्यालय ने बताया कि अगले दस वर्षों में, बिल राष्ट्रीय घाटे को लगभग 3.3 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा देगा मस्क ने एक्स पर लिखा, यह विधेयक पांच ट्रिलियन डॉलर की रिकॉर्ड ऋण सीमा बढ़ाता है।