बिच्छू राउंडअप/शांति वार्ता फेल हुई तो यूक्रेन में और जमीन कब्जा करेगा रूस, पुतिन की चेतावनी

यूक्रेन
  • रवि खरे

शांति वार्ता फेल हुई तो यूक्रेन में और जमीन कब्जा करेगा रूस, पुतिन की चेतावनी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा और कड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर शांति वार्ता रूस की शर्तों के मुताबिक आगे नहीं बढ़ी तो रूस यूक्रेन में अपने नियंत्रण वाले इलाकों का और विस्तार करेगा। पुतिन ने यह चेतावनी वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की वार्षिक बैठक में दी। उन्होंने संकेत दिया कि कूटनीति विफल हुई तो रूस सैन्य ताकत के दम पर अपने लक्ष्य हासिल करेगा। पुतिन ने कहा कि रूस संघर्ष को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है और युद्ध की जड़ कारणों को खत्म करने के पक्ष में है। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर विरोधी पक्ष और उसके विदेशी समर्थक गंभीर संवाद से इनकार करते हैं, तो रूस सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपनाएगा। पुतिन के शब्दों में, रूस अपने ऐतिहासिक क्षेत्रों की मुक्ति के लिए बल प्रयोग करने से पीछे नहीं हटेगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज हुए हैं। मौजूदा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उच्चस्तरीय बैठकों के बाद समझौता पहले से ज्यादा करीब है। अमेरिका, यूक्रेन और यूरोपीय देशों के बीच सुरक्षा गारंटी और सीमाओं को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि, नाटो सदस्यता जैसे मुद्दों पर अब भी सहमति नहीं बन पाई है।

घने कोहरे की मार से एअर इंडिया की उड़ानों पर पड़ सकता है असर, यात्रियों को किया सतर्क
सर्दियों के मौसम में बढ़ते कोहरे को देखते हुए एअर इंडिया ने यात्रियों के लिए अहम सूचना जारी की है। एयरलाइन ने कहा है कि आने वाले कुछ दिनों तक घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण उड़ान संचालन प्रभावित हो सकता है। खास तौर पर दिल्ली स्थित एअर इंडिया के मुख्य हब के साथ-साथ उत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हवाई अड्डों पर इसका ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। एयरलाइन ने यात्रियों से यात्रा से पहले सतर्क रहने और सहयोग की अपील की है। एअर इंडिया के अनुसार, घने कोहरे की स्थिति सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रह सकती, बल्कि इसका असर नेटवर्क से जुड़े अन्य शहरों तक भी पहुंच सकता है। ऐसे में उड़ानों में देरी, समय में बदलाव या रद्द होने की स्थिति बन सकती है। एयरलाइन ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति जरूर जांच लें, ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके। एअर इंडिया ने साफ किया है कि कम दृश्यता की वजह से दिल्ली, उत्तर भारत और पूर्वी भारत के कुछ हवाई अड्डों पर उड़ान संचालन सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है।

26 जनवरी से पहले बड़े हमले की फिराक में आतंकी, सुरक्षाबल अलर्ट…
लंबे समय से उधमपुर और किश्तवाड़ के घने जंगलों में छिपे आतंकी 26 जनवरी से पहले किसी बड़े आतंकी हमले की फिराक में हैं। इस इनपुट के बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर उधमपुर, सांबा और कठुआ जिलों में सघन तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। लंबे समय से घने जंगलों में सक्रिय आतंकी अब मैदानों की तरफ आ रहे हैं। उधमपुर के मजालता में हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबल की सतर्कता और ज्यादा बढ़ गई है। सूत्रों के अनुसार, इन जिलों में आतंकियों के दो से तीन अलग-अलग समूह सक्रिय हैं। इन समूहों में दो-दो या तीनी-तीन लोग शामिल हैं। लंबे समय ये आतंकी घने जंगलों में बनी प्राकृतिक गुफाओं में बनाए ठिकानों में छिपे हुए थे।  पहाड़ों में ठंड बढऩे के साथ ही ये आतंकी अब मैदानी इलाकों की तरफ आ रहे हैं। इस दौरान बंदूक की नोक पर लोगों से खाना मांगते दिख रहे हैं। मजालता में भी आतंकी ने लोगों से खाने मांगा था।

रेगिस्तान में रणकौशल: भारत व यूएई का युद्धाभ्यास डेजर्ट साइक्लोन-2 आज से
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच रक्षा सहयोग को नई मजबूती देने वाला साझा सैन्य अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन-2 आज से शुरू हो गया है। यह युद्धाभ्यास 18 से 30 दिसंबर तक यूएई की राजधानी आबू धाबी में आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना का एक दल यूएई के लिए रवाना हो चुका है। अभ्यास का मकसद दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक तालमेल और आपसी समझ को और मजबूत करना है। डेजर्ट साइक्लोन-2 एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है, जिसमें भारत की ओर से मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन के 45 जवान हिस्सा ले रहे हैं। वहीं यूएई की ओर से 53 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन के समान संख्या में सैनिक इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह अभ्यास दोनों सेनाओं की संयुक्त युद्ध क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस अभ्यास में शहरी युद्ध की परिस्थितियों में सैन्य कौशल को निखारने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

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