बा खबर असरदार/6 माह बाद कोरम पूरा

  • हरीश फतेह चंदानी
 प्रशासनिक व्यवस्था

6 माह बाद कोरम पूरा
प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था किस तरह चल रही है इसका अंदाजा राजस्व मंडल की स्थिति से लगाया जा सकता है। दस्तावेज में भले ही नाम चले, लेकिन हकीकत में राजस्व मंडल पिछले 6 माह से ठप पड़ा हुआ था। यानी पिछले छह माह से यहां न कोई केस सुना गया न निराकरण हुआ। इसकी वजह यह है कि राजस्व मंडल का कोरम अभी तक आधा-अधूरा रहा। सूत्रों का कहना है कि 1990 बैच के जिन वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है, उन्हें उनकी पसंद का अधिकारी नहीं मिल रहा था, इसलिए अभी तक कोरम पूरा नहीं हो पा रहा था। जब मामला ग्वालियर से निकलकर राजधानी की प्रशासनिक वीथिका में पहुंचा तो साहब को कोरम पूरा करने सुध आई और कुछ दिन पहले ही सेवानिवृत्त प्रधान जिला न्यायाधीश को मंडल का नया सदस्य नियुक्ति किया गया है। गौरतलब है कि मंडल में 1991 बैच के एक और आईएएस अधिकारी  प्रशासनिक सदस्य के रूप में पदस्थ हैं। अब कोरम पूरा हो जाने के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि शिकायतों का समाधान तेजी से होगा।

मैडम से मुक्ति की जुगाड़
अपनी आक्रामक और साफगोई के लिए जानी जाने वाली 1994 बैच की एक महिला आईएएस अधिकारी इन दिनों राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिका में खूब चर्चा में हैं। चर्चा इसलिए कि मैडम के आगे किसी की नहीं चल पा रही है। आलम यह है कि विभाग के मंत्री भी अपने आपको मैडम के आगे बौना पा रहे हैं। मंत्रीजी भले ही कद में छोटे हैं, लेकिन उनके पास तीन-तीन महकमे हैं। इसलिए उनका राजनीतिक कद बहुत बड़ा है। यही नहीं मंत्रीजी के पास एक ऐसा मलाईदार विभाग है जो कई मंत्रियों के बड़े-बड़े विभागों पर अकेला ही भारी है। निराशा की बात केवल इतनी सी है कि इस महकमे पर बैठी मैडम मंत्रीजी के निदेर्शों को भाव ही नहीं देती हैं। मंत्रीजी कई बार अलग-अलग नेताओं को अपनी परेशानी बता चुके हैं, लेकिन हल निकल नहीं पा रहा है। हालत यह है कि भारी-भरकम विभाग होने के बावजूद मंत्रीजी कुछ कर ही नहीं पा रहे हैं। अब मंत्रीजी ने मैडम से मुक्ति पाने के लिए दूसरे तरीके निकालना शुरू कर दिया है। सुना है, ऐसी तिकड़मे तलाशी जा रही है, जिनके परिणाम सकारात्मक आना तय हैं। देखना है मंत्रीजी को यह खुशी कब मिलती है।

मैं झुकेगा नहीं…
साउथ के सुपर स्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा का यह डायलॉग मैं झुकेगा नहीं… की खुमारी इन दिनों लोगों पर कुछ  इस कदर चढ़ी है कि वे जाने-अनजाने गलतियां कर बैठते हैं। ऐसी ही गलती एक जिले के कलेक्टर साहब ने कर दी है। 2009 बैच के आईएएस अधिकारी ये साहब अपनी कड़क मिजाजी के लिए जाने जाते हैं। इस कारण कई बार ऐसे काम कर जाते हैं, जिसके कारण न चाहते हुए भी इनसे गलती हो जाती है। ऐसी ही एक गलती के कारण साहब के खिलाफ अवमानना की नोटिस जारी की गई है। दरअसल, एक पंचायत के चुनाव परिणाम को लेकर हाईकोर्ट ने साहब को पुनर्मतणना कराने का निर्देश दिया था। लेकिन झुकने के आदी न रहने वाले साहब ने कोर्ट के आदेश को भी हल्के में ले लिया। बताया जाता है कि कोर्ट के आदेश के साथ जब अभ्यार्थी साहब के पास पहुंचा तो कलेक्टर ने यह कहते हुए आवेदिका का अभ्यावेदन अस्वीकार कर दिया कि उसके पास चुनाव याचिका दायर करने का विकल्प मौजूद है। साहब के इस रुख के बाद कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मैडम का बीहड़ प्रेम या …
अभी हाल ही में 2016 बैच की प्रमोटी महिला आईएएस अधिकारी को एक जिले के एडीएम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। प्रभार मिलने के साथ ही मैडम अचानक चर्चा में आ गई हैं। इसकी वजह यह है कि राज्य प्रशासनिक सेवा की 1999 बैच की यह महिला अधिकारी ने अपनी अब तक की पूरी नौकरी ग्वालियर-चंबल अंचल में ही की है। इससे मैडम का रसूख तो पता चलता ही है, साथ ही यह सवाल भी उठता है कि यह मैडम का बीहड़ प्रेम है या कोई और वजह। दरअसल, मैडम की शिक्षा-दीक्षा इसी अंचल में हुई है। इसके जीवनसाथी अंचल के ही एक जिले में कोचिंग संस्थान चलाते हैं। इस कारण प्रशासनिक सेवा में आने के बाद से ही मैडम जुगाड़ लगाकर अपनी पदस्थापना ग्वालियर-चंबल अंचल में ही करवाती रही हैं। कमलनाथ सरकार के समय उन्हें जिला पंचायत सीईओ टीकमगढ़ बनाया गया था, लेकिन महज 3 महीने के भीतर सरकार ने उनकी मांग पर तबादला ग्वालियर भू-अभिलेख कार्यालय कर दिया। उन्हें सरकार ने दूसरी बार अपर कलेक्टर बनाया है। जबकि वे आईएएस हो चुकी हैं। ग्वालियर-चंबल के राजनीतिक एवं प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि उन्हें जल्द ही ग्वालियर संभाग के किसी जिले का कलेक्टर बनाया जा सकता है।

झाडू के लिए नौकरी छोड़ी
देश के नौकरशाहों में राजनीति प्रेम दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। मप्र में यह खुमारी पहले कम थी, लेकिन अब कई नौकरशाह नौकरी के समय से ही राजनीति की राह बनाने लगते हैं। सूत्र बताते हैं कि राजनीति के चस्के में पड़कर डेढ़ महीने के अंदर दो  आईएएस अधिकारियों ने नौकरी का त्याग कर दिया है। इनमें 2014 बैच के प्रमोटी आईएएस रहे एक साहब ने तो नौकरी के दौरान ही अपनी राजनीति की राह आसान कर ली थी और पार्टी के आका से संकेत मिलने के बाद वीआरएस ले लिया। सूत्र बताते हैं कि नौकरी के दौरान ही साहब का झाडू से लगाव हो गया था। अब साहब जल्द ही झाडू थाम लेंगे। बताया जाता है कि साहब को पार्टी का एडवाइजर बनाने की तैयारी कर ली गई है। साहब पार्टी के एडवाइजर रहने के साथ ही चुनाव भी लड़ेंगे। साहब कहां से चुनाव लड़ेंगे यह तो पता नहीं लेकिन यहां बता दें कि साहब ने नौकरी के दौरान जमकर कमाई की है। इनकी कमाई का आंकलन एक आदिवासी जिले में स्थित इनके रिसोर्ट को देखकर लगाया जा सकता है।

Related Articles