
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के अफसरों ने मनमाने तरीके से अपने चहेते किसानों को सरकार को अंधेरे में रखकर 56 लाख रुपए बांट दिए। इस मामले का खुलासा हाल ही में आडिट के समय हुआ है। खास बात यह है कि इस राशि का भुगतान भी अफसरों ने इसी साल 3 जून 2021 को आयोजित एक कार्यक्रम में कृषि मंत्री सहित राज्य शासन के अन्य दो मंत्रियों से सिंगल क्लिक के माध्यम से कराया है।
इस दौरान भोपाल मंडी के 45 किसानों को 36,00,674 रुपए तथा रायसेन मंडी के 27 किसानों की राशि रुपए 20,78,135 रुपए उनके खातों में सीधे ट्रांसफर किए गए। भुगतान की फाइल जब ऑडिटर के पास पहुंची तो इस प्रकरण में भोपाल मंडी के ऑडिटर ने इस पर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि बगैर राज्य सरकार के अनुमोदन के मंडी निधि की राशि इस प्रकार खर्च करने का मंडी बोर्ड को अधिकार ही नहीं है। इसकी वजह है उक्त भुगतान के लिए सरकार से अनुमति ही नहीं ली गई थी। ऑडिटर की इस आपत्ति को संयुक्त संचालक ने भी सही माना है।
ऑडिटर की आपत्ति और संयुक्त संचालक की सहमति के बाद से मंडी बोर्ड मुख्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। अब आनन-फानन में मंडी बोर्ड द्वारा राशि भुगतान के संबंध में प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार के पास अनुमति के लिए भेजा गया। खास बात यह है कि प्रस्ताव राज्य शासन को मिलने के बाद विभाग के प्रमुख सचिव ने मंडी बोर्ड प्रबंधक संचालक जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि जब कोई नियम ही नहीं तो फिर मंडी निधि की राशि इस प्रकार क्यों खर्च की गई। इसके साथ ही उनके द्वारा अनुमति देने से भी इंकार कर दिया गया है। इसके बाद अब मंडी बोर्ड उक्त राशि किसानों से वसूल करने की तैयारी में लग गया है। उल्लेखनीय है कि मंडी अधिनियम की धारा 39 (9) में स्पष्ट उल्लेख है कि राज्य सरकार की पूर्व मंजूरी के अध्याधीन रहते हुए कोई अन्य प्रयोजन जिस पर मण्डी समिति निधि में से किया जाने वाला व्यय लोकहित में होगा। उल्लेखनीय है कि कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा 3 जून को मंडी बोर्ड भोपाल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी एवं चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग की उपस्थिति में उक्त राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की गई थी। इस दरमियान कृषि मंत्री ने किसानों को सर्वसुविधा युक्त मंडी व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस तरह से भुगतान लंबित रहने की पुनरावृत्ति पर अंकुश लगाने की कड़ी कार्यवाही करने के कड़े निर्देश दिए थे, लेकिन मंडी बोर्ड द्वारा राज्य सरकार की बिना अनुमति के भुगतान की गई राशि के दोषियों पर क्या कार्रवाई होगी, अब तक यह तय नही है।