सत्ता संगठन के अलम्बरदारों को ओबीसी कार्ड भुनाने की जिम्मेदारी

सत्ता संगठन

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में कांग्रेस व भाजपा के बीच जारी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के श्रेय लेने की होड़ अब बेहद तेज हो गई है। इस मामले में अब भाजपा ने पूरी मेहनत के साथ श्रेय लेने की रणनीति तैयार कर ली है, जिसके तहत संगठन तो मैदानी मोर्चा संभालेगा ही साथ ही प्रदेश के सभी मंत्री भी अपने -अपने गृह जिलों के अलावा प्रभार वाले जिलों में इस मामले में सरकार के पक्ष में प्रचार प्रसार को काम करेंगे।
सत्ता व संगठन के अलम्बरदारों  द्वारा इस मामले में कांग्रेस की विफलता और भाजपा द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी भी दी जाएगी। इसके लिए विशेष अभियान चलाने का तय किया गया है। इस अभियान में पोस्टर, बैनर से लेकर सोशल मीडिया तक का इस्तेमाल किया जाएगा। गौरतलब है कि हाल ही में शिव सरकार ने सरकारी नौकरी में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। इसमें कोर्ट में लगे केस को छोड़कर बाकी सभी प्रकरणों में आरक्षण दिया जाएगा। सरकार बताएगी कि कांग्रेस के समय गलत कदम से ओबीसी आरक्षण पर सटे हो गया, लेकिन भाजपा ने फैसला कर लिया। खास बात यह है कि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा को गांव-गांव जाकर यह बताने को कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में सिर्फ नाटक किया है जबकि भाजपा सरकार ने इसे लागू किया है। वहीं प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी इस मामले में अपनी पूरी टीम को मैदान में उतरने को कह दिया है।
पटवारी का पलटवार
पूर्व मंत्री व कांग्रेस जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि ओबीसी के मुद्दे पर भाजपा पिछले 17 साल से जनता को गुमराह कर रही है। राज्य में 15 साल लगातार भाजपा की सरकार रही, लेकिन ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का निर्णय कमलनाथ सरकार ने किया। अब भी भाजपा केवल राजनीति करके गुमराह कर रही हैं। कोर्ट में भी भाजपा सरकार गुमराह करने वाले तथ्य पेश कर रही है। आने वाले समय में ओबीसी वर्ग को पता चल जाएगा और चुनाव में यह बीजेपी को सबक सिखाएगा।
राजभवन ने मांगी बैकलॉग की जानकारी
प्रदेश में ओबीसी आरक्षण मामले में गरमाई सियासत के बीच राजभवन पूरे मामले पर लगातार पैनी नजर रखे हुए है। इसके पीछे राजभवन की मंशा है कि सरकार बैकलॉग के पदों पर नियुक्तियां करे। इसी को ध्यान में रखकर राजभवन में रिक्त पदों की जानकारी सरकार से तलग की है। प्रदेश में बैकलॉग के पदों को भरने 2002 से विशेष अभियान चलाया जा रहा है , लेकिन इसके बाद भी आरक्षित पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके बाद से बार विशेष भर्ती अभियान की समय सीमा लगातार बढ़ाई जाती रही है। उल्लेखनीय है कि फिलहाल प्रदेश में बैकलॉग के 13 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। इनमें अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के पद शामिल हैं।
कांग्रेस की गलती पड़ रही भाजपा सरकार को भारी
ओबीसी आरक्षण में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के गलत जवाब पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एमपी-पीएससी से जवाब मांगा है। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के एक गलत निर्णय के कारण जवाब मांगा गया है। इस मामले में अब सुनवाई 14 सितंबर को होना है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने सरकार में रहते हुए खुद ही आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया। अब खुद के बनाए नियम को ही न्यायालय में चुनौती देकर उन्होंने महा-भूल को स्वयं स्वीकार लिया है।

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