
- पीएससी परीक्षा: राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 में संशोधन, अधिसूचना जारी
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। लंबे समय से अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे मप्र पीएएसी के परीक्षार्थियों के लिए एक खुशखबरी है। मध्य प्रदेश पीएससी 2019 के मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम अब जल्द ही घोषित हो सकता है। सरकार ने एमपी पीएससी भर्ती परीक्षा नियम 2015 में किए गए अपने संशोधन को वापस ले लिया है। इसके बाद इन दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम जारी हो सकेगा। इस मामले में कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में संशोधन करके राजपत्र में अधिसूचित कर दिए हैं। दरअसल इसी साल जनवरी में पीएससी परीक्षा से जुड़े 65 परीक्षार्थियों ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लागई थी। याचिका के माध्यम से यह मांग उठाई गई थी कि एमपी पीएससी परीक्षा भर्ती नियम 2015 के तहत सरकार ने एक ऐसा विवादित नियम ला दिया था जिसके बाद आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस छात्रों को अनारक्षित वर्ग में नहीं चुना जा रहा था। इस मामले पर करीब 1 साल तक सुनवाई चली। संशोधित नियम के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर कुल पदों के बीस गुना प्रवर्गवार अभ्यर्थियों को इस शर्त पर मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाएगा कि उन्होंने आयोग द्वारा तय अंक प्राप्त किए। प्रारंभिक चरण में अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ निर्धारित किया जाएगा। इसके बाद एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की कट आॅफ निर्धारित की जाएगी। दूसरे चरण में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की वर्गवार अलग-अलग सूचियां तैयार करके वर्गवार कट आॅफ तय किया जाएगा। महिला और भूतपूर्व सैनिकों को शासन के नियमों के तहत सभी वर्गों में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। सूचियां तैयार करने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की संयुक्त सूची बनाई जाएगी और परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर कुल पदों के तीन गुना प्रवर्गवार अभ्यर्थियों को इस शर्त के साथ साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किया जाएगा कि उसने आयोग द्वारा तय अंक प्राप्त किए हों। महिला एवं भूतपूर्व सैनिकों को इस संबंध में समय-समय पर नियमों के अनुसार सभी वर्गों में आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। सभी सूचियां तैयार करने के बाद साक्षात्कार के लिए पात्र अभ्यर्थियों की संयुक्त सूची बनाई जाएगी और परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। साक्षात्कार के बाद आयोग अभ्यर्थियों की प्रावीण्य सूची उनके द्वारा मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर गुणानुक्रम अनुसार तैयार करेगा। समान अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों का प्रावीण्यता क्रम आयोग के आदेश द्वारा मापदंड के अनुसार तय होगा। इसमें भी मुख्य परीक्षा की तरह सूची तैयार की जाएगी। सभी वर्गों में महिलाओं और भूतपूर्व सैनिक अभ्यर्थियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। दिव्यांगजनों की विभिन्न श्रेणियों के लिए तय पदों के लिए सिर्फ उसी श्रेणी के दिव्यांगजनों को चयनित किया जाएगा। ऐसे महिला, भूतपूर्व सैनिक एवं दिव्यांगजन अभ्यर्थी जो विभिन्न वर्गों में उनकी प्रावीण्यता के आधार पर पूर्व में ही चयनित हो चुके हैं, की गणना उसी प्रवर्ग के आरक्षित पदों के विरुद्ध की जाएगी।
ऐसे महिला भूतपूर्व सैनिक एवं दिव्यांग अभ्यर्थी जो अपनी प्रवीण योग्यता के आधार पर चयनित नहीं हुए हैं उन्हें अनारक्षित अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग जिससे हुए संबंधित हैं के संबंधित श्रेणी के प्रवीण सूची के सबसे नीचे से अभ्यार्थियों को विलोपित करके समायोजित किया जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी
पिछली सुनवाई में सरकार ने अपनी अंडरटेकिंग देते हुए कहा था कि आगामी कैबिनेट की बैठक में इस विवादित नियम को खत्म करने के लिए कार्रवाई कर ली जाएगी। कैबिनेट ने 2015 के उस नियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने आज कोर्ट को इसकी जानकारी दी। सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में नियत की है।
नियम पर ऐतराज
2015 के इस विवादित नियम के कारण आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग में नहीं चुने जा रहे थे। इस विवादित नियम के कारण वर्ष 2019 की मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं के रिजल्ट अब तक घोषित नहीं हो पाए हैं। सरकार के इस विवादित नियम को वापस ले लेने के बाद यह उम्मीद है कि अगली सुनवाई में जब सरकार की ओर से अदालत के समक्ष जवाब पेश किया जाएगा तो इन दोनों ही परीक्षा परिणामों का रास्ता भी साफ होगा।
806 पदों के लिए परीक्षा
पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा में कुल 571 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल 235 पदों पर भर्ती होना है। इन पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा में हजारों परीक्षार्थी शामिल हुए थे।