हंगामा-चक्काजाम के बाद भी खाद नहीं… मिलता है आश्वासन

  • मौत के बाद भी नहीं जाग रहा प्रशासन

गौरव चौहान
मप्र में खरीफ सीजन के बाद अब रबी सीजन में भी खाद की कमी किसानों को रूला रही है। हर साल किसान खाद के लिए मारामारी करता है, लंबी लाइन लगाता है, डंडे खाता है, कई दिन इंतजार करता है और नतीजा ये रहता है कि किसान को यदि खाद मिल भी जाती है तो उसे जितनी चाहिए उतनी नहीं। मजबूरन किसान दोगुने दामों में बाजार से खाद खरीदता है। इधर खाद व्यापारी भी कालाबाजारी करने से नहीं चूकते। इससे बड़ी विडंबना क्या होगी कि देश के लिए अन्न उगाने वाले अन्नदाता खाद के लिए लाइन में खड़े-खड़े मौत की आगोश में समा रहा है। फिर भी प्रशासन जाग नहीं रहा है।
टीकमगढ़ के बडौरा घाट वितरण केंद्र पर तीन दिन से खाद के लिए लाइन लगा रहे 50 वर्षीय किसान जमुना कुशवाहा की सोमवार दोपहर हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे सुबह केंद्र पहुंचे थे, जहां 12 बजे अचानक चक्कर आकर गिर पड़े। उल्टियां होने पर उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 3 बजे उनकी मृत्यु हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक के संकेत मिले हैं। जमुना के बेटे ने बताया कि केवल दो बोरी यूरिया के लिए पिता लगातार दौड़ रहे थे। उन्हें खाद नहीं मिली और इंतजार में उनकी मौत हो गई।
समय से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही
प्रदेश में खाद की मारामारी वाले जिलों की लंबी फेहरिस्त है। अधिकांश जिले ऐसे हैं जहां खाद के लिए किसान रात से ही कतारों में लग जाते हैं। बड़वानी, खंडवा, शिवपुरी सहित अन्य जिलों के किसान खरीफ फसलों की बुवाई के बाद सारे काम छोड़ कर खाद के लिए भटक रहे हैं।  बुरहानपुर, खरगोन, विदिशा, नर्मदापुरम जैसे कई जिले हैं जहां खाद के लिए किसानों को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।  समय पर खाद नहीं मिलने से सबसे ज्यादा असर बुवाई पर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि समय से खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
खजुराहो में सरकार…पड़ोस में 4 जगह चक्काजाम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी पूरी कैबिनेट और अधिकारियों के साथ खजुराहो में हैं। वहीं दूसरी तरफ खाद की किल्लत से परेशान किसान सड़क पर उतर गए। उन्होंने बड़ामलहरा, लवकुशनगर, बमीठा और हरपालपुर में सड़क पर उतरकर चक्का जाम किया।  किसानों ने खाद की किल्लत को लेकर झांसी-खजुराहो नेशनल हाईवे पर बमीठा के पास जाम लगा दिया। वहीं टीकमगढ़ में भी खरगापुर, बल्देवगढ़ और पलेरा नगर में तहसील के सामने किसानों ने चक्काजाम किया। प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने की कोशिश करते रहे। हरपालपुर में भी खाद की कमी से परेशान किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग-76 पर थाने के सामने जाम लगा दिया। पुलिस प्रशासन किसानों को समझाने में जुटा रहा।
किसान देर रात से मंडी में लाइन में खड़े दिखे
अधिकारियों के अनुसार, सोमवार सुबह से 1300 से ज्यादा टोकन बांटे जा चुके थे। किसानों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही थी। सिविल लाइन थाना क्षेत्र की सटई रोड स्थित मंडी में भी किसान देर रात से लाइन में खड़े दिखे। पिछले बुधवार को इसी मंडी में हजारों किसानों की भीड़ के कारण व्यवस्था बिगड़ गई थी और किसानों ने सडक़ जाम कर दी थी।
तहसीलदार के थप्पड़ मारने से बढ़ा था विवाद
सौरा मंडल की तहसीलदार ऋतु सिंघई द्वारा छात्रा को थप्पड़ मारने का वीडियो सामने आने से विवाद और बढ़ गया था। इसके बाद ईसानगर तहसीलदार आकाश नीरज और एसडीएम अखिल राठौर पर भी महिलाओं से बदसलूकी और झूमाझटकी के आरोप लगे थे। इस घटना को लेकर कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया था, जिसके बाद ऋतु सिंघई की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, अभी तक किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लवकुशनगर में भी खाद वितरण केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। बुवाई का समय होने के कारण किसान खाद के लिए परेशान हैं, वहीं बाजार में डीएपी 1900 से 2000 रुपए और यूरिया के 500 से 600 रुपए प्रति बोरी ब्लैक में बिकने की शिकायतें भी सामने आ रही हैं।
खाद की आपूर्ति पर खड़े हो रहे सवाल
रैक पॉइंट से सटई रोड छतरपुर मंडी परिसर में स्थित डबल लॉक केंद्र पर खाद का वितरण किसानों को किया जा रहा था। इसके अलावा दो खाद की और रैक जल्द ही पहुंचने की बात सामने आई थी। डबल लॉक छतपर में 380 मीट्रिक टन, बमीठा में 250, लवकुशनगर में 250, हरपालपुर में 130, बिजावर में 230, एमपी एग्रो छतरपुर में 90 मीट्रिक टन और बड़ामलहरा डबल लॉक केंद्र में 200 मीट्रिक टन यूरिया खाद भेजा गया था। इतनी खाद पहुंचने के बाद भी किसानों को यह उपलब्ध नहीं हो पाना बड़े सवाल उठा रहा है।
लोग भूखे-प्यासे परेशान
प्रदेश में खाद के लिए किसान लगातार परेशान हो रहे हैं। हालात यह हैं कि किसान खाद वितरण केंद्रों पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति गुना जिले के बमोरी इलाके के बागेरी और गुना शहर की नानाखेड़ी मंडी स्थित डबल लॉक केंद्र की है। यहां किसान रात में ही आकर डेरा डाले हुए हैं और लाइनों में बिस्तर बिछाकर सो रहे हैं। उधर, कृषि विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है और आपूर्ति लगातार हो रही है।

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