
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आज झाबुआ दौरे पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। वे आज वहां पर जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं।
इसकी वजह है बीते दो दिन से चल रहा घटनाक्रम। इस जिले के तहत आने वाली जोबट विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने रणनीति के तहत बेहद गोपनीय ढंग से स्थानीय नेताओं को विश्वास में लिए बगैर कांग्रेस नेत्री सुलोचना रावत और उनके बेटे विशाल को न केवल भाजपा में शामिल कराया है बल्कि विशाल को टिकट देना भी तय कर लिया है। पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा इस मामले में लिए गए मनमाने निर्णय को स्थानीय भाजपाई पचा पाने को तैयार नही है। भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा लिए गए इस फैसले के विरोध में स्थानीय प्रभावशाली भाजपा नेता विद्रोही तेवरों के साथ सामने आने लगे हैं। माना जा रहा है कि विशाल को प्रत्याशी बनाए जाने की अधिकृत घोषणा होने पर यह विद्रोह और अधिक भड़क सकता है। बीते रोज जनजातीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन की तैयारियों को लेकर झाबुआ पहुंचे मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा के सामने मूल भाजपाईयों का आक्रोश फूट पड़ा।
भाजपा नेताओं ने इस दौरान न केवल उन्हें जमकर खरी खोटी सुनाई बल्कि उनके सामने इस्तीफा तक की पेशकश कर डाली। हालत ऐसे बने रहे कि आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं को सकलेचा के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष वकील सिंह ठकराला और विधानसभा प्रभारी पूर्व विधायक कल सिंह भांवर की भी कोई बात नहीं सुनी गई। जिसकी वजह से काफी देर तक हंगामा जारी रहा।
हंगामा करने वाले कार्यकर्ताओं में सर्वाधिक आक्रोश पूर्व विधायक माधो सिंह के समर्थकों में अधिक देखा गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान आज झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा कई विकास कार्यों की सौगातें दिए जाने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को हितलाभ वितरण तो किया ही जाएगा। इसके अलावा स्व सहायता समूहों के सदस्यों से भी संवाद करने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री द्वारा आज ही जिले के एक दर्जन निर्माण कार्यों का भी लोकार्पण करने का कार्यक्रम भी है। उल्लेखनीय है कि जोबट विधानसभा सीट पर आम चुनाव में कांग्रेस की कलावती भूरिया ने जीत हासिल की थी। उनकी कोरोना के चलते हुई मृत्यु की वजह से यह सीट रिक्त हुई है। यह सीट कांग्रेस के प्रभाव वाली मानी जाती है।
जयस ने भी ठोकी ताल
भाजपा में असंतोष के बीच जय आदिवासी संगठन ने भी चुनावी ताल ठोकना शुरू कर दिया है। जयस की ओर से नीतेश अलावा ने उपचुनाव में उतरने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से भी इस्तीफा देने की भी घोषणा कर दी। उनका कहना है कि यह फैसला उनके द्वारा समाज के स्वजनों की इच्छा की वजह से लिया गया है। गौरतलब है कि इस इलाके में जयस का बहुत अधिक प्रभाव माना जाता है।
