
-राज्य शिक्षा केंद्र के सारे नियम तार-तार
-संचालक के निर्देश के बाद भी नहीं हटाए गए प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारी-कर्मचारी
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, लेकिन जिन जिला शिक्षा केंद्रों पर इसकी जिम्मेदारी है, उनमें दूसरे विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों-कर्मचारियों का कब्जा है। प्रतिनियुक्ति पर आये ये अधिकारी-कर्मचारी अंगद के पांव की तरह इस कदर जमे हुए हैं कि राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक के निर्देश के बाद भी कोई उन्हें हटा नहीं पा रहा है।
जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश भर के अधिकांश जिला शिक्षा केंद्रों में सालों से प्रतिनियुक्ति का खेल चल रहा है। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों को हटाने व खाली पदों को भरने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र कई बार निर्देश जारी कर चुका है। लेकिन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।
फिर लिखा सभी कलेक्टरों को पत्र
जिला शिक्षा केंद्रों में सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमे कर्मचारियों को हटाने के लिए एक बार फिर से राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इसमें जिला शिक्षा केंद्र में खाली पदों को भरने के लिए बीस अक्टूबर तक निर्देश जारी किए है। दरअसल राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा बनाए गए नियमों को दरकिनार कर भोपाल जिला शिक्षा केंद्र में काम किया जा रहा है। यहां अधिकांश पदों पर काम करने वाले कर्मचारी नियम विरुद्ध जमे हुए है। जिला शिक्षा केंद्र में सभी पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाते है। प्रतिनियुक्ति न्यूनतम दो साल व अधिकतम चार साल तक दी जा सकती है। लेकिन यहां दस-दस सालों से कर्मचारी एक ही पद पर जमे हुए है।
विभाग बंद फिर भी जमे हैं
विभाग में चल रही भर्राशाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी के जिला शिक्षा केंद्र में प्रभार का खेल भी चल रहा है। यहां कुछ कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर आए और उनका विभाग भी बंद हो गया। लेकिन सालों से यह कर्मचारी एक ही पद पर जमे हुए है। अध्यापक संगठन कई बार सालों से जमे कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने व खाली पदों को भरने के लिए ज्ञापन दे चुके है। बावजूद उसके जिला स्तर पर अधिकारी मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते है।
अनियमितता करने वालों पर भी मेहरबानी
जिला शिक्षा केंद्रों में अनियमितता करने वालों पर विशेष मेहरबानी देखी जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र के आदेशानुसार जन शिक्षा केंद्र का बैंक खाता जन शिक्षा केंद्र पर पदस्थ प्रभारी एवं जन शिक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होता है। जन शिक्षा केंद्र निशातपुरा में दिसंबर 2019 से कल्पना तिवारी एवं उपेंद्र कौशल जन शिक्षक के पद पर पदस्थ है, जबकि कैलाश धौलकर को मार्च 2020 में जन शिक्षक पद से डीपीसी कार्यालय के लिए कार्य मुक्त कर दिया गया है। जनशिक्षक के पद पर अर्हता, योग्यता नहीं रखने के बाद भी धौलकर अधिकारियों की कृपा दृष्टि से जनशिक्षा केंद्र बैरागढ़ में कार्य कर रहे है अन्य जनशिक्षा केंद्र में कार्य करने के बाद भी अन्य जनशिक्षा केंद्र निशातपुरा का वित्तीय प्रभार अपने पास रखे हुए है। जोकि विभाग के नियमों के विरुद्ध है और अनियमितता की श्रेणी में आता है। मामले की शिकायत डीपीसी राजेश बाथम तक पहुंची, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।