- नगीन बारकिया

बड़ी राहत, तीसरी लहर नहीं आएगी, खत्म होने का दावा
अब जबकि कोरोना वायरस देश में रोजाना संक्रमितों और मौतों का नया रिकार्ड बना रहा है तब इन खबरों के बीच ही एक बड़ी राहत देने वाली खबर भी आई है। यह तबाही कोरोना के दूसरे म्युटेंट ने मचाई है जिसे दूसरी लहर कहा जा रहा है। इस लहर के कारण रोजाना 4 लाख से ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं जबकि 4 हजार के लगभग मौतें हो रही हैं। इस दौरान कोरोना के तिहरे म्यूटेशन के नए प्रकार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी थी जिसमें यह माना जा रहा है कि यह तीसरी लहर ज्यादा खतरनाक हो सकती है, लेकिन एक दावे के अनुसार एक अच्छी खबर है कि यह तीसरा म्युटेशन अब लगभग खत्म हो चुका है। भारतीय वैज्ञानिकों का मानना है कि यह वायरस पश्चिम बंगाल में पाया गया था लेकिन जीनोम सीक्वेंसिंग के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि अब यह गायब हो चुका है। लेकिन यह अवश्य है कि पश्चिम बंगाल में अब दोहरे म्यूटेशन वाला प्रकार हावी हो चुका है। सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मालीक्युलर बायोलॉजी के निदेशक डा. राकेश मिश्रा के अनुसार पश्चिम बंगाल या देश के अन्य किसी हिस्से में अब इसके संक्रमण के मामले नहीं आ रहे हैं। लेकिन राज्य से लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग बता रही है कि इसकी जगह अब डबल म्यूटेशन वाले वेरिएंट ने ले ली है जो कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है। कोई प्रकार क्यों ज्यादा फैल रहा है, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन संक्रामकता ज्यादा होना एक प्रमुख वजह हो सकती है। जब कोई एक स्ट्रेन तेजी से फैलता है तो दूसरा कमजोर पड़ जाता है। उन्होंने दावा किया कि अभी तक जिस प्रकार के नतीजे आ रहे हैं उससे तो यह कहा जा सकता है कि तिहरे म्यूटेशन वाला कोरोना वेरिएंट अब मौजूद नहीं दिखता है।
अमेरिका ने मदद का वादा फिर दोहराया
अमेरिका ने कोरोना से भयावह होती स्थिति से पार पाने के लिए भारत को हरसंभव मदद के आश्वासन को फिर दोहराया है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को कहा कि महामारी की शुरूआत में भारत ने अमेरिका की मदद की थी, अब हम भारत की सहायता के लिए खड़े हैं। हैरिस ने पिछला दौर याद करते हुए कहा कि महामारी की शुरूआत में, जब हमारे अस्पताल के बेड कम पड़ने लगे तब भारत ने सहायता भेजी थी। आज, हम भारत को उसकी जरूरत के समय में मदद करने के लिए दृढ़ हैं, हम यह एशियाई क्वाड के सदस्यों के रूप में, वैश्विक समुदाय के हिस्से के रूप में और भारत के दोस्त के रूप में कर रहे हैं। कमला हैरिस ने कहा कि हमने भारत को रिफिल करने योग्य ऑक्सीजन सिलेंडर दिए हैं और देने वाले हैं, हमने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी दिए हैं, और देने वाले हैं। इसके साथ ही ठ95 मास्क भी दिए हैं। साथ ही कोविड रोगियों के इलाज के लिए रेमडेसिवीर की खुराक भी दी है। हम आगे भी और अधिक मदद करने के लिए तैयार हैं। अमेरिका में चुनावों के बाद सत्ता बदल चुकी और सत्ताधारी दल भी बदल चुका है लेकिन वादे नहीं बदले हैं यह एक अच्छी बात है।
ऑस्ट्रेलिया सप्ताह भर में भारत पर लगा प्रतिबंध हटा लेगा
भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑस्ट्रेलिया ने भारत से यात्रा करने पर जो प्रतिबंध लगाया था उसे सप्ताह भर में हटा लेने का संकेत दिया है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने उस फैसले को पलटने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी रोक लगा दी थी। फैसले में कहा गया था कि अगर ऑस्ट्रेलियाई नागरिक भी इसका उल्लंघन करते हैं तो उन्हें पांच साल की कैद और 66 हजार ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का भारी-भरकम जुमार्ना हो सकता है। अस्थायी रोक सोमवार से लागू हुई थी। फिलहाल यह उन यात्रियों पर लागू होगा जो ऑस्ट्रेलिया आने को इच्छुक हैं और 14 दिनों में भारत की यात्रा की है। सिडनी से प्रकाशित हेराल्ड अखबार की खबर के मुताबिक अनुमान है कि भारत में इस समय करीब नौ हजार ऑस्ट्रेलियाई हैं और उनमें से 600 को असुरक्षित के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
असम में अभी तक तय नहीं कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री
असम में हाल ही में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं जहां सत्ताधारी दल भाजपा ने शानदार वापसी की है। इतने अच्छे परिणामों के बाद भी वहां नेतृत्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है जो आम जनता की समझ के बाहर है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने असम में अगली सरकार के नेतृत्व को लेकर चर्चा करने के लिए असम के मुख्यमंत्री सवार्नंद सोनोवाल और स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्व सरमा को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया था। दोनों की बैठक शनिवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के महासचिव बीएल संतोष और अन्य नेताओं के साथ होने वाली है। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे या नहीं। हालांकि सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का गठन तय समय पर होगा।