सफल प्रयास: मप्र में अब हर सांस को मिलेगी पर्याप्त ऑक्सीजन

ऑक्सीजन भंडारण

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना की दूसरी लहर के समय देश के साथ ही प्रदेश को भी ऑक्सीजन की भारी कमी से जूझना पड़ा।  इस गंभीर संकट से सबक लेते प्रदेश की शिव सरकार ने नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने से लेकर उसके भंडारण के लिए जो प्रयास तेजी से शुरू किए हैं उसके सुखद परिणाम आना शुरू हो गए हैं।
अगले कुछ दिनों में मप्र ऐसा राज्य बन जाएगा जहां पर आवश्यकता के हिसाब से न केवल ऑक्सीजन का पर्याप्त निर्माण होगा, बल्कि उसके पास भंडारण की भी समुचित व्यवस्था होगी। इसके लिए प्रदेश में 94 प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनमें से 74 ऑक्सीजन प्लांट जिला मुख्यालयों और 20 तहसील स्तर पर प्रस्तावित हैं। खास बात यह है कि इन सभी के निर्माण पर तेजी से काम किया जा रहा है।
इसी तरह से प्रदेश में 33 स्थानों पर एलएमओ टैंक स्थापित किये जा रहे हैं। जिनमें बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का भण्डारण किया जा सकेगा। उधर, प्रदेश में स्थापित एयर सेपरेशन यूनिट की क्षमता 60 मी. टन से बढ़ाकर 129 मी. टन की जा रही है। यही वजह है कि बीते रोज विंध्य अंचल के रीवा जिले में एक साथ चार बड़े ऑक्सीजन प्लांटों के पूरा होने पर  लोकार्पण किया गया है।
कहां कितने प्लांट लग रहे मध्य प्रदेश के लिए अब तक कुल 94 प्लांट स्वीकृत हुए हैं। इनमें से 8 प्लांट केंद्र और एयरोक्स कंपनी की मदद से खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, उज्जैन, जबलपुर, मंदसौर, रतलाम और मुरैना जिले में लगाए जा रहे हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री सहायता कोष से सीएमआईआर गैस ऑन कंपनी के जरिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और शहडोल जिलों में प्लांट लगाए जा रहे हैं। राज्य सरकार 23 प्लांट एरोक्स टेक कंपनी के जरिए सागर, सीहोर, विदिशा, गुना, सतना, रायसेन, बालाघाट, खरगोन, कटनी, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल, राजगढ़, भोपाल, देवास, धार, होशंगाबाद और दमोह में लगा रही है।चार नए प्लांटों का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एक साथ चार नए  ऑक्सीजन प्लांटों का लोकार्पण किया गया , जिनमें तीन की क्षमता 500-500 लीटर प्रति मिनिट और एक की क्षमता 100 लीटर प्रति मिनिट है। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में केन्द्र सरकार, निजी उद्यमों एवं जन-सहयोग से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। हम ऑक्सीजन के मामले में शीघ्र आत्म-निर्भरता हासिल कर लेंगे तथा हमें अन्य प्रदेशों से ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने एक साथ 4 ऑक्सीजन संयंत्र प्रारंभ होने को विंध्य एवं रीवा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि बताया  है।  
सरकार दे रही प्रोत्साहन अनुदान
निजी उद्यमों द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने पर प्रदेश सरकार द्वारा 50 फीसदी पूंजी अनुदान दिया जा रहा है। औद्योगिक पार्क रीवा में 310.91 लाख की लागत से लगाया गया प्लांट 500 एलपीएम क्षमता का है। इसी तरह से जेपी लिमिटेड द्वारा जेपी अस्पताल रीवा में लगाया गया प्लांट 500 एलपीएम क्षमता का है। तीसरा प्लांट सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल रीवा में 98.71 लाख रुपए की लागत से 500 एलपीएम क्षमता का प्लांट जन-भागीदारी से लगाया गया है। जिला अस्पताल रीवा में मुख्यमंत्री राहत कोष से 44.72 लाख रुपए की लागत से 200 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र लगाया गया है।
सीएम की प्रशंसा
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि क्षेत्र में एक साथ 4-4 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाने पर मैं यहां की जनता की ओर से मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विन्ध्य क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। बाणसागर परियोजना ने क्षेत्र के किसानों की तकदीर बदल दी है। उधर, सांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि रीवा क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण, विकास, उद्योग, हवाई सेवाओं आदि कार्यों के लिए मुख्यमंत्री के लिए आभार जताया गया।जन-भागीदारी मॉडल की सराहना
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल की पूरे देश में सराहना हो रही है। पहले कोरोना नियंत्रण और अब आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की स्थापना में यह मॉडल अत्यंत कारगर सिद्ध हो रहा है। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इन ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रारंभ हो जाने से रीवा ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्राप्त कर लेगा। प्रदेश में देवास नगर निगम के बाद रीवा में कोरोना वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत प्रथम डोज लगवाने का लक्ष्य पूरा कर लिया है।

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