
बिच्छू डॉट कॉम। दशहरे का पावन पर्व 15 अक्टूबर 2021 को मनाया जाएगा। भगवान श्री राम ने दशहरे के ही दिन लंकापति रावण का वध किया था। इसी खुशी में दशमी तिथि को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश में दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। विजयादशमी या दशहरा के दिन श्रीराम, मां दुर्गा, श्री गणेश और हनुमान जी की आराधना करके परिवार के मंगल की कामना की जाती है। इस पावन दिन धन- लाभ के लिए शमी वृक्ष का पूजन करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शमी वृक्ष का पूजन करना शुभ होता है। दशहरा के दिन शमी के पत्तों की पूजा करने के अलावा उसके पत्तों को सोना मानकर दूसरों को देने का चलन भी है। दशहरे के पावन दिन शमी वृक्ष का पूजन करने से मां लक्ष्मी की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
प्रदोष काल में करें शमी वृक्ष की पूजा
विजयादशमी के दिन प्रदोष काल के दौरान शमी वृक्ष का पूजन करने से कार्य में सिद्धि प्राप्त होती है।
पूजा- विधि
पूजन के दौरान शमी के कुछ पत्ते तोड़कर उन्हें अपने पूजा घर में रखें। इसके बाद एक लाल कपड़े में अक्षत, एक सुपारी और शमी की कुछ पत्तियों को डालकर उसकी एक पोटली बना लें। इस पोटली को घर के किसी बड़े व्यक्ति से ग्रहण करके भगवान श्री राम की परिक्रमा करने से लाभ मिलता है।
शनि के अशुभ प्रभावों से भी मिलेगी मुक्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घर में शमी का वृक्ष लगाने से ईश्वर की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। इसके अलावा शनि देव के भी प्रकोप से व्यक्ति बचा रहता है। कहा जाता है कि कवि कालिदास को शमी के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या करने से ही ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।