कांग्रेस नेता ने घोटाले से… कमाए 404 करोड़ रुपए

कांग्रेस नेता
  • ईडी ने पेश किया चालान, 5 अन्य आरोपियों के भी नाम

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्यालय ने इंदौर की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में कांग्रेस नेता विशाल (गोलू) अग्निहोत्री समेत उसके पांच सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी है। यह कार्रवाई इंदौर, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई और दुबई में फैले अवैध डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी सिंडिकेट द्वारा 404 करोड़ की अवैध कमाई की जांच के बाद की गई है। ईडी ने इंदौर पुलिस एवं मुंबई के एनएम जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट के तहत दर्ज की गईं एफआईआर के आधार पर अपनी पड़ताल शुरू की थी। इससे पहले ईडी ने गोलू अग्निहोत्री समेत उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापे मारकर उसके पास से करोड़ों के कैश, प्रॉपर्टी, जेवर और महंगी घडयिों का कलेक्शन जब्त किया था। गोलू अग्निहोत्री की पत्नी प्रीती को 2018 के चुनाव में इंदौर के विधानसभा क्रमांक 1 से कांग्रेस ने टिकट दिया गया था, लेकिन पार्टी में उपजे विरोध के बाद 24 घंटों के भीतर ही उसका टिकट काटकर वहां से संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाया गया था।
सिंडिकेट के इन सदस्यों के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल
ईडी ने अपनी चार्जशीट में जहां गोलू अग्निहोत्री को इस पूरे गिरोह का मुख्य संचालक बताया है। इस गिरोह का दूसरा सबसे अहम सदस्य तरुण श्रीवास्तव या, जो इस गिरोह के वित्तीय कामकाज देखन के साथ फर्जी बैंक खातों (म्यूल खातों) की व्यवस्था करता था। इसके अलावा इस गिरोह का टेक्निकल एक्सपर्ट श्रीनिवासन रामासामी या जो ट्रेडिंग के फर्जी परिणाम दिखाने के लिए एमटी 5 सर्वरों में छेड़छाड़ कर बदलाव कर देता था। इस गिरोह का एक अन्य सदस्य धवल देवराज जैन है जो सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोटसबुक 247 का संचालन करता था। इस गिरोह के विदेशी लिंक खासतौर पर दुबई तक रकम पहुंचाने और वहां से मनी ट्रेल के जरिए इस धन की वापसी का जिम्मा धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी के पास था जो विदेशी कंपनी आईबुल कैपिटल के जरिए इस हेराफेरी को अंजाम देता था। दुबई में इस नेटवर्क के जरिए पैसों को ठिकाने लगाने के लिए निधि चंदनानी नाम की एक महिला सदस्य भी गिरोह में शामिल थी।
हेराफेरी के जरिए चला रहा था गिरोह
ईडी ने अपनी चार्जशीट में गोलू अग्निहोत्री को इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड बताया है, जिसने इस फर्जीवाड़े के जरिए करोड़ों की कमाई की। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह एमटी 5 सर्वर में हेराफेरी करता था ताकि ग्राहकों को निवेश के नकली नतीजे दिखाकर लुभाया जा सके। इसके लिए सरगना गोलू के साथ उसका गिरोह वी मनी और स्टॉक हाईट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शेयर के सौदे दिखाता था, जबकि ये दोनों प्लेटफॉर्म असली स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े ही नहीं थे। इसके बाद ये निवेशकों से लोटसबुक 247 और 11 स्टार्स जैसे प्लेटफॉर्मेंस के जरिए सट्टेबाजी के लिए करता था, जिसमें लेन-देन नकद या एन्क्रिप्टेड मैसेज के जरिए होता था। ताकि इसे सरकारी एजेंसी पकड़ न सके। ईडी इस केस में अब तक कुल 34.26 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच कर चुकी है जिसमें 28.60 करोड़ के जमीन-मकान, 5.21 करोड़ से च्यादा का कैश, 59.9 किलो चांदी और 100 ग्राम सोना, 1.94 करोड़ के जेवर, 4.77 करोड़ की लग्जरी घडय़ां और 41 लाख की क्रिप्टोकरेंसी शामिल है।
ईडी की डिब्बा ट्रेडिंग वालों को चेतावनी, एडवाइजरी जारी
सेबी रजिस्ट्रेशन की जांच करें- किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाने से पहले यह जरूर देख लें कि वह सेबी के पास रजिस्टर्ड है या नहीं। डब्बा ट्रेडिंग जैसे अनधिकृत ऐप्स का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इनमें कोई कानूनी सुरक्षा नहीं मिलती और पैसा डूबने का भारी खतरा रहता है।
एमटी 5 सर्वर से बचें- अगर कोई प्लेटफॉर्म निजी या असत्यापित एमटी 5 (मेटा ट्रेडर 5) सर्वर पर चल रहा है, तो उससे बचें। ऐसे सिस्टम धोखाधड़ी के लिए बनाए जाते हैं ताकि आपके मुनाफे या नुकसान में हेरफेर कर सकें।
सट्टेबाजी (बेटिंग) वेबसाइटों से दूर रहें- अवैध सट्टेबाजी वाली साइटों पर पैसा लगाना कानूनी मुसीबत में डाल सकता है। इससे आपकी निजी जानकारी चोरी होने के साथ वित्तीय धोखाधड़ी हो सकती है।
अपना बैंक अकाउंट किसी को न दें- कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक खाता इस्तेमाल न करने दें। अपराधी ऐसे खातों (म्यूल एकाउंट) का इस्तेमाल काले धन को सफेद करने के लिए करते हैं। जिस भी खाते से कोई अपराध होता है, उसके स्वामी को पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत जिम्मेदार माना जाएगा।
संदिग्ध ऑफर की रिपोर्ट करें- अगर कोई प्लेटफॉर्म बहुत च्यादा रिटर्न (मुनाफा) का लालच देकर वॉट्सऐप, टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर अनजान खातों में पैसा जमा करने को कहे, तो तुरंत इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें।

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