शिव का फार्मूला 52…

शिवराज सिंह चौहान
  • हर भाजपा कार्यकर्ता को पद देकर देंगे सम्मान

    भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम।
    मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब पार्टी कार्यकर्ताओं को पद देकर सम्मान देने के लिए फार्मूला 52 बनाया है। इस फार्मूले के तहत करीब दस हजार भाजपा कार्यकर्ताओं को सरकारी समितियों में एडजस्ट करने की तैयारी की जा रही है। यह काम स्थानीय भाजपा संगठन की सहमति में जिलों में प्रभारी मंत्रियों को करना है। आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को ध्यान में रखकर यह जमावट की जा रही है।
    दरअसल भाजपा कैडर बेस पार्टी हैं। पार्टी में कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोपरि होता है। हाल ही में मंत्रियों को जिलों का प्रभार मिलने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को आस जागी है कि उन्हें जिले की शासकीय समितियों में जगह मिलेगी। कार्यकर्ताओं की भावना को समझ कर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने संकेत दे दिए हैं कि वह जल्द ही इन समितियों का गठन करने की तैयारी में है। यदि इन समिति को गठन होगा तो ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश के 52 जिलों में लगभग 10 हजार भाजपा कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जा सकता है।
    इन समितियों में मिलेगी ज्यादा जगह
    माना जा रहा है कि जिला स्तरीय दो दर्जन से ज्यादा समितियों में भाजपा कार्यकर्ताओं को जगह मिल सकती है। इन समितियों में प्रभारी मंत्री अशासकीय सदस्यों को लिए जाने की अनुशंसा कर सकते हैं। इसमें सबसे ज्यादा जगह योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की समितियों में मिल सकती है। इस विभाग की जिला योजना समिति में दो अशासकीय सदस्यों को लिया जा सकता है। वहीं अंत्योदय समिति में 21 अशासकीय सदस्यों को रखा जा सकता है। इसी तरह नगर स्तरीय समिति नगर निगम में 21 और नगर परिषद में 7 इसके अलावा विकासखंड स्तरीय समिति में 21 और ग्राम पंचायत स्तरीय समिति में 7 लोगों को एडजस्ट किया जा सकता है।
    इनमें भी होंगे एडजस्ट
    पीएचई की जिला जल एवं स्वच्छता समिति में तीन सदस्य, जिला शहरी विकास अभिकरण की शासी निकाय समिति में भी तीन सदस्य, रोगी कल्याण समिति, जिला स्तरीय सतर्कता समिति, जिला उपभोक्ता फोरम, विकासखंड स्तरीय सतर्कता समिति में दो-दो अशासकीय सदस्य प्रभारी मंत्री अपनी अनुशंसा पर बन सकेंगे। इसके अलावा एकीकृत बागवानी विकास मिशन समिति, प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना में एक-एक सदस्य बन सकेंगे। जेल विभाग की अशासकीय संदर्शक समिति में 6 सदस्य बन सकेंगे। जिला कौशल समिति में 3, नगरीय विकास एवं आवास विभाग की जिला प्रबंध कारिणी समिति और निगरानी समिति में तीन-तीन, जिला पशु क्रूरता निवारण समिति, जिला पशु रोगी कल्याण समिति में भी दो सदस्य अशासकीय बनाए जा सकेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की तीन समितियों में 9 सदस्य बनाए जा सकते हैं। रोगी कल्याण समिति और जिला टीबी फोरम में दो-दो सदस्य अशासकीय हो सकते हैं। एससी-एसटी अत्याचार निवारण सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति में आठ सदस्य बन सकते हैं। वहीं जिला पुलिस शिकायत बोर्ड में जिला पंचायत के सदस्य या नगरीय निकाय के चुने हुए प्रतिनिधि को जगह दी जा सकती है।
    सत्ता परिवर्तन के बाद से हटा दिया गया था
    वर्ष 2018 में मप्र में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें पदों से रुखसत कर दिया गया था। कांग्रेस की सरकार चाहती थी कि भाजपा नेताओं को हटाकर वह अपने कार्यकर्ताओं को शामिल करे। जब तक कांग्रेस अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौका देती, तब तक सरकार चली गई। अब चूंकि मप्र में त्रि-स्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार चाहती है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से मौका दिया जाए। इन नियुक्तियों के जरिए भाजपा संगठन और सरकार अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती है। पार्टी अपने मैदानी कार्यकर्ताओं के इस जोश का फायदा निकाय और पंचायत चुनावों में उठाना चाहती है। इसलिए शिवराज ने फार्मूला 52 बनाया है।

Related Articles