डराकर जालसाजों ने भोपाल में डेढ़ करोड़ ठगे

  • छवि खराब होने के डर से लोग फंस रहे सायबर ठगों के जाल में

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। शहर से लेकर गांव तक साइबर ठगों का जाल तेजी से फैलता जा रहा है। ये ठग हर दिन नए-नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। हालत यह है कि सिर्फ अनपढ़ या ग्रामीण ही नहीं बल्कि पढ़े-लिखे और तकनीक से जुड़े लोग भी इन जालसाजों के शिकार बन रहे हैं। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन ठगी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि लोगों को देशद्रोह-ड्रग्स आदि का डर दिखाकर सायबर ठग अपने जाल में फंसाकर लाखों रुपए ऐठ रहे हैं। गौरतलब है कि  तकनीक के दौर में डिजिटल अरेस्ट एक तरह की मनोवैज्ञानिक गिरफ्तारी है, जिसमें डर का धंधा चलता है। डर और सामाजिक छवि धूमिल करने का झांसा देकर पैसे ऐंठने का आपराधिक तरीका है। जहांगीराबाद इलाके के सीनियर एडवोकेट ने छवि धूमिल होने यानी देशद्रोही कहलाने के डर से खुदकुशी कर ली। डिजिटल अरेस्ट के चलते आत्महत्या का जालसाजी का यह शहर का पहला मामला है, जिसे पुलिस अधिकारियों को भी झकझोर दिया है। इस मामले में जहांगीराबाद पुलिस ने दो मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए है कि क्या यह पर्याप्त है। डर दिखाकर किसी की जान लेना समाज के लिए खतरा है और सामाजिक चिंता का विषय भी है।
भोपाल में इस साल 25 फंसे
बता दें कि पुलिस, कोर्ट, सीबीआई, आईबी, ईडी, कस्टम आफिस, ड्रग पार्सल आदि का डर दिखाकर इस साल राजधानी में अब तक 25 लोगों से करीब डेढ़ करोड़ की ठगी की उकसाने का केस दर्ज किया है। लेकिन सवाल यह गई है। जालसाजी का शिकार होने से बचे एक रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र को बताया कि जालसाजों का सेटअप यानी आफिस आपके आफिस से कहीं अच्छा था। यह बात सुनकर पुलिस कमिश्नर भी हैरान हो गए। पुलिस कमिश्नर मिश्र का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट में साइबर अपराधी हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या सरकारी एजेंसियों के नाम पर वीडियो कॉल के माध्यम से फर्जी नोटिस और आदेश दिखाते हैं। बार-बार पुलिस कहती आ रही है कि कोई भी अदालत या एजेंसी वीडियो कॉल के जरिए आदेश जारी नहीं करती। इन दस्तावेजों पर अशोक चिन्ह या सरकारी प्रतीक होते हैं इसलिए लोग इन पर भरोसा कर लेते हैं, जबकि यह वाटर मार्क होते हैं। उन्होंने कहा कि सायबर अपराधी फिल्मी सेट की तरह नकली कार्यालय बनाकर वीडियो कॉल पर खुद को सरकारी अधिकारी बताते हैं। अगर ऐसा कोई कॉल आए तो तुरंत काट दें और सत्यापन करें। कोई भी सरकारी एजेंसी आपके बैंक खातों या पैसे नहीं मांगती। सतर्कता और जागरूकता से ऐसे 70 फीसदी अपराध रोके जा सकते हैं। 13 जुलाई 2023 रातीबड़ इलाके में एक ऑनलाइन लोन ऐप से परेशान 38 वर्षीय व्यक्ति ने कथित रूप से पत्नी और दो बेटों के साथ आत्महत्या की। बच्चों को जहरीला पेय पिलाने के बाद दंपति फांसी के फंदे से झूल गए थे। घटना से पूर्व परिवार के साथ सेल्फी ली और चार पन्नों का सुसाइड नोट भतीजी को भेज दिया था। 2 अक्टूबर 2021 कोलार रोड थाना इलाके में 26 वर्षीय महिला ने सात मंजिला इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली।

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