बिहाइंड द कर्टन/इस हफ्ते हो जाएगा शिवराज मंत्रिमंडल का पुर्नगठन

  • प्रणव बजाज
शिव सरकार

इस हफ्ते हो जाएगा शिवराज मंत्रिमंडल का पुर्नगठन
शिव सरकार के करीब एक दर्जन मंत्रियों की धड़कने बीते कुछ समय से कम ही नहीं हो पा रही हैं। पहले उपचुनाव इसकी वजह थी, तो फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भोपाल दौरा। इन दोनो की वजह अब  समाप्त हो गई हैं। लिहाजा प्रदेश मंत्रिमंडल के पुर्नगठन की संभावनाओं को बल मिल रहा है। कहा जा रहा है कि  मोदी के दौरे के बाद शिवराज अपनी कैबिनेट के पुर्नगठन की तैयारियों में लग जाएंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि यह पुर्नगठन इसी सप्ताह संभावित है। इसके चलते माना जा रहा है कि खराब  प्रदर्शन करने वाले लगभग चार मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है, जबकि पांच विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। फिलहाल मंत्रिमंडल में   31 मंत्री हैं और तीन मंत्री और बनाए जा सकते हैं। जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है उसमें सुलोचना रावत, राजेंद्र शुक्ला के अलावा दो आदिवासी विधायकों के नाम चर्चा में बने हुए हैं। इसके साथ ही कई मंत्रियों की छुट्टी करने की जगह उनके विभागों में फेरबदल भी किया जा सकता है।

वन मंत्री शाह को मिला  दिग्विजय का साथ
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का साथ अब शिव सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह को मिला है। उनके पक्ष में अब सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर उनके वंशज वन मंत्री विजय शाह को दो-दो बार अपमानित किया गया है। ऐसा करने वाले भाजपा नेताओं को प्रधानमंत्री के मंच पर जगह नहीं दी जाना चाहिए। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले ही जबलपुर में आयोजित आदिवासियों के कार्यक्रम के दौरान पहले शाह को मालगोदाम में और फिर मंच पर जगह न देकर अपमानित किया गया। यदि ऐसा करने वालों को यदि मंच पर पीएम जगह देते हैं, तो माना जाएगा कि ये बिरसा मुंडा के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनका आदिवासियों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा है कि भाजपा आदिवासियों का शोषण करने वाली पार्टी है। विदिशा मेडिकल कॉलेज में आदिवासी सीटों को डी-रिजर्व करते हुए जनरल श्रेणी में भरने का जुर्म किसने किया?

सलमान  के खिलाफ  विधायक डागा ने खोला मोर्चा
देशभर में विवाद की वजह बनी वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पुस्तक में हिन्दुत्व की तुलना बोकोहरम व आईएसआईएस से करने व अभिनेत्री कंगना रनौत के आजादी वाले बयान के विरोध में बैतूल के कांग्रेस विधायक निलय डागा ने मोर्चा खोल दिया है। डागा का कहना है कि खुर्शीद को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाना चाहिए, जबकि उन्होंने कंगना रनौत को मानसिक विकलांग बताते हुए उन्हें पागल खाने भेजकर उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की है। डागा का कहना है कि खुर्शीद ने जो लिखा है, वह गलत है और वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे। डागा ने कहा कि हिन्दू कभी आतंकवादी हो ही नहीं सकता। हिन्दू धर्म में आतंक नहीं सिखाया जाता। इसी तरह से उनके द्वारा कंगना को दिए गए पद्मश्री अवार्ड वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने लाखों-करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और उनकी शहादत पर प्रश्न चिन्ह लगाया है।

अब सचिन भी खड़े हुए पूरनी के खिलाफ
अपनी लोकसभा उपचुनाव में खंडवा लोकसभा सीट पर हुई हार से नाराज कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण पूरनी द्वारा पंधाना विस सीट पर मिली तीस हजार मतों की हार की पर अप्रत्यक्ष रूप से इस सीट के प्रभारी सचिन यादव को दोषी ठहराया था, जवाब में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई एवं कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने भी अब पूरनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूरनी के बाद अब सचिन ने पीसीसी चीफ कमलनाथ से अपने क्षेत्र के कुछ नेताओं के साथ मुलाकात कर अपना पक्ष रखा और पूरनी के खिलाफ शिकायत भी की। इस दौरान उनके द्वारा यह बताने का प्रयास किया कि सभी ने पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम किया। काम न करने के आरोप पूरी तरह से असत्य हैं। इस पर नाथ के कहने पर यादव व अन्य नेताओं ने अपनी बात लिखित में रखी। इसमें यादव और उनके समर्थकों द्वारा यह बताने का प्रयास किया गया कि पूरनी ने चुनाव ढंग से नहीं लड़ा है। यही नहीं पुरनी को लेकर कुछ मतदाताओं में नाराजगी थी। यह नाराजगी आखिरी समय तक दूर नहीं हो सकी।  

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