
- यात्री कम होने पर शुरुआत में एक ही कोच को चलाए जाने पर विचार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भोपाल में मेट्रो का संचालन शुरू होने में अब केवल 5 दिन ही शेष हैं, लेकिन लंबे इंतजार के बाद शुरू हो रही भोपाल मेट्रो शुरू में आधी अधूरी या बेसिक सुविधाओं के साथ ही चलाई जाएगी। बाद में जैसे मेट्रो प्रोजेक्ट का विस्तार होता जाएगा। डीपीआर में बताई गई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। शुरुआत में शहरवासियों को केवल साइकिल डेक, पिक एंड ड्रॉप जैसी बेसिक सुविधा ही मिल सकती है। लेकिन मेट्रो की सुविधा का विस्तार करने के लिए शहर के अन्य परिवहन साधनों को भी मेट्रो के साथ जोड़ा जाना जरूरी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मेट्रो का उपयोग कर सकें। मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के तहत एलिवेटेड मेट्रो, आईटीपी, फीडर-बे, पार्किंग, बस-बे जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जिन्हें अभी शुरुआती चरण में नहीं दिया जा रहा है। जबकि यही वे सुविधाएं हैं, जो यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक लाती हैं। यदि यही सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो शहर के ज्यादातर यात्री मेट्रो की सुविधा का लाभउठाने से वंचित रह जाएंगे। इन सभी सुविधाओं को मेट्रो प्रोजेक्ट के डीपीआर में शामिल किया गया था। हालांकि इस संबंध में मेट्रो के पदाधिकारियों का कहना है कि एम्स अस्पताल के पास पार्किंग की जगह उपलब्ध हो गई है। जबकि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन व एमपी नगर में पार्किंग के लिए विकल्प देखे जा रहे हैं। इन सभी सुविधाओं के अभाव में शुरुआत में केवल एक रैंक के जरिए ही मेट्रो का संचालन शुरू किया जा सकता है। बाद में जैसे जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। रैक की संख्या बढ़ाई जाएगी।
एक रैक में यात्रा कर सकेंगे 750 यात्री
प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण और यात्रियों की सीमित संख्या को देखते हुए शुरुआत में केवल एक ही रैंक के साथ मेट्रो का संचालन शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। जैसे जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। बता दें कि तीन डिब्बों के एक रैक में एक बार में 750 यात्री सफर कर सकते हैं। यानी प्रत्येक डिब्बे में 250 से ज्यादा यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होती है। शुरुआत में एक बार में केवल 750 यात्री ही सफर कर सकेंगे, लेकिन जैसे जैसे प्रोजेक्ट व सुविधाओं में विस्तार होगा। रैक की संख्या बढ़ाई जाएगी।
फिलहाल यात्रियों को मिलेंगी यह सुविधाएं
मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के आठ स्टेशनों पर यात्रियों को शुरुआती दौर में अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, जिनमें लिफ्ट, एस्केलेटर, सीढ़ी, एआई सीसीटीवी, कोच में स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम, ऑटोमैटिक टिकटिंग, दिव्यांग व्यक्तियों के लिए निर्धारित स्थान पर स्वचालित दरवाजे, कोच में आपातकालीन संपर्क और आपातकालीन द्वार, पुरुष, महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडरों के लिए विभिन्न शौचालय, जानकारी के लिए डिजिटइल साइन बोर्ड, साइनेज, आडियो अनाउंसमेंट, कस्टममेर केयर सेंटर, साइकिल डेक, ड्राप आफ और पिक पाइंट की की सुविधा मिलेगी। बाद में प्रोजेक्ट के विस्तार के साथ कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए काम किया जाएगा।
