
- रवि खरे
ट्रंप के टैरिफ एलान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार धड़ाम , एशियाई बाजार भी लुढक़े
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया भर के देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद अमेरिका के शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका के इक्विटी बेंचमार्क में 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बीते तीन दिनों से अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी थी और ये उम्मीद की जा रही थी कि ट्रंप कम कठोर टैरिफ लगाएंगे, लेकिन जैसे ही टैरिफ का ऐलान हुआ तो बाजार में गिरावट आ गई। अमेरिकी शेयर बाजार में 2.5 प्रतिशत तक की गिरावट दिख रही है। टैरिफ के ऐलान के बाद एस एंड पी 500 की निगरानी करने वाला 577 अरब डॉलर का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सामान्य ट्रेडिंग स्तर से 2.5 प्रतिशत नीचे गिर गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर जवाबी टैरिफ के ऐलान का असर गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार पर देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में ही शेयर बाजार नकारात्मक रुख के साथ खुला। सेंसक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिली। फिलहाल सेंसेक्स 805.58 अंक यानी 1.05 फीसदी गिरकर 75,811.86 अंक पर कारोबार करते दिखा। ऐसे निफ्टी 182.05 अंक यानी 0.78 फीसदी गिरकर 23,150.30 कारोबार कर रहा है।
बीएसएनएल की बड़ी छलांग! भोपाल सहित कई शहरों में शुरू की गई 5जी नेटवर्क टेस्टिंग
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल अब हाई-स्पीड इंटरनेट की दुनिया में बड़ा कदम बढ़ाने जा रही है। लंबे समय से 4 जी नेटवर्क के विस्तार पर काम कर बीएसएनएल ने अब 5जी नेटवर्क की टेस्टिंग शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, भोपाल, कोलकाता, पटना, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों में बीएसएनएल 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर की टेस्टिंग कर रहा है। अगले तीन महीनों में 5जी सेवाएं रोलआउट करने की योजना बना रही है। खास बात यह है कि बीएसएनएल के 4 प्रतिशत टावर ऐसे होंगे जिन्हें 5जी में अपग्रेड किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि जैसे ही टेस्टिंग पूरी होगी, वैसे ही सरकारी टेलीकॉम कंपनी अपनी 5जी सर्विस लॉन्च कर सकती है। अगर बीएसएनएल 5जी बाजार में आ जाता है तो यह भारत की चौथी टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी जो 5जी सेवाएं देगी।
देश में लगातार घट रहे रोजगार के अवसर, 42 लाख नौकरियों पर खतरा
देश में रोजगार के अवसर घट रहे हैं। आलम यह है कि मार्च, 2025 में भारतीय श्रम बाजार सिकुड़ गया, जिससे 42 लाख लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है। इनमें से कुछ लोगों की नौकरी चली गई है और कइयों ने रोजगार की तलाश बंद कर दी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में देश का श्रम बल 45.77 करोड़ से 42 लाख घटकर मार्च में 45.35 करोड़ रह गया। यह नवंबर, 2024 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। वहीं, रोजगार की संख्या भी फरवरी के 41.91 करोड़ से घटकर मार्च में 41.85 करोड़ रह गई। दिसंबर, 2024 के बाद से लगातार तीन महीनों तक रोजगार में गिरावट देखने को मिली है। श्रम बल और रोजगार में यह निरंतर गिरावट अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च में बेरोजगारों की संख्या 3.86 करोड़ से घटकर 3.5 करोड़ रह गई। फरवरी की तुलना में मार्च में करीब 36 लाख कम लोग सक्रिय रूप से नौकरी तलाश कर रहे थे। ये 36 लाख लोग संभवत: रोजगार के अवसरों की कमी के चलते मार्च में श्रम बाजारों से बाहर निकल गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य तौर पर हर महीने बेरोजगारों की संख्या में करीब 10 लाख की शुद्ध वृद्धि होती है।
भारत में भी आ सकता है म्यांमार जैसे बड़ा भूकंप, आईआईटी के साइंटिस्ट की चेतावनी
सागाइंग फॉल्ट …यांमार और बैंकॉक में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने वाले भूकंप का मूल कारण है। इस फॉल्ट को इंटरनेट पर मैप के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है। आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंसेज विभाग के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि सागाइंग फॉल्ट बहुत खतरनाक है। सिलीगुड़ी में गंगा-बंगाल फॉल्ट है। इन दोनों फॉल्टों के बीच कई अन्य फॉल्टलाइन हैं। ऐसी स्थिति में, यह संभावना खारिज नहीं की जा सकती है कि एक फॉल्ट के सक्रिय होने से दूसरा फॉल्ट भी सक्रिय हो सकता है। प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि सागाइंग एक बहुत पुराना फॉल्ट है। उत्तर पूर्व का शियर जोन अराकान से अंडमान और सुमात्रा तक के सबडक्शन ज़ोन का एक हिस्सा है। सागाइंग फॉल्ट जमीन के ऊपर दिखाई देता है। जापानी और यूरोपीय विशेषज्ञों ने सागाइंग पर काम किया है।