आईएएस व आईपीएस की तबादला सूची तैयार, मंथन हुआ पूरा

आईएएस व आईपीएस

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार के चलते अटकी प्रदेश के आईएएस व आईपीएस अफसरों की तबादला सूची पर बीते रोज मंथन का काम पूरा कर लिया गया है। दो दिन पहले प्रदेश में जिन दो सांसदों को नया केन्द्रीय मंत्री बनाया गया है उनके हिसाब से समीकरणों को ध्यान में रखकर नई सूची तैयार कर ली गई है।
माना जा रहा है कि अब यह सूची कभी भी जारी की जा सकती है। इस सूची में तीन दर्जन आईएएस तो डेढ़ दर्जन आईपीएस अफसरों के नाम बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन सूचियों में एसीएस से लेकर कलेक्टर तक और आईपीएस की सूची में एडीजी से लेकर एसपी स्तर तक के अफसरों के नाम शामिल हैं। इसमें मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय तक प्रभावित होना तय है। दरअसल बीते रोज प्रदेश के नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद से देर रात तक का समय मुख्यमंत्री द्वारा आरक्षित रखा गया था। शाम को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। वहां तीनों लोगों के बीच इन अफसरों के तबादलों को लेकर विचार विमर्श किया गया।  सूत्रों के मुताबिक आईएएस अफसरों की जो सूची तैयार की गई है उसमें करीब 36 नाम शामिल हैं। इनमें एक दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टरों के नाम बताए जा रहे हैं, जबकि शेष नामों में एसीएस से लेकर प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों के नाम बताए जा रहे हैं। इनमें उन आला अफसरों के नाम प्रमुख रुप से शामिल हैं, जिनकी पटरी अपने विभाग के मंत्रियों से नहीं बैठ पा रही है, तो कई अफसर लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ हैं। इस सूची को तैयार करने के पहले मुख्यमंत्री द्वारा कुछ मंत्रियों से भी फोन पर चर्चा किए जाने की खबर है। इन मंत्रियों से उनके विभाग और उनके इलाके में पदस्थ अफसरों की कार्यशैली के बारे में भी फीडबैक लिया गया। इसके अलावा उन अफसरों पर भी चर्चा कर निर्णय लिया गया है जो कोरोना काल में न केवल असफल रहे हैं बल्कि कई अन्य कारणों से विवादास्पद भी बने हुए हैं।  सूची में उन अफसरों के नामों को भी शामिल किया गया है जो लंबे समय से एक ही जगह पदस्थ हैं। इसके अलावा कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय पदस्थ हुए कलेक्टरों को भी बदलना तय कर लिया गया है। वर्तमान में ऐसे सात जिलों में कलेक्टर हैं। इसके अलावा पाला बदलकर सरकार के साथ समन्वय बनाने में असफल रहे अफसरों को मौजदा जिलों से हटाया जाना तो तय है, लेकिन उन्हें किसी दूसरे जिले की कमान देने की भी पूरी संभावना है। इसमें भोपाल के अलावा जबलपुर संभाग सर्वाधिक रूप से प्रभावित हो सकता है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि मंत्रियों और उनके अधीनस्थ अफसरों के बीच बेहतर तालमेल हो जिससे कि काम तेजी से हों और जनता को जल्द से जल्द सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
इन रिक्त पदों पर भी होनी है पदस्थापनाएं
माध्यमिक शिक्षा मंडल, राजस्व मंडल और पीईबी में मुखिया का पद लंबे समय से रिक्त बने हुए हैं।  इनमें कार्यवाहक अफसरों से काम चलाया जा रहा है। इसी तरह से संभागायुक्त चंबल का पद भी बीते तीन माह से रिक्त है, जबकि आयुक्त स्कूल शिक्षा जयश्री कियावत भी इसी माह सेवानिवृत्त हो रही हैं जिससे यह पद भी रिक्त होने वाला है। उधर एसीएस केके सिंह भी अगले माह सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसके अलावा कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह के साथ समान पद के तीन अफसर कार्यरत हैं। जिसकी वजह से माना जा रहा है कि उनमें से दो अफसरों को नई जगह पदस्थ किया जाएगा। वर्तमान में केके सिंह के साथ ही एसीएस स्तर के जेएन कंसोटिया, अश्विनी राय और अजीत केसरी काम कर रहे हैं। इसी तरह से कुछ निगम मंडलों के एमडी के अलावा उन अफसरों की भी नई पदस्थापना किए जाने की संभावना है जो प्रमुख सचिव स्तर के होने के बाद भी बतौर विभागाध्यक्ष काम कर रहे हैं।
बन चुकी है कई बार विवाद की स्थिति
मंत्रियों व उनके विभागों के प्रमुख सचिवों के बीच कई बार विवाद की स्थिति यहां तक बन चुकी है कि उसे समाप्त कराने के लिए सरकार के साथ ही प्रशासनिक मुखिया तक को हस्तक्षेप करना पड़ा है। इसके बाद भी उनके बीच सही ढंग से पटरी नहीं बैठ पा रही है। इनमें श्रीमंत समर्थक तीन मंत्री भी शामिल हैं। इसकी शिकायत यह मंत्री मुख्यमंत्री से भी कई बार कर चुके हैं, तो कई प्रमुख सचिव भी अपने विभाग बदलने की मांग मुख्य सचिव से कर चुके हैं।
यह जिले होंगे प्रभावित
सूत्रों का कहना है कि बालाघाट कलेक्टर दीपक आर्य, होशंगाबाद धनंजय सिंह, अलीराजपुर सुरभि गुप्ता, छतरपुर शीलेन्द्र सिंह, खरगोन अनुग्रह पी, मंदसौर मनोज पुष्प, रायसेन उमाशंकर भार्गव, विदिशा पंकज जैन का बदला जाना तय है। इनमें से खरगोन कलेक्टर अनुग्रह पी को छोड़कर अन्य की पदस्थापना कमलनाथ सरकार द्वारा की गई थी।
जुलानिया बगैर विभाग के ही हो सकते हैं सेवानिवृत्त
बताया जा रहा है कि तैयार की गई सूची में एक बार फिर अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया का नाम शामिल नहीं हैं। इससे माना जा रहा  है कि वे बगैर विभाग के ही सेवानिवृत होने को मजबूर रहेंगे। वे अभी मंत्रालय में बीते चार माह से पदस्थ हैं, लेकिन उन्हें अब तक कोई काम नहीं दिया गया है। वे तीस सितंबर को सेवानिवृत्त होंगे।  उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष रहते विभाग की प्रमुख सचिव से पटरी न बैठ पाने की वजह से हटा दिया गया था, तभी से वे नई जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
इन जिलों को भी मिल सकते हैं नए कलेक्टर
बताया जाता है कि तैयार की गई सूची में अशोकनगर कलेक्टर अभय वर्मा, हरदा संजय गुप्ता, नरसिंहपुर वेदप्रकाश शर्मा, श्योपुर राकेश श्रीवास्तव, शहडोल सतेन्द्र सिंह, जबलपुर कर्मवीर शर्मा, बड़वानी शिवराज वर्मा, मंडला हर्षिका सिंह, टीकमगढ़ शुभम द्विवेदी का भी नाम है। इसी तरह से अभी बड़वानी कलेक्टर हाल ही में आईएएस लोकेश जांगिड़ के आरोपों की वजह से विवादों में रह चुके हैं, तो वहीं मुरैना एवं खरगोन कलेक्टर की शिकायतें भी अधिक हैं।  टीकमगढ़ में जमीनों का मामला सीएम की नजर में है।
यह बदले जाएंगे आईपीएस अफसर  
बताया जा रहा  है कि आईपीएस की तबादला सूची में रतलाम, सीहोर, विदिशा, बालाघाट, धार, छतरपुर, रायसेन, भिंड, शिवपुरी, इंदौर पश्चिम के अलावा भोपाल शहर के भी एक एसपी को बदला जा सकता है। इसके अलावा चंबल आईजी के रिक्त पद पर भी नई पदस्थापना की जानी है। वहीं उज्जैन , शहडोल और बालाघाट में पदस्थ  एडीजी को बदला जाना भी तय है।

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