
नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। विश्व के सबसे दमदार टूर्नामेंटों में से एक यूरो कप का खिताब जीतने में इंग्लैंड को मायूसी मिली है….. दोनों टीमों के दमदार खेल का नतीजा पेनाल्टी शूट आउट तक पहुंचा जिसमें इटली ने इंग्लैंड को 3-2 से मात देकर यूरो कप अपने नाम कर लिया। इटली की टीम ने दूसरी बार यूरो कप को अपने नाम किया है। घरेलू दर्शकों के सामने खेल रही इंग्लैंड अपने 55 साल के सूखे को खत्म करने में नाकाम रही। इटली ने फाइनल में जीत के साथ ही अपना विजय रथ भी जारी रखा है और यह टीम की लगातार 34वीं जीत रही। इससे पहले इटली ने साल 1968 में यूरो कप जीता था। फाइनल मुकाबले की शुरुआत इंग्लैंड के लिए शानदार रही और ल्यूक शॉ ने मैच के दूसरे ही मिनट में गोल दागकर टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। पहले हाफ में इंग्लिश टीम के डिफेंस ने अच्छा खेल दिखाया और इटली के हर प्रयास को नाकाम किया।
लियोनार्डाे बोनुची ने मैच के 67वें मिनट में गोल करके इटली की मैच में वापसी कराई और स्कोर को 1-1 से बराबर किया। बोनुची ने इस गोल के साथ ही एक खास रिकॉर्ड भी अपने नाम किया और वह फाइनल मुकाबले में गोल करने वाले सबसे उम्ररदाज खिलाड़ी बने। इसके बाद दोनों टीमों की तरफ से कोई भी गोल नहीं हुआ और 30 मिनट के एक्स्ट्रा टाइम में भी इटली और इंग्लैंड में से कोई भी टीम एक दूसरे के डिफेंस में सेंध नहीं लगा सकी। यह दूसरा मौका रहा जब यूरो कप के फाइनल मैच का नतीजा पेनल्टी शूटआउट से निकला। इटली की तरफ से डोमेनिको बेरार्डी, फेडरिको और लियोनार्डो बोनुची ने गोल दागा, जबकि इंग्लैंड की ओर से हैरी केन, हैरी मैगुइर ने गोल किया। हालांकि, मार्कस रैशफोर्ड, बुकायो साका और जेडन सांचो बॉल को गोल पोस्ट में पहुंचाने में नाकाम रहे और इसके साथ ही इंग्लैंड टीम का सपना भी चकनाचूर हो गया।