आईएसआईएस से लेंगे बदला: ट्रंप

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया में हुए एक हमले के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि अमेरिका इसका जवाब देगा। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई है। अमेरिका का आरोप है कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस/आईएसआईएस) का हाथ है। व्हाइट हाउस से निकलते समय पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ‘यह आईएसआईएस का हमला है और हम इसका बदला जरूर लेंगे।’ वह इस दौरान आर्मी-नेवी फुटबॉल मैच देखने के लिए बाल्टीमोर रवाना हो रहे थे। ट्रंप ने हमले में मारे गए तीनों अमेरिकियों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस हमले में घायल हुए तीन अन्य अमेरिकी फिलहाल ठीक हैं और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, ‘हम सीरिया में तीन महान अमेरिकी देशभक्तों, दो सैनिकों और एक नागरिक की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं। साथ ही, हम तीन घायल सैनिकों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिनकी हालत में अभी-अभी पुष्टि हुई है कि वे ठीक हैं। यह सीरिया के एक बेहद खतरनाक हिस्से में, जो पूरी तरह से उनके नियंत्रण में नहीं है, अमेरिका और सीरिया पर आईएसआईएस का हमला था। सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शारा इस हमले से बेहद नाराज और परेशान हैं। इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा।’

जानकारी के मुताबिक, सीरिया के मध्य हिस्से में शनिवार को हुए एक हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई। इस हमले में तीन अन्य लोग घायल भी हुए हैं। अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने यह जानकारी दी। सेंटकॉम के अनुसार, यह हमला इस्लामिक स्टेट (आईएस) संगठन के एक अकेले हमलावर ने घात लगाकर किया। यह हमला राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्ता से हटने के एक साल बाद अमेरिकी बलों पर हुआ पहला घातक हमला है। यह हमला ऐतिहासिक शहर पालमायरा के पास हुआ। सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी साना के मुताबिक, हमले में सीरियाई सुरक्षा बलों के दो जवान और कुछ अमेरिकी सैनिक भी घायल हुए। घायलों को हेलीकॉप्टर से इराक और जॉर्डन की सीमा के पास स्थित अल-तनफ सैन्य अड्डे पर ले जाया गया। साना ने बताया कि हमलावर को मार गिराया गया है। वहीं, ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने दावा किया कि हमलावर सीरिया की सुरक्षा बलों से जुड़ा था।

अमेरिकी सेना ने कहा कि मृत सैनिकों की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जाएगी। रक्षा विभाग की नीति के अनुसार, पहले उनके परिजनों को सूचना दी जाएगी, उसके 24 घंटे बाद नाम जारी किए जाएंगे। अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘अगर आप दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाते हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और खत्म करेगा।’ अमेरिका के सैकड़ों सैनिक पूर्वी सीरिया में तैनात हैं, जो आईएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा हैं। पिछले महीने सीरिया भी औपचारिक रूप से इस गठबंधन में शामिल हुआ था। हालांकि आईएस को 2019 में सीरिया में सैन्य रूप से हरा दिया गया था, लेकिन उसके स्लीपर सेल अब भी हमले करते रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सीरिया और इराक में अब भी आईएस के 5,000 से 7,000 लड़ाके मौजूद हैं। इससे पहले 2019 में मंनबिज शहर में हुए एक धमाके में दो अमेरिकी सैनिक और दो अमेरिकी नागरिक मारे गए थे।

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