
कोरोना काल में बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने उठाया कदम
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना महामारी से ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल अब केंद्र द्वारा थोक और खुदरा व्यापारियों को राहत देने के लिए उन्हें सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम यानी (एमएसएमई) के अंतर्गत लाने के लिए योजना बनाई गई है।
इसके तहत अब खुदरा और थोक का व्यवसाय करने वाले भी एमएसएमई को मिलने वाले सभी लाभ ले सकेंगे। बता दें कि अभी तक इसके दायरे में सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़े उद्योग उद्योग ही शामिल थे। केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया है। साथ ही कहा है कि पहले उद्योग आधार पर पंजीयन होता था लेकिन अब उद्यम का एमएसएमई में पंजीयन किया जा सकेगा। यह मिडिल क्लास और खास तौर पर अलग-अलग सेक्टर में काम करने वाले व्यापारियों के लिए लाभ अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए लाभदायक होगा। इसके तहत अब खाद्य, पेय पदार्थ, कपड़े और कंप्यूटर के साथ ही अन्य थोक एवं खुदरा व्यापारी खुद को पंजीकृत करा सकते हैं। बड़ी बात यह है कि इस पंजीकरण और एमएसएमई का दर्जा प्राप्त करने के बाद फुटकर और थोक के व्यापारी बैंकों द्वारा प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग का लाभ उठा सकेंगे। इसमें रिजर्व बैंक के नियमों के अनुरूप इन एमपी प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कम ब्याज दर पर लोन का लाभ मिल सकेगा।
यहां उल्लेखनीय है कि थोक और खुदरा व्यापारी इसकी लंबे समय से मांग भी कर रहे थे। मध्य प्रदेश में वर्तमान में केवल 1.35 लाख एमएसएमई का पंजीयन है। केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई का दायरा बढ़ाए जाने के बाद इसकी संख्या में वृद्धि होगी। इस योजना के तहत लोग इसका लाभ लेकर अपने बिजनेस को तो आगे बढ़ाएंगे ही साथ ही सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों में भी भागीदार होंगे। एमएसएमई विकास संस्थान इंदौर के एक पदाधिकारी के मुताबिक व्यापारियों को इस व्यवस्था से जुड़ने के लिए जागरूक किया जाएगा।
पंजीयन कैंप लगाए जाएंगे। वेबीनार के जरिए इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। खुदरा और थोक व्यापारियों को अपने बिजनेस के विस्तार और बैंकों से ब्याज में कम रेट सहित अन्य सुविधाओं का लाभ लेने का एक अच्छा मौका मिला है। इसलिए उद्यमी केंद्र सरकार के उद्यम पोर्टल पर पंजीयन अवश्य कराएं। यदि किसी पंजीयन कराने में दिक्कत आ रही है तो वह एमएसएमई विकास संस्थान के इंदौर कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
अब तक कौन उद्योग एमएसएमई में शामिल हैं
सर्विस सेक्टर में मशीनरी या सेटअप में दस लाख तक निवेश यानी इन्वेस्ट होने पर हम उन्हें सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में रखते है। मैनुफैक्चरिंग लघु उद्योग, मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में हम उन उद्योगों को लघु उद्योग की श्रेणी में रखते है जिन उद्योग में 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक की मशीनरी खरीद होती है।
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन के लिए आपको http://udyogaadhaar.gov.in/UA/UAM_Registration.aspx पर जाना है। यहां आपको एक छोटा सा फॉर्म दिखाई देगा जिसमें आपको अपना आधार नंबर और अपना नाम लिखना है। इसके बाद जनरेट ओटीपी पर क्लिक करना है। इसके बाद आपके आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे आपको फॉर्म में दर्ज करना है।
क्या है एमएसएमई पंजीकरण
यह आधिकारिक निकाय है जो एमएसएमई अधिनियम के माध्यम से पूरे देश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्योगों का समर्थन करता है और बढ़ावा देता है। सरकार एमएसएमई अधिनियम के तहत आने वाले उद्योगों को सब्सिडी और प्रोत्साहन भी प्रदान करती है।