प्रदेश के कुछ विभागों को मिली आर्थिक प्रतिबंधों से मुक्ति

 आर्थिक प्रतिबंधों

भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। सरकारी खजाने के खाली होने की वजह से वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों पर आर्थिक प्रतिबंध लागू किए गए हैं। इनमें से अब दस प्रमुख विभागों को इन प्रतिबंधों से करीब साढ़े चार माह बाद मुक्ति प्रदान कर दी गई है। इसकी वजह से अब इन विभागों के कामकाज में तेजी आने का रास्ता खुल गया है। अब इन विभागों में भुगतान के अभाव में कोई काम प्रभावित नहीं होगा।
वित्त विभाग ने इन विभागों पर लगाई गई त्रैमासिक खर्च सीमा समाप्त करते हुए उन्हें साल भर के बजट में से कितनी भी राशि खर्च करने का अधिकार दे दिया है। अभी तक इन विभागों को वित्त विभाग ने त्रैमासिक खर्च सीमा तय की हुई थी।  कुछ विभागों को विशेष व्यय सीमा में पूंजीगत व्ययों हेतु प्रावधानित बजट का 90 प्रतिशत सीमा के तहत बजट खर्च करने की छूट दी गई थी। अब पूंजीगत व्ययों के लिए शेष दस प्रतिशत कटौती राशि भी खर्च करने की अनुमति वित्त विभाग ने प्रदान कर दी है।
इन विभागों को दी गई अनुमति
जिन विभागों को पूरा बजट बिना किसी सीमा के खर्च करने की अनुमति प्रदान वित्त विभाग द्वारा दी गई है उनमें नगरीय विकास एवं आवास, जनजातीय कार्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नर्मदा घाटी विकास, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग शामिल है।
इस मामले में संचालक बजट द्वारा हाल ही में इन सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र लिखकर विशेष व्यय सीमा में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित पूरी राशि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
सडकों का तेजी से हो सकेगा निर्माण
वित्त विभाग द्वारा बजट खर्च पर लगाई गई रोक हटा लेने की वजह से कई विभाग खुलकर राशि खर्च कर सकेंगे। प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सडकों, नहरों और भवनों के पुनर्निर्माण और रखरचाव के काम में तेजी आने का रास्ता खुल गया है। यही नहीं प्रदेश में पुल-पुलिया, बांध, नहर और अन्य बड़े निर्माण कार्य के प्रस्तावों पर भी अब बजट मिलने से काम शुरू हो सकेगा। बजट खर्च सीमा हटाए जाने से ही अकेले लोक निर्माण विभग को 427 करोड़ रुपए खर्च करने का अवसर मिल सकेगा। प्रदेश सरकार ने पहले वित्तीय प्रबंधन करने के लिए बजट आबंटन के साथ ही खर्च की सीमा तय करते हुए दस प्रतिशत बजट कटौती के निर्देश जारी किए थे। लेकिन अब बने हालातों में बाढ़ राहत और पुनर्वास के काम तेजी से किए जाने की जरूरत बन चुकी है। इस राहत के लिए केन्द्र से पैसा मिलने में समय लगता है जिसकी वजह से ही यह राहत प्रदान की गई है। इसके साथ ही पेयजल आपूर्ति और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तहत होने वाले कामों के लिए भी अधिक राशि की जरुरत पड़ रही है।

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