- बड़ी कार्रवाई: 25 को नोटिस और एक की बर्खास्तगी तय

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक में पदस्थ चिकित्सकों द्वारा फर्जी हाजिरी लगाने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कड़ी कारईवाई करते हुए 13 चिकित्सकों की एक माह की सैलरी काटने के निर्देश जारी किए हैं, वहीं 25 चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है। बता दें कि सार्थक ऐप पर दर्ज उपस्थिति की नियमित निगरानी के दौरान चौंकाने वाली अनियमितताएं उजागर हुई थीं। जांच में पता चला कि एक डॉक्टर ते अपने निर्धारित कार्यस्थल से से करीब 500 किलोमीटर दूर रहते हुए मोबाइल ऐप के जरिए हाजिरी लगा दी थी जबकि एक अन्य डॉक्टर की उपस्थिति में अलग-अलग लोगों के चेहरों की तस्वीरें दर्ज मिलीं थीं। यह मामला सीएमएचओ कार्यालय की नियमित समीक्षा के दौरान सामने आया। जैसे ही अनियमितता उजागर हुई, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बुधवार को तत्कालं सख्त रुख अपनाया। प्रारंभिक जांच के बाद दो डॉक्टरों की एक माह की सैलरी काटने के आदेश जारी किए गए थे, इसके बाद पूरे जिले के हाजिरी रिकॉर्ड की दोबारा जांच कराई गई, जिसमें और भी गड़बडिय़ां सामने आईं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई विस्तृत जांच में कुल 25 डॉक्टरों को अनियमितताओं के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, नियम विरुद्ध उपस्थिति दर्ज कराने वाले 13 डॉक्टरों की 7 दिन से लेकर एक माह तक की सैलरी काटी गई है। यह कार्रवाई विभागीय अनुशासन बनाए रखने और अन्य कर्मचारियों के लिए चेतावनी रूप में देखी जा रही है।
गौतम नगर में खराब स्थिति
दूसरा मामला गौतम नगर मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक से जुड़ा है, जहां पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव सिंह द्वारा लगभग 500 किलोमीटर दूर से हाजिरी लगाने का मामला सामने आया। इसके अलावा उनकी नियमित उपस्थिति भी कार्यस्थल से करीब 11 किलोमीटर दूर की लोकेशन से दर्ज पाई गई।
इनका कहना है
फर्जी उपस्थिति केवल कागजी अनियमितता नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ता है। मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक का उद्देश्य आम नागरिकों को समय पर और सुलभ चिकित्सा सुविधा देना है। सार्थक ऐप की सख्त निगरानी जारी रहेगी और नियमों से खिलवाड़ करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बागमुगालिया संजीवनी क्लीनिक लापरवाह
बागमुगालिया स्थित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक में पदस्थ डॉ. मिनहाज के मामले को सबसे गंभीर माना गया है। जांच में पाया गया कि उनकी अटेंडेंस में अलग-अलग चेहरों की तस्वीरें दर्ज हैं, जिससे यह संदेह गहराया कि उपस्थिति किसी अन्य व्यक्ति से लगवाई गई। सीएमएचओ कार्यालय के अनुसार, डॉ. मिनहाज को अब तक 9 नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन किसी का भी जवाब नहीं दिया गया। इस कारण उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और संबंधित फाइल एनएचएम कार्यालय भेजी जाएगी।
– डॉ मनीष शर्मा, सीएमएचओ, भोपाल
