
सीएम ने बागरी से पूछा- पहले ही अमानक घोषित थी सडक़, फिर निरीक्षण क्यों किया
सतना जिले की पौडी संकरही सडक़ अब सिर्फ खराब निर्माण को मोपला नहीं रही, बल्कि सरकार के भीतर ही सवालों का विषय बन गई है। नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी के सडक़ निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि जब इस सडक़ को पहले ही अमानक घोषित कर दिया गया था, तो निरीक्षण के लिए मौके पर जाने की जरूरत क्या थी? दरअसल, पौड़ी मकरही मार्ग (करीब 3 किलोमीटर) के नवीनीकरण कार्य की गुणवत्ता को लेकर लोक निर्माण विभाग ने पहले ही जांच कर ली थी। विभागीय अधिकारियों की जांच में यह सडक़ अमानक पाई गई थी। रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि पीएससी का काम मानकों के अनुरूप नहीं है। इसे दोबारा मानक के अनुरूप बनाने के निर्देश भी थे। इसके बावजूद शनिवार को मंत्री प्रतिमा बागरी निरीक्षण के लिए वहां पर पहुंचीं। मौके पर उन्होंने सडक़ पर चलते हुए उखड़ी हुई सतह देखी और नाराजगी जताई। निरीक्षण के दौरान सडक़ उखडऩे के वीडियो और तस्वीरें सामने आईं, जो बाद में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गईं।
हरिप्रसाद बोले- शिवराज सिंह मध्य प्रदेश के राजा थे… बेचारे को दिल्ली भेज दिया
पूर्व सांसद और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य बीके हरिप्रसाद ने कहा कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दंगा करवाकर सीएम नहीं बने थे। वे मप्र के राजा था, बेचारे को दिल्ली भेज दिया और उन्हें वहां का मौसम रासस राम नहीं आ रहा है। हरिप्रसाद सोमवार को मप्र कांग्रेस मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने यह बात कर्नाटक में सीएम को लेकर सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान के सवाल पर कही। जब उनसे पूछा कि क्या आपको लगता है कि शिवराज मप्र वापस आने की कोशिश कर रहे हैं? इस पर हरिप्रसाद ने कहा कि वो कोशिश खूब कर रहे हैं लेकिन उनका शीर्ष नेतृत्व उन्हें पसंद नहीं कर रहे। मनरेगा का नाम बदलने पर बोले कि महात्मा गांधी के नाम से नरेन्द्र मोदी व आरएसएस को कोई प्यार नहीं हैं।
गुणवत्ता से समझौता नहीं, इंजीनियरों के दबाव में नहीं आएगी सरकार
प्रदेश में सरकार अधोसंरचना के विकास पर फोकस कर रही है। बजट का बड़ा हिस्सा पूंजीगत कामों पर खर्च किया जा रहा है। इससे होने वाले काम गुणवत्तायुक्त हों, यह सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रतिमाह दो बार औचक निरीक्षण की व्यवस्था लागू की है। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी होती है, इसलिए इंजीनियर इसका विरोध कर रहे हैं। सोमवार से अवकाश लेकर निरीक्षण के काम में बाधा डालने का प्रयास किया गया पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह देनाव में नहीं आएगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। हड़ताल करने वाले इंजीनियरों की ब्रेक इन सर्विस होगा। इन्हें उकसाने भी चिन्हित किए जा रहे हैं।
राजगढ़ और नरसिंहपुर में खुलेंगे संस्कृत स्कूल, वेद, योग की पढ़ाई और शोध होगा
राजगढ़ और नरसिंहपुर जिलों में संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे जहां वेद और योग का भी अध्ययन कराया जाएगा। साथ ही गोसाता के पालन की पढ़ाई और शोध होगा। विद्यार्थियों का रुझान देखने के बाद अन्य जिलों में भी इसी तरह से संस्कृत विद्यालय खोलने पर विचार होगा। यह जानकारी स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने सोमवार को यहां कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में पत्रकारों से बातचीत में दी। वह मोहन सरकार के दो वर्ष में विभागों की उपलब्धियां बता रहे थे। उन्होंने कहा, सरकार प्रदेश के कुछ हायर सेकेंडरी स्कूलों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से सांदीपनि विद्यालयों के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है। मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों को अभी तक जुलाई अगस्त में पुस्तकें, साइकिल आदि मिल पाती थीं। वर्ष 2026 से अप्रैल में सभी चीजें उपलब्ध करा दी जाएंगी।
