- आज विधायकों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र विधानसभा अब पूरी तरह डिजिटल होने वाली है। सारा कामकाज पेपरलेस होगा। ये व्यवस्था अगले विधानसभा सत्र से लागू की जाएगी। इस नए सिस्टम से प्रदेश के 230 विधायकों को रूबरू कराने के लिए आज ट्रेनिंग दी जा रही है। विधानसभा के मानसरोवर सभागार में विधायकों को ट्रेनिंग दी जा रही। ये ट्रेनिंग राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन के तहत दी जा रही है। संसदीय कार्य मंत्रालय के अधिकारियों ने विधायकों को प्रशिक्षण दिया। देश की विधायी व्यवस्था को मॉडर्न, ट्रांसपेरेंट और तकनीक आधारित बनाने की दिशा में इस शुरू किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय संसद और देश के सभी राज्यों की विधानसभा को पेपरलेस बनाया जा रहा है।
बजट सत्र से मध्य प्रदेश की विधानसभा को पेपरलेस करने की योजना है, यानी सारे कार्य डिजिटल तरीके से किए जाएंगे। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद विधायकों, सचिवालय और आम लोगों को फायदा होगा। विधायकों को कागजों के भारी बंडल से मुक्ति मिलेगी। प्रश्न को आसानी से पूछा जा सकेगा। मतदान और उपस्थिति दर्ज कराने में आसानी होगी। वहीं, सचिवालय के कामकाज में तेजी आएगी। फाइल मैनेजमेंट आसान और तेज होगा। कर्मचारियों का समय और मेहनत भी बचेगी। आम जनता को भी इससे लाभ होगा। विधानसभा की कार्यवाही में पारदर्शिता आने से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा। गौरतलब है कि नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसकी मदद से संसद और विधानसभाओं की कार्यवाही को ऑनलाइन और रियल टाइम तरीके से संचालित की जाती है। ये पूरे देश की विधानसभाओं और संसद को एक करती है। ई-विधान नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन- नेवा देश की सभी विधानसभाओं और विधान परिषदों को पेपरलेस बनाने के लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो विधायी कार्यों जैसे प्रश्न, विधेयक, रिपोर्ट और कार्यवाही को डिजिटल रूप से उपलब्ध कराता है। इससे पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ती है, और यह वन नेशन -वन एप्लीकेशन के सिद्धांत पर काम करता है। इसकी कुल परियोजना लागत का 60 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। संसद में यह लागू हो चुका है। इससे एक ही ऐप के माध्यम से सभी विधानमंडलों के लिए जानकारी जैसे सदस्यों के विवरण, कार्यसूची, बिल, प्रश्न-उत्तर, समिति रिपोर्ट तक पहुंच मिलेगी। यह एप्लीकेशन सदस्यों, सचिवालय कर्मचारियों और सरकारी विभागों को भी एकीकृत करता है। नागालैंड देश का पहला राज्य है जिसने ई-विधान को सफलतापूर्वक लागू किया है, और 14 से अधिक अन्य राज्य भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
