- मप्र पुलिस की अपराध शाखा ने एक पखवाड़े तक चलाया विशेष अभियान

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
क्राइम ब्रांच भोपाल ने हाल ही में एक विशेष अभियान चलाकर 2016 से फरार या लंबित नोटिस वाले अपराधियों तक पहुंचना संभव बनाया। यह अभियान 25 नवंबर से शुरू किया गया और इसमें प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ 18 अन्य राज्यों के 215 से अधिक थानों का सहयोग लिया गया। अभियान में दर्जनभर पुलिस टीमें पहुंची, मुख्य उद्देश्य लंबे समय से फरार चल रहे आरोपियों की पहचान करना और उन्हें नोटिस थमाना था।
दूसरे राज्यों को रास्ता मिला
इससे यह पता चला कि एक दर्जन टीमों ने इस दौरान 25 हजार से अधिक किलोमीटर का सफर तय किया। इस दौरान डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों की 215 से अधिक पुलिस थानों में समन्वय बनाकर सायबर क्राइम ब्रांच के लबित और पुराने मामलों के आरोपियों तक पहुंच सकी। क्राइम ब्रांच के पास ऐसे 380 अपराधियों की कुंडली बनाई गई थी। इनमें से 285 नोटिस तामिल हो सके। यह अभियान 25 नवंबर से शुरू किया गया था। ऐसा करने से पहले एक कमांड एवं कंट्रोल सेंटर बनाया गया था। जिसका सिर्फ यह काम था कि यात्रा पर निकले पुलिस अधिकारी या कर्मचारी की तकनीकी समस्या को चिन्हित करके तुरंत ही वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से संबंधित राज्यों के अफसरों से संपर्क करके उसका समाधान निकालना। टीम ने कई राज्यों के दुर्गम क्षेत्रों में भी जाकर उत्कृष्ठ कार्य किया। क्राइम ब्रांच इस योजना को अब पुलिस मुख्यालय के साथ साझा करने जा रहा हैं। जिससे दूसरे जिलों और राज्यों को भी इस तरह के नवाचार करने में सहायता मिल सके।
समय और ऊर्जा की बचत
क्राइम ब्रांच को इस मुहिम शुरु होने से पहले 380 अपराधियों का संपूर्ण ब्यौरा बनाकर दिया गया था। यह सारे आरोपी देश के पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में रहते हैं। मोबाइल नंबर, पैन, वोटर, आधार कार्ड समेत अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जो केस डायरी में मिले उनको जुटाने के बाद कुंडली बनाई गई थी। इसके अलावा जिन जगहों पर जाना है उसके लिए एक सुगम रुट एप बनाकर मैदानी कर्मचारियों को दिया गया था। इस एप में संबंधित जिले के अलावा उस स्थानीय क्षेत्र का संपूर्ण डेटा पहले से उसमें इंस्टॉल था। इन प्रयासों से कार्रवाई में निकले क्राइम ब्रांच के अफसरों का समय और ऊर्जा की बहुत ज्यादा बचत हुई।
आंकड़ों में जानिए प्रयासों के परिणाम
55 नोटिस: आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से तामील कराए गए।
105 नोटिस: आरोपियों की अनुपस्थिति में परिजनों को तामील हुए।
35 नोटिस: किसी के नहीं मिलने पर उनके घरों पर नोटिस घर पर चस्पा
90 मामले: गलत पते और आरोपी के न मिलने पर तुरंत तस्दीक
