
नर्सिंग प्रवेश मामले में हाईकोर्ट सख्त रजिस्ट्रेशन काउंसिल को किया तलब
मध्यप्रदेश में एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया एक बार फिर न्यायिक जांच के घेरे में आ गई है। प्रवेश से जुड़ी अनियमितताओं, वेबसाइट के बंद होने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कथित उल्लंघन को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी है, तो एमएससी नर्सिंग को इससे अलग क्यों रखा गया। अदालत ने इसे गंभीर विषय मानते हुए काउंसिल और भारतीय नर्सिंग परिषद से जवाब तलब किया है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार लंबे समय से सवाल उठाते आ रहे हैं।
बिजली बचाने फाइव स्टार रेटिंग वाले बिजली उपकरण व सोलर रूफटॉप का करें प्रयोग
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विभिन्न उपकरणों में ऊर्जा दक्षता की रेटिंग के लिए बीईई स्टार लेबल जारी किए हैं। यह स्टार लेबल ऊर्जा दक्षता के रेटिंग के मानकीकरण और मानक परीक्षण परिस्थितियों में ऊर्जा की खपत को इंगित करने बनाए गए हैं। रेफ्रिजरेटर, एसी तथा अन्य ऊर्जा उपकरण खरीदते समय उपभोक्ता इन बीईई स्टार लेबल को देखकर ही बिजली उपकरण खरीदें। यह बात मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी क्षितिज सिंघल ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह पर उपभोक्ताओं से कही है, ताकि बिजली उपभोक्ता ज्यादा से ज्यादा बिजली की बचत कर सकें। इसके अलावा सिंघल ने लोगों से सोलर रूफटॉप को बढ़ावा देने और सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए भी कहा है, ताकि देश में ज्यादा से ज्यादा स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन किया जा सके।
हर साल गिर रहे प्रवेश, पांच हजार से ज्यादा स्कूलों में लगेंगे ताले
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हर साल छात्रों की संख्या कम होती जा रही है। वर्ष 2024-25 के मुकाबले 2025-26 में लगभग साढ़े तीन लाख बच्चों के कम प्रवेश हुए हैं। इसमें कई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ भी चुके हैं। अब कम प्रवेश वाले करीब प्रदेश के पांच हजार स्कूल बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। ये सांदीपनि विद्यालय में शिफ्ट होने वाले स्कूलों से अलग बताए जा रहे हैं। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को पास के स्कूलों में ही शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा कई स्कूलों में शिक्षकों का भी टोटा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 20 स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। चार हजार 128 स्कूलों में एक-एक शिक्षक ही पदस्थ है। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा पर विधानसभा के शीतकालीन सत्र में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा था कि विद्यार्थी विहीन और 10 से कम प्रवेश वाले स्कूलों को बंद किया जाएगा। उक्त स्कूलों के विद्यार्थियों को एक किमी के दायरे में नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। उक्त स्कूलों के शिक्षकों की पदस्थापना दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में की जाएगी।
देश के एक तिहाई बाघ मध्यप्रदेश में मारे गए, कई लापता
इस साल जनवरी से अब तक देशभर में विभिन्न कारणों से मारे गए बाघों में से एक तिहाई की मौतें मध्य प्रदेश में हुई है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के आंकड़ों के अनुसार इस साल देशभर में 157 बाघों की मौतें रिकॉर्ड हुई हैं, जिनमें से 52 बाघ केवल मध्य प्रदेश में ही मारे गए हैं। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर महीने किसी न किसी टाइगर रिजर्व या बफर एरिया में बाघों की मौत हुई है। हालांकि सितंबर, मार्च और नवंबर माह में बाघों की सबसे कम मौतें रिकॉर्ड हुई हैं। जबकि सबसे ज्यादा मौतें फरवरी और अक्टूबर माह में रिकॉर्ड की गई हैं। आंकड़ों के अनुसार मारे गए बाघों में से 32 की मौत सबसे सुरक्षित माने जाने वाले टाइगर रिजर्व के अंदर हुई है। जबकि 20 बाघों की मौत सामान्य वन मंडल, बफर एरिया या सडक़ आदि के किनारे हुई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के कई बाघ लापता भी बताए जा रहे हैं, जिनका अब तक कुछ पता नहीं चल सका है।
