किसानों के लिए खाद बना मुसीबत करना पड़ रहा चक्काजाम

किसान
  • प्रशासन के लाख दावे के बाद भी समस्या बरकरार

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। इन दिनों प्रदेश में रबी फसलों की बुवाई हो रही है। लेकिन अधिकतर किसान  खाद के लिए या तो समितियों के चक्कर काट रहे हैं या धरना, प्रदर्शन और सड़क पर चक्काजाम कर रहे हैं। प्रदेश का कोई भी जिला ऐसा नहीं है जहां का किसान खाद के लिए परेशान न हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ शासन-प्रशासन का दावा है कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है।
    शासन-प्रशासन के लाख दावे के बाद भी खाद की समस्या बरकरार है। कहीं किसान का पूरा परिवार तो कहीं छात्र-छात्राएं खाद के लिए कतार में नजर आ रहे हैं। प्रदेश के अलग अलग जिलों में खाद की किल्लत से किसान परेशान है। जानकारी के मुताबिक 52 में से 35 जिलों में जरूरत से कम खाद मौजूद है। जिसके चलते किसानों को खाद पर्याप्त नहीं मिल पा रहा। उधर किसानों की दूसरी बड़ी मुसीबत भी नकली खाद ने बढ़ा रखी है। इसका खुलासा भी खाद के नमूनों की जांच में हुआ है। कुछ समय के अंदर लिए गए खाद के नमूने की जांच कराई गई तो आधा सैकड़ा नमूने अमानक निकले।
    बेकाबू हो रही भीड़
    यूरिया खाद की समस्या और कालाबाजारी लगातार उजागर हो रही है। प्रशासन के लाख दावे के बाद भी खाद की समस्या उत्पन्न हो रही है। कुछ इसी तरह डीएपी खाद की समस्या और वितरण प्रणाली में लापरवाही से परेशान किसानों ने सतना शहर के कोलगवां थाना अंतर्गत बिरला रोड में चक्काजाम कर दिया और जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़क पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए गए। कुछ देर बाद बेकाबू हुई भीड़ ने पत्थरबाजी भी कर दी, हालांकि इस दौरान किसी तरह का नुकसान किसी को नहीं हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने जब किसानों को खाद दिलाने की जिम्मेदारी उठाई तब जाकर बड़ी मशक्कत से किसान माने और चक्काजाम व प्रदर्शन समाप्त किया। इस प्रदर्शन के कारण लगभग डेढ़ घंटे तक बिरला रोड में जाम की स्थिति रही।
    सुबह से लग जाती है कतार
    प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और किल्लत का आलम यह है कि बिक्री केंद्रों पर सुबह से कतार लग जाती है। सतना के बिरला रोड स्थित खाद वितरण केंद्र में सुबह से ही किसानों की लंबी कतार डीएपी खाद लेने के लिए लगी थी। यहां किसान कई घंटे से कतार में लगे थे जिन्हें टोकन के माध्यम से खाद दी जानी थी लेकिन एन वक्त में किसानों को खाद तो क्या कई घंटे कतार में लगने के बावजूद टोकन तक नसीब नहीं हुआ था। भूखे प्यासे कतार में खड़े किसानों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब दोपहर के बाद भी किसानों को खाद नसीब नहीं हुई और भीड़ बढ़ती गई। इस दौरान गुस्से से आग बबूला किसानों ने सड़क डिवाइड निर्माण के दौरान तोड़े गए पत्थरों को उठाकर बीच सड़क पर रख दिया और सड़क जाम कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से जब पुलिस कर्मी हटने के लिए कहने लगे तभी किसी के द्वारा सड़क से एक पत्थर उठाकर चला दिया गया। इस दौरान पुलिस ने कुछ किसानों को खदेड़ दिया। स्थिति सामान्य रही और किसी को चोट और नुकसान नहीं पहुंचा।
    दो दिन के चक्काजाम के बाद सक्रिय हुआ प्रशासन
    बुदेंलखंड अंचल के निवाड़ी जिला मुख्यालय में तो हद यह हो गई कि खाद के पर्याप्त भंडारण के बाद भी विपणन केन्द्र के जिम्मेदार खाद देने के लिए तैयार नहीं थे, लिहाजा दो दिनों तक किसानों को चक्काजाम  तक करना पड़ा। इसके बाद सक्रिय हुए प्रशासन ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर जब एफआईआर कराई , जब स्थानीय विधायक को सामने आना पड़ा।
    अमानक खाद का शिकार हुए किसान
    प्रदेश में खाद संकट के बीच माफिया ने जमकर खेल खेला है। खाद संकट के बीच इस माफिया ने नकली खाद बड़े पैमाने पर बेंच डाला। खाद डालने के बाद जब तक  प्रशासन की नींद खुलती काफी देर हो चुकी थी। जिस खाद की जांच डलने से पहले हो जानी थी, वो जांच तब कराई गई जब खाद खेतों में डल चुका है। जब नकली खाद की शिकायतों का आना शुरू हुआ तो अफसरों ने कुछ सहकारी समितियों और निजी फर्मों से खाद के नमूने जांच के लिए। इनमें से अब तक जो रिपोर्ट आयी है उसके मुताबिक 202 नमूनों की जांच रिपोर्ट में 50 नमूने अमानक पाए गए। इसके बाद कृषि विभाग ने आधा दर्ज फर्म संचालकों का लाइसेंस निरस्त किया है, जबकि एक फर्म संचालक पर एफआईआर कराई है।

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