
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में राजस्व अभिलेख शुद्धिकरण के लिए सरकार द्वारा चलाए गए अभियान के पूरे पखवाड़े में शहडोल संभाग सभी संभागों पर भारी पड़ा है। इस मामले में इसकी वजह से शहडोल को पहला स्थान मिला है। खास बात यह कि इस मामले में प्रदेश के चारों राजभोगी संभाग फिसड्डी साबित हुए हैं। यह स्थान शहडोल को ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर मिला है। खास बात यह है कि इस संभाग के तहत जो तीन जिले आते हैं वे अत्यंत पिछड़े होने के साथ ही आदिवासी बाहुल्य भी हैं। इस संभाग के तहत अनूपपुर, शहडोल और उमरिया आते हैं। यही नहीं इस मामले में शहडोल ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे महानगरों वाले संभागों को काफी पीछे छोड़ दिया है। जानकारी के अनुसार दिवंगत भूमि स्वामियों के नाम रिकार्ड से हटाकर उसे पूरी तरह ठीक करने के मामले में इस संभाग का शहडोल जिला पूरे प्रदेश में पहले नंबर पर आया है। इसी तरह से शून्य क्षेत्रफल वाले खसरों को ठीक करने में अनूपपुर 11 वें, उमरिया 39 वें और शहडोल 3 वें स्थान पर है। भूमि के प्रकार दर्ज करने में अनूपपुर को 9 वां, उमरिया को 30 वां और शहडोल को 39 वां स्थान मिला है। भूस्वामी प्रकार में सुधार करने के मामले में अनूपपुर की आठवीं रैंक आयी है। इस मामले में उमरिया की 25 वीं और शहडोल की 37 वीं रैंक रही है। इसी तरह मूल बटांक, आंकिक खसरा संख्या, डायवर्जन एंट्री, डाटा परिमार्जन में भी शहडोल संभाग को पहला स्थान मिला है। राजस्व अभिलेख शुद्धिकरण करने में चंबल संभाग पूरे प्रदेश में फिसड्डी साबित हुआ है। इस संभाग के तहत आने वाले भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों को काम के आधार पर दी गई रैंकिंग से चंबल संभाग दसवें नंबर पर है। इसी तरह से ग्वालियर संभाग नौवें नंबर पर और जबलपुर को चौथा तथा भोपाल संभाग को प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है। खास बात यह है कि सबसे बेहतर काम करने में शहडोल के बाद रीवा संभाग रहा है। इस मामले में सागर और नर्मदापुरम संभाग आठवें और नौवें स्थान पर है। उल्लेखनीय है कि शहडोल जिले के फौती नामांकरण के 2 हजार 562 प्रकरण दर्ज थे। इनमें से 1843 में सुधार कर दिया गया है। जिले में कुल 71.94 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। दूसरे स्थान पर नरसिंहपुर जिला है। यहां 61 .19 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। कुल 973 प्रकरणों का निराकरण यहां किया गया है।