बिजली खपत में उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

  • फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजस्टमेंट सरचार्ज में कमी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
लंबे समय से हर माह बिजली बिल में झटका देने वाला फ्यूल पॉवर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) में इस बार कमी आई है। इसका फायदा बिजली उपभोक्ताओं को मिलने वाला है। गौरतलब है कि मप्र की बिजली कंपनियां वास्तविक पावर परचेज कॉस्ट और अनुमानित लागत के अंतर के आधार पर सरचार्ज की गणना करती हैं। इसका टैरिफ हर महीने 24 तारीख को जारी होता है। हर महीने जारी होने वाले इस सरचार्ज को वार्षिक टैरिफ में से घटा या बढ़ा दिया जाता है। इसके आधार पर बिजली बिल तय होता है। इस बार दिसंबर महीने में उपभोक्ताओं को बिजली खपत में कुछ राहत मिलने वाली है।
जानकारी के अनुसार, पिछले महीने बिजली कंपनियों ने सरचार्ज में 4.73 फीसदी की कमी की थी, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को ज्यादा फायदा हुआ था। इस बार टैरिफ में 2.33 फीसदी की कमी आई है। एफपीपीएएस के नाम पर बिजली के टैरिफ में कई बार इजाफा भी हुआ है। दरअसल भारत सरकार ने प्रदेश की बिजली कंपनियों को घाटे और फायदे के आधार पर हर महीने सरचार्ज तय करने के अधिकार दिए हैं। हर महीने तय होने वाले एफपीपीएएस में कमी के चलते प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को दिसंबर महीने की बिजली खपत में कुछ राहत मिल जाएगी। इस बार एफपीपीएएस में 2.33 फीसदी की कमी की गई है। यानी 1 हजार रुपए के बिजली बिल में 22 से 23 रुपए कम हो जाएंगे। हालांकि पिछले महीने यह सरचार्ज 4.73 फीसदी कम हुआ था। इससे बिजली उपभोक्ताओं को ज्यादा राहत मिल गई थी।
अगले साल बिजली हो सकती है महंगी
प्रदेश की बिजली कंपनियां हर साल 1 अप्रैल को बिजली का नया टैरिफ जारी करती है। इसके लिए टैरिफ याचिका दायर करने की तैयारी चल रही है। टैरिफ याचिका दायर होने के बाद उस पर सुनवाई होगी। इसके आधार पर अगले साल का नया वार्षिक टैरिफ जारी होगा। अगले साल भी बिजली के टैरिफ में इजाफा हो सकता है। पिछले साल बिजली कंपनियों ने 4107.18 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी। इसके बदले आयोग ने 3.46 फीसदी इजाफा किया था। कंपनियों की मांग पर पिछली बार हर सेक्टर के बिजली बिलों में इजाफा कर दिया है। घरेलू, गैर घरेलू, उद्योग, नगर निगम, नगर पंचायत से लेकर कृषि उपभोक्ताओं तक के टैरिफ में इजाफा हुआ था। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 19 पैसेगैर घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 20 पैसे और कृषि
उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 7 पैसे तक का इजाफा हुआ था। इतना ही नहीं बिजली कंपनियों की मांग पर आयोग ने फिक्स चार्ज में भी इजाफा किया था।

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