एक रात में बन गए… 150 से ज्यादा फर्जी अस्पताल

नर्सिंग कॉलेज

-नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में करोड़ों का खेल
-कांग्रेस ने फजीर्वाड़े की जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की

भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में कागजों पर नर्सिंग कॉलेज खुलने और नर्सिंग कॉलेजों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। मामला सीहोर में सामने आया है, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेशभर में नर्सिंग कॉलेज मान्यता के लिए गोरखधंधा चल रहा है। इस गोरखधंधे के तहत कागजों पर अस्पताल बनाकर नर्सिंग कॉलेज की मान्यता ली जा रही है। कांग्रेस के आरोप के अनुसार एक ही रात में करीब 150 फर्जी अस्पताल बनाकर नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में करोड़ों रूपए की लेन देन हुई है।  गौरतलब है कि नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए सीहोर जिले में एक रात में 100 से 300 बेड के कई अस्पताल खुल गए। हालांकि ये अस्पताल सिर्फ नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए कागजों में ही खोले गए हैं। मौके पर न तो कोई बेड है और न ही मरीज। एक-दो जगह सिर्फ बैनर लगे हैं। इसमें कुछ अस्पताल ऐसे भी हैं, जो मौके पर दिख ही नहीं रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ, जब बुधवार शाम 5 से रात 12 बजे के बीच नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल के पोर्टल पर अंतिम दिन कॉलेज की संबद्धता के लिए बड़ी संख्या में आवेदन हुए। पोर्टल पर महज सात घंटे में एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल की बेड संख्या 100 से 300 तक हो गई।
कॉलेजों के पते पर चल रहीं दुकानें तो कहीं खाली मकान
नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल के पोर्टल पर कॉलेज की संबद्धता के लिए बने अस्पताल का मौका मुआयना किया तो हालात चौंकाने वाले मिले। कहीं दुकानें तो कही खाली मकान मिले। पटवारी कॉलोनी इंदौर-भोपाल मेन रोड अलीपुर आष्टा स्थित महादेव हॉस्पिटल को 100 बेड का बताया गया है, यहां कोई अस्पताल नहीं है। कन्नौद रोड स्थित हिन्दूजा हॉस्पिटल का भी पता नहीं चला। नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए नसिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पोर्टल पर 845/1, सज्जाद पेट्रोल पंप के पास इंदौर नाका सीहोर स्थित मां पीताम्बरा हॉस्पिटल की बेड संख्या 200 बताई गई है, जबकि मौके पर इस नाम का कोई अस्पताल नहीं है। आसपास के लोगों को भी इस अस्पताल के बारे में जानकारी नहीं है।
कईयों के पते फर्जी
जिन कॉलेजों की मान्यता दी गई है, उनमें कइयों के पते फर्जी हैं। छोटी क्लीनिक के नाम पर कॉलेजों का रजिस्ट्रेशन किया गया है तो कहीं कॉलेज के पते पर खाली मकान और दुकानें चल रही हैं। स्वयं के न्यूनतम 100 बिस्तर के अस्पताल की शर्त के कारण प्रदेश में फर्जी अस्पतालों की बाढ़ आ गई है। नर्सिंग रजिस्ट्रेशन  काउंसिल को नर्सिंग कॉलेज की संबद्धता के लिए आॅनलाइन किए गए आवेदन में आष्टा आदर्श कॉलोनी सेमनरी रोड आष्टा स्थित आस्था हॉस्पिटल को 200 बेड का बताया गया है, जबकि यहां तीन मंजिली डिल्डिंग खाली पड़ी है। बिल्डिंग के एक कमरे में नशा मुक्ति केन्द्र चल रहा है।
बांटी जाएंगी नर्सिंग की बोगस डिग्रियां
नियम है कि जब भी कोई व्यक्ति प्राइवेट अस्पताल खोलता है या फिर पुराने रजिस्टर्ड अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए आवेदन करता है तो पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल का जायजा लेती है। इसके बाद प्रक्रिया पूरी होती है। नर्सिंग कॉलेज की मान्यता नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंग से होती है। काउंसिल की गाइड लाइन के हिसाब से 100 बेड के अस्पताल पर 30 और 200 बेड के अस्पताल पर 60 सीट आवंटित की जाती हैं। इसी के लिए ऐसी साठगांठ होती है। अब प्रदेश में जितने भी नर्सिंग कॉलेज कागजों पर खुले हैं वे नर्सिंग की बोगस डिग्रिया बांटेगें।
फर्जीवाड़े की जांच कराने की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने इस फर्जीवाड़े की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि नर्सिंग कॉलेजों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जिन कॉलेजों की मान्यता दी गई है, उनमें कइयों के पते फर्जी हैं। छोटी क्लीनिक के नाम पर कॉलेजों का रजिस्ट्रेशन किया गया है तो कहीं कॉलेज के पते पर खाली मकान और दुकानें चल रही हैं। नर्सिंग कॉलेज संचालक और बाबुओं की मिलीभगत से बिना अस्पताल के ही कॉलेजों को मान्यता मिल गई। सीएमएचओ कार्यालय ने भी फर्जी कागजों के आधार पर मान्यता दे दी। यह बड़ा फर्जीवाड़ा है।

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