रिटायर्डमेंट के पहले शमीमउद्दीन का बड़ा खेल, दागी अफसर को किया उपकृत

स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। नौकरी से रिटायर्ड होने से पहले एमपी स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक शमीम उद्दीन ने बड़ा खेल करते हुए अपने एक चहेते दागी अफसर को भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बनाकर बड़ा खेल कर दिया है। दरअसल शमीमउद्दीन की नौकरी के तीन माह ही शेष रह गए हैं, ऐसे में उन्हें अपने चहेते अफसरों को उपकृत करने की चिंता सता रही है। यही वजह है कि उनके द्वारा 60 लाख रुपए के गबन के आरोपी डीव्हीकेव्ही राव को भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ बना दिया है। इसके उनके द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। राव के साथ ही भोपाल दुग्ध संघ के सीईओ आरपीएस तिवारी को ग्वालियर दुग्ध संघ का सीईओ पदस्थ किया गया है। खास बात यह है कि सात माह पहले ही भोपाल में पदस्थ किए गए तिवारी को अल्प समय में अच्छा काम करने के बाद भी राव की पदस्थापना के लिए हटा दिया गया है। तिवारी ने महज सात माह के अल्प कार्यकाल में ही संघ की एफडी 100 करोड़ से बढ़ाकर 133 करोड़ तक पहुंचा दी है। फेडरेशन के एमडी शमीम उद्दीन ने तीस नवंबर को राव की पदस्थापना मनचाही जगह करने के लिए तीन अधिकारियों की नवीन पदस्थापना के आदेश जारी किए। जिसमें भोपाल दुग्ध संघ के सीईओ आरपीएस तिवारी को ग्वालियर का सीईओ बनाया गया है। जबकि भोपाल दुग्ध संघ का सीईओ उप महाप्रबंधक डीव्हीकेव्ही राव को बनाया गया है। ग्वालियर दुग्ध संघ के सीईओ अनुराग सिंह सेंगर को प्रभारी विपणन ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ पदस्थ किया गया है। खास बात यह है कि इस आदेश में एमडी ने इन तीनों ही अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने के साथ ही बिना कार्यग्रहण अवधि का उपयोग किए नवीन पदस्थापना स्थल पर उपस्थित होकर अपना उपस्थित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।

तिवारी के प्रयासों से अफसरों की आय पर मंडरा रहा था खतरा  
फिलहाल भोपाल दुग्ध संघ में मिल्क पाउडर का निर्माण नहीं किया जाता है। अभी यह पाउडर इंदौर, ग्वालियर दुग्ध संघ व बिलकिसगंज की एक प्राइवेट फैक्ट्री से मंगाया जाता है। इसकी वजह से तिवारी ने भोपाल दुग्ध संघ में मिल्क पाउडर की मशीन लगाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली थी। इस पर लगभाग 50 से 60 करोड़ रुपए का खर्च संभावित है।  इस मशीन के लगने के बाद  भोपाल दुग्ध संघ को दो करोड़ रुपए से अधिक की हर साल अतिरिक्त आमदनी होने लगती। बताया जा रहा है कि इस मशीन के लगने से आयात किए जाने वाले मिल्क पाउडर पर रोक लगने की वजह से अधिकारियों की आय प्रभावित होना तय है, जिसकी वजह से यह अधिकारी नाराज चल रहे है। यह बात अलग है कि तिवारी ने अपने सात माह के कार्यकाल में ही भोपाल दुग्ध संघ की एफडी में 33 करोड़ की वृद्धि कर दी, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी भी करवा दी। यही वजह है कि  उनके खिलाफ कुछ लोगों ने साजिश रचते हुए फर्जी रुप से लोकायुक्त में मामला चलने का आरोप लगाते हुए शिकायत की। जबकि उन पर कोई भी मामला लोकायुक्त में नहीं है।

राव की चल रही है विभागीय जांच
भोपाल दुग्ध संघ के नए सीईओ राव के खिलाफ शासन स्तर से जांच की जा रही है। उन पर आरोप है कि सहकारी साख समिति गेट पार्लर के मिलने वाले लाभ में उनके द्वारा करीब 60 लाख रुपए का गबन किया गया है। इस मामले की अभी विभागीय जांच भी चल रही है। इसके बाद भी फेडरेशन द्वारा इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया  है। यही नहीं उन पर जबलपुर में सीईओ रहते हुए अनियमितता की भी जांच गठित की गई कमेटी द्वारा की जा चुकी है। इस जांच रिपोर्ट पर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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