
-राजस्व विभाग के अफसरों की लापरवाही व मनमानी से सरकार को लगी करोड़ों की चपत
-राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नियमों की उड़ाई धज्जियां
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अधिकारी किस तरह नियमों को ताक पर रखकर सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं इसका खुलासा नियंत्रक महालेखा परीक्षक की जांच में हुआ है। कैग की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के लगभग 20 जिलों के अंतर्गत 28 एसडीओ ने डायवर्जन, भू-भाटक और प्रीमियम निर्धारण में अनयिमतता करते हुए सरकारी खजाने को लगभग तीन करोड़ रुपए का चूना लगाया। नियंत्रक महालेखा परीक्षक की जांच में एसडीओ की अनियिमितता आने के बाद विभागीय स्तर पर सभी 28 एसडीओ को नोटिस जारी किया जाएगा। हालांकि सूत्रों के अनुसार इस मामले को दबाने की कोशिश शुरू हो गई है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर वर्ष 2018-19 तक की अविधक के इन मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। प्रदेश सरकार के लिए कर संग्रहण में महत्वपूर्ण भूमिका वाले महकमे राजस्व विभाग में अफसर किस तरह लापरवाह व मनमाने तरीके से नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित राजस्व कार्यालयों के 28 अनुविभागीय अधिकारियों ने प्रदेश सरकार को कृषि व आवासीय भूमि के डायवर्जन, भू-भाटक के निर्धारण में अनियमितता की है।
नियमों का नहीं किया पालन
मप्र भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 59 के अनुसार किसी उद्देश्य के लिए निर्धारित भूमि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए परिवर्तित किया जाता है, तो ऐसी भूमि के लिए देय भू-राजस्व एवं प्रीमियम को उस उद्देश्य के अनुसार जिसके लिए परिवर्तित किया गया है, संशोधित दरों के आधार पर वसूला जाएगा। साथ ही भूमि के बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए अध्यक्ष, केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड और महानिरीक्षक,पंजीयन ने अप्रैल 2015 बाजार मूल्य के दिशा-निर्देशों के लिए प्रावधान जारी किए हैं। एसओ संचालनालय डीके सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, आॅडिट रिपोर्ट में अनियमितता पाए जाने के बाद आगामी कार्रवाई के लिए प्रक्रिया तय की जाएगी। उच्च अधिकारियों द्वारा जल्द ही अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।
सरकार को 2 करोड़ 94 लाख की चपत
लेखा परीक्षा के तहत 28 जिलों में अप्रैल 2015 से लेकर मार्च 2019 के दौरान के कुल 42,408 प्रकरणों में से 8,313 प्रकरणों की जांच की गई। इसके अलावा जून 2019 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच के 527 प्रकरणों में डायवर्जन भूभाटक और प्रीमियम आरोपण के लिए भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण में नियमों का गैर अनुपालन, विचलन पाया गया। इसके चलते 2.89 करोड़ रुपए का भू-राजस्व एवं प्रीमियम का कम मूल्य आंका गया। साथ ही 5 लाख रुपये का पंचायत उपकर का अनारोपण हुआ, इन मामलों में प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग को 2 करोड़ 94 लाख रुपए का कम कर प्राप्त हुआ।