बिहाइंड द कर्टन/किरण गोपाल के बाद शमी भी जाएंगी केन्द्र

  • प्रणव बजाज
रश्मि अरुण शमी

किरण गोपाल के बाद शमी भी जाएंगी केन्द्र
मध्य प्रदेश के 2008 बैच के आईएएस अधिकारी वी किरण गोपाल का केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना तय हो गया है। उन्हें नेशनल हेल्थ अथॉरिटी में उप सचिव बनाया गया है। उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि चार साल की होगी। उन्हें मतगणना होते ही प्रदेश सरकार द्वारा रिलीव कर दिया जाएगा। इसके बाद अब 1994 बैच की अधिकारी प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में हैं। उनके द्वारा प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन भी दे दिया गया  है।

राजपूत के बाद सिलावट की भी हुई शिकायत
सूबे के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आखिरकार चुनाव आयोग का शिकंजा कस ही गया है। चुना ऑब्जर्वर की शिकायत पर उनके खिलाफ चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। अब इसके बाद दूसरे मंत्री तुलसीराम सिलावट पर भी इसी तरह की कार्रवाई का डर बना हुआ है। उनके खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से  शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि नेपानगर में तुलसी सिलावट,बागली क्षेत्र में पूर्व मंत्री दीपक जोशी तथा देवास भाजपा अध्यक्ष अभी भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह लोग मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसा बांट रहे है। कांग्रेस ने इनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।

अब जीतू पटवारी ने भी लिखा पत्र
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी भी अब नाथ और दिग्विजय सिंह के पदचिन्हों पर चलने लगे है। वे भी अब जन समस्याओं को लेकर पत्र लिखने लगे हैं। इसकी शुरुआत उनके द्वारा खाद की कमी को दूर करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर कर दी गई है। इसमें उनके द्वारा लिखा गया है कि प्रदेश में बुआई के लिए 20- 25 दिन बचे हैं। इस बीच गेहूं, चना, मसूर और सरसों की बुआई होनी है, जिसके लिए एक लाख मीट्रिक टन डीएपी की तत्काल जरूरत है, लेकिन राज्य में खाद संकट लगातार गहराता जा रहा है। इसकी वजह से बुआई का काम पिछड़ रहा है। इसकी वजह से किसानों को सड़कों पर उतरकर संघर्ष करना पड़ रहा है। अत:प्रदेश के किसानों के हितों के मद्देनजर डीएपी खाद की व्यवस्था तत्काल कराई जाए। दरअसल कांग्रेस की पंरपरा ही ट्वीटर और पत्र लिखने की बन चुकी है।

अनिल दवे की भूमिका में भूपेन्द्र सिंह
वैसे तो भूपेन्द्र सिंह प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री हैं , लेकिन उनकी संगठन में भी अपनी विशेष भूमिका है। वे जब भी प्रदेश में कोई उपचुनाव होता है, जाबली के किलेदार की भूमिका में आ जाते हैं। दरअसल पहले इस काम की कमान पूर्व सांसद और संघ के प्रचारक रहे अनिल दवे के पास स्थाई रूप से रहती थी। उनकी मृत्यु के बाद उनकी टीम के एक अन्य प्रमुख सदस्य बिजेश लुनावत भी अब नहीं रहे हैं, लिहाजा भाजपा को एक ऐसे व्यक्ति की तलाश थी , जो दवे की भूमिका निभा सके। अब संगठन की यह तलाश भूपेन्द्र सिंह के रूप में समाप्त हो चुकी है। पहले हुए विधानसभा उपचुनावों के बाद अब एक बार फिर सिंह के पास ही भाजपा के वार रुम की कमान है। इस जगह से भाजपा हर सीट की प्रत्येक गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। यही वजह है कि बूथ स्तर से लेकर सोशल मीडिया तक की पार्टी और विपक्ष से जुड़ी पलपल की जानकारी इस वार रुम में रहती है। यहां पर अब प्रचार के बाद मतदान होने तक चौबीसों घंटे काम जारी बना हुआ है।

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