सिंथेटिक ड्रग की चपेट में… राजधानी के युवा

सिंथेटिक ड्रग
  • नाबालिग भी नशे की चपेट में: भोपाल में बढ़ी गांजे की खपत

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी में गांजा की खपत बढ़ रही है। पुलिस कमिश्नरेट में आने वाले अधिकांश थानों में इसकी जब्ती भी हुई है। युवाओं के साथ कुछ मामलों में नाबालिग के बौच नशीले और मनोत्तेजक पदाथों के सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। सरता होने की वजह से खासकर गांजा का उपयोग बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आया है। कुछ इलाकों में इसकी सप्लाई चेन बनाकर की जा रही है। वहीं सिंथेटिक ड्रग जैसे एमडीएमए, एलएसडी का उपयोग भी शहर में हो रहा है। हालांकि यह कम मात्रा में ही पकड़ा गया। महंगा होने से कुछ चुंनिदा एलीट वर्ग में इसकी खपत है। मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि नशे के प्रति खासकर युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। यह एक सामाजिक समस्या है, जिसका समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। पुलिस के साथ अभिभावकों, संरक्षकों और स्कूल कालेज प्रशासन को भी मिलकर समन्वित रणनीति के तहत काम करना होगा। रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी मानते हैं कि नशे पर लगाम कसने की जरूरत है। इसके लिए पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है, लेकिन देखने में आया है कि हम इसकी मूल जड़ तक नहीं पहुंचते हैं। एक-दुक्का लोगों को गिरफ्तार कर वाहवाही लूट लेते हैं, लेकिन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है या उन तक पहुंच नहीं पाते, जिससे नशे का कारोबार फलता-फूलता रहता है। गांजा जैसे मादक पदार्थ आम लोगों की पहुंच में है। यह कई झुग्गी बस्तियों में पुडिय़ा बनाकर बेचा रहा है। गांजा तस्करी में पुरुषों के साथ महिलाओं के भी नाम सामने आए है, जो इस गोरखधंधे में शामिल है और बार-बार इसकी सप्लाई करते हुए पकड़ी जाती है। कम निवेश में आठ गुना तक मुनाफा गांजा में होता है।
सामाजिक प्रभाव से सामान्य हो रहा नशा
बीयू के प्रोफेसर शशांक शेखर ठाकुर का कहना है कि समाज में एक चिंताजनक बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां गांजा पीने वालों को मॉडर्न माना जाने लगा है। इस धारणा के चलते गैर-उपयोगकर्ता भी साथियों के दबाव में नशे की ओर धकेले जा रहे हैं। शहर के वाहटी इलाकों के बाबों और रेस्टोरेंट्स में परिवार बच्चों के सामने शराब पीते और हुक्का पीते नजर आते हैं। इससे नशा सामानिक रूप से स्वीकार्य व्यवहार की तरह बच्चों के मन में बैठ जाता है। नशे की समस्या शिक्षित वर्ग में भी तेजी से फैल रही है। नशे को सामान्य मानने की सोच को संतत जागरूकता अभियानों के जरिए तोडऩा जरूरी है।
लेट नाइट पार्टियां ड्रग पेडलिंग के हॉटस्पॉट
शहर में संचालित हो रही लेट नाइट पार्टी, पच और रेस्टोरेंट्स में सिंथेटिक ड्रग्स का सेवन बढ़ा है। ड्रग पेडलर ऐसे स्थानों पर युवाओं को निशाना बनाते हैं। शुरुआत में मुफ्त या कम कीमत पर नशा उपलब्ध कराते हैं। लत लगने के बाद ऊंची कीमत वसूली जाती है या सस्ते नशे के बदले उन्हें दोस्तों को जोडऩे के लिए मजबूर किया जाता है। एमडीएमए, एम-कैट, एक्स्टेसी, एलएसडी, स्मैक, हेरोइन व ब्राउन शुगर जैसे केमिकल ड्रग्स अधिक कौमत से युवाओं की पहुंच से बाहर हैं। यह सिर्फ एलीट क्लास तक सीमित है। हालांकि, कफ सिरप और एलप्राजोलम व नाइट्रावेट जैशी मनोत्तेजक गोलियों का दुरुपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है।
ये हैं ड्रग सप्लाई के रूट
गांजा मुख्य रूप से ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दूरदराज इलाकों से ट्रेन या सडक़ मार्ग से शहर में लाया जाता है। पुलिस कार्रवाई बढऩे के बाद अब इसे छोटी मात्रा में तस्करी किया जा रहा है। एक या दो पेडलर सामान्य डिब्बों में सफर करते हैं और गांजे के पैकेट महिलाओं व बच्चों के पास रख देते हैं ताकि पुलिस को शक न हो। भोपाल स्टेशन के बाहरी इलाके, इंदौर आउटर या विदिशा बॉर्डर पर उतरकर वे गंतव्य तक पहुंचते हैं। कुछ मामलों में ट्रक चालकों द्वारा भी तस्करी पाई गई है। तस्कर ओडिशा आदि जगहों से गांजा 1000 से 2000 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदते हैं और यहां आठ से दस गुना कीमत पर बेचते हैं। एमडीएमए, एक्स्टेसी, एलएसडी जैसे केमिकल ड्रग्स अधिकतर मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों से आते हैं। एक अन्य रूट राजस्थान से झालावाड़, मंदसौर, रतलाम और नीमच होते हुए इंदौर के रास्ते है। कुछ मामलों में आनलाइन पोर्टल्स के जरिए भी ग्राहकों से संपर्क पाया गया है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामले ….पिछले दो वर्ष
2025 30 नवंबर तक-  शहर के थानों में 52 मामले दर्ज, 57 आरोपी गिरफ्तार। जब्त ड्रग्स में एमडीएमए 12.7 साम, गांजा 68.83 किलोग्राम और चरस 302 ग्राम।
2025 30 नवंबर तक क्राइम ब्रांच- 46 मामले, 94 आरोपी गिरफ्तार। एमडीएमए 95.10 ग्राम, गांजा 279.5 किलोग्राम, स्मैक 45.07 ग्राम, एलएसडी 1.96 ग्राम, 510 नाइट्रावेट गोलियां और आठ कफ सिरप जबत।
वर्ष 2024 में कार्रवाई- शहर के बाजों में 121 मामले, 128 आरोपी गिरफ्तार। गांजा 95.55 किलोग्राम, चरस 4 ग्राम, अफीम 577 ग्राम और डोडा चूरा 11 किलोग्राम जब्त।
2024 क्राइम ब्रांच- 51 मामले, 93 आरोपी गिरफ्तार। एमडीएमए 114.190 ग्राम, गांजा 446.9 किलोग्राम, चरस 44.580 शाम, 95 नाइट्रावेट गोलियां और सात इंजेक्शन जब्त ।

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