घोषणा हजारों की…दे रहे मेडल और प्रमाण पत्र

  • विवादों में सांसद खेल महोत्सव
  • गौरव चौहान
खेल महोत्सव

मप्र के विभिन्न क्षेत्रों में सांसद खेल महोत्सव हो रहे हैं। इसमें खिलाडिय़ों को आकर्षित करने के लिए आयोजक बड़े-बड़े पुरस्कार की घोषणा कर रहे हैं। पुरस्कार की बड़ी राशि देखकर खिलाड़ी खेलों में अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं, लेकिन जब पुरस्कार वितरण की बारी आती है तो खिलाड़ी अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं। कई जगह तो विवाद की स्थिति बन रही है। खिलाड़ी मेडल फेंक रहे हैं, प्रमाण पत्र फाडकऱ अपना विरोध जमा रहे हैं। इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सांसद खेल महोत्सव जैसे आयोजन, जिनका उद्देश्य युवाओं को खेलों की ओर प्रोत्साहित करना होता है, यदि इसी तरह विवादों और अव्यवस्था का शिकार होते रहे, तो यह खेल और खिलाडिय़ों दोनों के लिए नुकसानदायक साबित होगा। जबलपुर में आयोजित सांसद खेल महोत्सव का समापन समारोह उस वक्त विवाद और हंगामे में बदल गया, जब एथलीट खिलाडिय़ों को घोषित इनाम राशि के बजाय बेहद कम प्राइजमनी दी गई। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित इस महोत्सव में अव्यवस्था और कथित बेईमानी सामने आने के बाद खिलाडिय़ों में भारी आक्रोश देखने को मिला। खिलाडिय़ों के विरोध को देखते हुए आयोजकों ने उन्हें धमकी दी थी कि उनका कैरियर खत्म करा देंगे। इधर खिलाडिय़ों का कहना था कि अपनी मेहनत के दम पर मुकाम तक पहुंचते हैं तो फिर ये कौन होते हैं कैरियर खत्म कराने वाले।
पुरस्कार 21000…दिए 300 रूपए
जबलपुर में एथलेटिक्स प्रतियोगिता में विजेता खिलाडिय़ों को 21 हजार रुपये की प्राइजमनी देने की घोषणा की गई थी, लेकिन समापन समारोह में जब खिलाडिय़ों को मंच पर बुलाया गया, तो उन्हें मात्र 300, 500 और 1000 रुपए देकर औपचारिकता पूरी कर दी गई। जैसे ही यह बात खिलाडिय़ों को समझ आई, उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते माहौल गर्म हो गया और समारोह स्थल पर हंगामा खड़ा हो गया। आक्रोशित खिलाडिय़ों ने इसे अपने सम्मान और मेहनत का अपमान बताते हुए मेडल और दी गई प्राइजमनी मंच पर ही लौटा दी। खिलाडिय़ों का कहना था कि उन्होंने दिन-रात मेहनत कर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन आयोजकों ने उनके साथ धोखा किया। कई खिलाडिय़ों की आंखों में आंसू और चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आया। विवाद उस समय और बढ़ गया जब खिलाड़ी अपनी समस्या लेकर सांसद आशीष दुबे के पास पहुंचे। खिलाडिय़ों का आरोप है कि सांसद ने उनकी बात तक नहीं सुनी और बिना कोई जवाब दिए उन्हें किसी अन्य व्यक्ति के पास भेज दिया। इससे खिलाडिय़ों में नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई। खिलाडिय़ों का कहना है कि यदि आयोजन सांसद के नाम से हो रहा है, तो जिम्मेदारी भी उनकी ही बनती है कि वे खिलाडिय़ों की समस्याएं सुनें और समाधान करें। एक खिलाड़ी सुमित पटेल ने वीडियो जारी कर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका आरोप है कि विरोध करने पर कुछ कोचों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है और करियर को नुकसान पहुंचाने की बातें कही जा रही हैं। इसके बावजूद खिलाड़ी एकजुट होकर सामने आए हैं और उन्होंने कहा है कि वे इस राशि, मेडल और प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं खेल अधिकारी आशीष पांडे ने जैसे-तैसे खिलाडिय़ों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, सभी दर्जनों विजेता अपने मेडल और प्रमाणपत्र वापस करने पर अड़े नजर आए।
पुरस्कार की राशि नहीं, तो खेल महोत्सव क्यों
वहीं खरगोन में सांसद खेल महोत्सव समापन समारोह के दौरान खिलाडिय़ों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने राज्यसभा सांसद का घेराव कर दिया। खिलाडिय़ों ने मैडल फेंकें, प्रमाण पत्र फाड़े, भूखे प्यासे रखने के लगाए गंभीर आरोप लगाए। कहा कि सांसद के पास पुरस्कार की राशि नहीं, तो खेल महोत्सव क्यों कराया? दरअसल, समापन अवसर पर राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, कलेक्टर भव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा सहित अन्य अतिथि मौजूद थे। मंच से खिलाडिय़ों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा रहा था, लेकिन नकद पुरस्कार न मिलने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। खिलाडिय़ों का आरोप था कि आयोजन से पहले वेबसाइट और प्रचार में मेडल के साथ 51 हजार व 21 हजार रुपए की नकद राशि देने की घोषणा की गई थी, लेकिन समापन समारोह में केवल मेडल और प्रमाण पत्र देकर औपचारिकता निभाई गई। इससे नाराज खिलाडिय़ों ने अतिथियों के सामने ही प्रमाण-पत्र फाड़ दिए और मेडल हवा में उछाल दिए। गुस्साए खिलाडिय़ों ने राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी का घेराव कर पुस्कार राशि की मांग की। सांसद खिलाडिय़ों का विरोध दिखते हुए बगैर बात किए गाड़ी में बैठकर निकल गए। इससे खिलाडिय़ों का रोष और बढ़ गया। आक्रोशित खिलाडिय़ों ने मैदान पर जमकर हंगामा किया और प्राप्त मैडल मैदान पर फेंककर, और प्रमाण पत्र फाडकऱ फेंक दिए। वहीं, राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी ने बताया कि मेरे पास फंड की व्यवस्था नहीं है। जहां भी दिया गया। वहां अपने अपने स्तर से फंड दिया गया है। जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सांसद खेल महोत्सव का शुभारंभ किया गया था और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर समापन किया गया। इस दौरान अव्वल खिलाडिय़ों को पुरस्कार के रूप में केवल मैडल और प्रमाण पत्र दिए गए, जबकि लोकसभा क्षेत्र खरगोन के ही बड़वानी जिले में पुरस्कार राशि भी प्रथम, द्वितीय और तृतीय खिलाडिय़ों को दिए गए।

Related Articles