सरकार लगवाने जा रही किसानों को फायदा पहुंचाने वाले उद्योग, बनेगा इथेनॉल

इथेनॉल
  • महंगे होते डीजल-पेट्रोल की कीमतों से निपटने के लिए इथेनॉल को ईंधन में मिलाकर उपयोग की है योजना …

    भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम।
    सरकार ने महंगे होते डीजल पेट्रोल की कीमतों से निपटने के लिए इथेनॉल को ईंधन में मिलाने की योजना बनाई है। जिससे बढ़ती ईंधन की कीमतों पर लगाम लग सके। इसके लिए प्रदेश के पांच जिलों में इथेनॉल तैयार करने के उद्योग लगाए जाएंगे। यह उद्योग मक्का, गन्ना व धान आदि से इथेनॉल बनाने का काम करेंगे। विशेष यह है कि इथेनॉल लेने का काम पेट्रोलियम मंत्रालय करेगा। इसके लिए हाल ही में राज्य सरकार ने पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ एमओयू किया है। यही नहीं सरकार की इस योजना से किसानों को सीधा फायदा होगा।
    दरअसल इथेनॉल उद्योग से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलने के साथ ही गन्ना और मक्के की खेती को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। एक ओर जहां कोरोना के बाद लोगों के पास आय के साधन घट गए हैं वहीं महंगाई से लोग हलकान है। ऐसे में सरकार की यह योजना लोगों को राहत का काम करेगी।
    पांच जिलों में लगेंगी इकाईयां
    फिलहाल देश में एथेनॉल का उत्पादन मांग के अनुपात में बहुत कम है। यही वजह है कि देश में कई क्षेत्रों का चयन कर एथेनॉल उत्पादन इकाईयां लगाने की कवायद की जा रही है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद, दतिया, छिंदवाड़ा व  बैतूल सहित पांच जिलों में इथेनॉल तैयार करने के उद्योग लगाए जाएंगे। इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। वैसे तो इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन मक्का, चावल सहित शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है।
    खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसान महंगे दाम पर बेच सकेंगे फसल
    इन उद्योगों में गन्ना, धान, मक्का से इथेनॉल बनाने का काम किया जाएगा। इथेनॉल लेने का काम पेट्रोलियम मंत्रालय करेगा। इसके लिए सरकार ने पेट्रोलियम मंत्रालय से एमओयू किया है। इथेनॉल उद्योग से किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलने के साथ ही गन्ना और मक्का की खेती को बढ़ावा मिलेगा।
    किसान बेहतर गुणवत्ता फसलें महंगे दामों पर बड़े बाजार, शुगर मिलों में बेच सकेंगे। वहीं जो गन्ना, धान व मक्का होगा उसे इन उद्योगों को सप्लाई कर सकेंगे। इससे किसानों की आय दोगुनी हो सकेगी। खास बात है कि किसानों के सामने अधिक विकल्प होने से वे अपनी फसल के दाम खुद तय करने का निर्णय ले सकेंगे। बता दें कि धीरे-धीरे किसान अब मक्के की खेती कम करते जा रहे हैं, क्योंकि सरकार ने उसे समर्थन मूल्य पर खरीदना बंद कर दिया है। दूसरी ओर डी ग्रेड की धान और चावल के वाय प्रोडक्ट को भी किसान इथेनॉल उद्योगों को बेच सकेंगे। अभी किसान  व्यापारियों को औने-पौने दामों में ही बेच देते हैं।
    खरीदने की गारंटी केंद्र सरकार की रहेगी
    जो योजना तैयार की गई है उसके अनुसार केंद्र सरकार इथेनॉल खरीदने की गारंटी लेगी। ऐसे में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ने से गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा क्योंकि शुगर मिलों के पास से आसानी से पैसा मिल जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से समझौता किया है।  योजना के तहत प्रदेश में लगभग एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश होगा। इससे लगभग पांच करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन का अनुमान है। प्रदेश के कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री कमल पंटेल के मुताबिक किसानों की आय बढ़ाने के लिए इथेनॉल उद्योग लगाए जाएंगे। यह उद्योग उन क्षेत्रों में लगाए जाएंगे जहां गन्ना, धान और मक्के की खेती ज्यादा होती है। इस उद्योग से किसानों को उनकी उपज की दोगुनी कीमत मिलेगी।

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