एक साल में 11 लाख आवासों को पूरा करने का है मप्र के सामने मुश्किल भरा लक्ष्य

आर्थिक तंगी

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। आर्थिक तंगी से परेशान मप्र के सामने अब एक नई चुनौती बनी हुई है। यह है एक साल में 11 लाख आवासों के तैयार करने की। पैसे के अभाव की वजह से हालात यह है कि लोगों के नाम तो आवास योजना के पात्र हितग्राही सूची में शामिल हैं, लेकिन उन्हें राशि नहीं मिल पा रही है, जिसकी वजह से उनके भवन निर्माण का काम ही शुरू नहीं हो पा रहा है। अब तो ऐसे मामलों में पात्र लोगों द्वारा सीधे मुख्यमंत्री से तक शिकयतें की जाने लगी हैं। हाल ही में इस तरह के मामलों की शिकायत सतना जिले के रैगांव क्षेत्र में मुख्यमंत्री को ग्राम खबर में आदिवासियों ने आवास प्लस में आवास नहीं मिलने की शिकायत की। इसके बाद पृथ्वीपुर क्षेत्र के शहरी क्षेत्र में आवास नहीं मिलने की भी शिकायतें मुख्यमंत्री से की गई हें। दरअसल, पीएम आवास के तहत प्रदेश में सभी आवासहीनों को वर्ष 2022 तक हर पात्र गरीब को घर देने का लक्ष्य है। हालात यह है कि अभी प्रदेश में 32 लाख आवासों कके लक्ष्य की तुलना में करीब 21 लाख ही घर बने हैं।  
परफॉर्मेंस रिपोर्ट से हुआ खुलासा
सीएम के सामने आवास नहीं मिलने की शिकायतें इसलिए आई हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनने की रफ्तार धीमी है। इसकी पुष्टि जुलाई माह की मासिक रिपोर्ट में हो चुकी है। इस मामले में छतरपुर जिले को छोड़कर सभी 51 जिले पीछे हैं। इनमें 40 जिलों का फरफॉर्मेंस 50 प्रतिशत से भी कम हैं। यही नहीं हद तो यह हो गई है कि पूरे प्रदेश में आवास प्लस पोर्टल बंद पड़ा है। प्रदेश में जब तक जनगणना 2011 के पात्र हितग्राहियों को आवास नहीं मिल जाते, तब तक आवास प्लस का खाता नहीं खुलेगा। केन्द्र सरकार ने आर्थिक सामाजिक जनगणना 2011 के आधार पर पात्र हितग्राहियों को आवास देने के लिए कहा है। लेकिन मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में शिकायतें मिलीं कि वास्तविक गरीबों के नाम छूट गए हैं।
10 जिलों को मिले शून्य अंक
इस मामले में अनूपपुर, बैतूल, दतिया, देवास, मंदसौर, नरसिंहपुर, नीमच, शाजापुर, शिवपुरी और उमरिया सहित 10 जिलों को शून्य अंक मिले हैं। हद तो यह है कि सतना जिले को 40 वें स्थान पर है।
यह हैं हालात
धार जिले के बा्रम बोला के रहने वाले दयाराम का कहना है कि मैं पिछले दो साल से आवास के लिए दफ्तर-दफ्तर भटक रहा हूं। सचिव कहते हैं कि लिस्ट में नाम है लेकिन राशि नहीं मिल रही। दस हजार रिश्वत मांग रहे। पत्नी के पैसे से किसी तरह अधूरा निर्माण किया है।

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