
- पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा जुटी तैयारी में
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
पुलिस में उप निरीक्षक या सब इंस्पेक्टर (एसआई), सूबेदार और आरक्षक के पद पर चयन की तैयारी कर रहे युवाओं में से चयनित प्रत्याशियों को अगले साल नियुक्ति दी जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि पुलिस 2025 में की जाने वाली 7500 आरक्षकों, 500 सब इंस्पेक्टरों और 500 लिपिकीय संवर्ग के पदों की परीक्षा और उनके परिणामों का इंतजार कर रही है। मप्र कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) इन पदों पर लिखित परीक्षाएं आयोजित कर रही है। परिणाम और अन्य प्रक्रियाएं अगले साल मार्च तक आने की संभावना है। अधिकारियों का मानना है कि जैसे ही वर्तमान भर्ती का परिणाम घोषित होता है उसके तुरंत बाद अप्रैल में नई भर्ती (8000 पदों पर) की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार, पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा साल 2026 में होने वाली 7500 आरक्षकों और 500 सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति की तैयारी में जुट गई है। शाखा मे इन दिनों अगले साल के लिए रोस्टर तय करने का काम जारी है। सिलेक्शन ब्रांच अगले साल अप्रैल में इन पदों की अधिसूचना जारी कर सकती है। यह भर्ती प्रक्रिया अगले साल दिसंबर तक पूरी करने की तैयारी है। डीआईजी चयन एवं भर्ती वीरेंद्र सिंह का कहना है कि साल 2026 में होने वाली भर्ती के लिए रोस्टर बना रहे हैं। कोशिश यही है कि अगले साल दिसंबर से पहले 2026 की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। अभी 2025 के 8500 पदों पर भर्ती ईएसबी कर रहा है।
अभी 30 हजार से अधिक पद रिक्त
पुलिस महकमे में फिलहाल 1 लाख 6 हजार पुलिस कर्मी कार्यरत हैं। आवश्यकता के हिसाब से देखा जाए तो अब भी 30 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। पिछले दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन सभी पदों को अगले तीन साल के भीतर भरने की घोषणा की थी। ऐसे में अब प्रदेश सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पीएचक्यू ने तय कर लिया है कि खाली पदों में से 25500 पद सीधी भर्ती जबकि शेष पद 4500 पद नियमानुसार प्रमोशन से भरे जाएंगे। साल 2026 की सीधी भर्ती के 8000 पदों के लिए आरक्षण का रोस्टर तैयार किया गया है। इनमें से ओबीसी के 13 प्रतिशत पद (लगभग 1000) रिजर्व रखे जाएंगे और कोर्ट के आदेश के बंधनकारी होंगे। फिलहाल एमपी सरकार द्वारा ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है जबकि शासन की तरफ से इसे बढ़ाकर 27 फीसदी करने की याचिका अदालत में विचाराधीन है। ऐसे में इन 1000 पदों का फैसला कोर्ट के दिशा निर्देश आने के बाद होगा।
