- मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम की कवायद

गौरव चौहान
मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम का प्रतिष्ठित होटल लेक व्यू अशोका अब शहर के पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान बनाने जा रहा है। श्यामला हिल्स स्थित यह होटल, जो फिलहाल 3-स्टार श्रेणी में आता है। इसे अब ताज और मैरियट की तरह लग्जरी होटल बनाया जाएगा। पूरा प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर होगा, पर ऐसा मॉडल तैयार किया जा रहा है कि मालिकाना हक निगम के पास ही रहे। इससे निगम को एक निश्चित आय भी होगी। आठ साल पहले जब होटल लेक व्यू के शेयर निगम को ट्रांसफर हुए थे, तब होटल संचालन के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल कंपनी बनाई गई थी। इस कंपनी के माध्यम से ही पूरी योजना को क्रियान्वित किया जाएगा।
गौरतलब है कि होटल लेक व्यू अशोक, भोपाल की पहचान माने जाने वाले प्रतिष्ठानों में से एक है। 60 से अधिक कमरे, कई रेस्तरां, लॉन् खुले आयोजन स्थल और लेकफ्रंट के साथ खूबसूरत लोकेशन इस संपत्ति की ब्रांड वैल्यू है। चयनित एजेंसी मौजूदा भवन को डिमॉलिशा कर वर्तमान डिमांड के अनुरूप नई इमारत बनाएगी और संवालन करेगी। जानकारी के अनुसार इसके लिए ओबेरॉय, रामाहा सहित कई बड़े समूह अपनी रुचि दिखा चुके है। जानकारी के अनुसार, राजधानी में श्यामला हिल्स की सबसे खूबसूरत लोकेशन पर बने होटल लेक व्यू अशोका की जगह अब एक नया आलीशान चार या पांच सितारा होटल बनने जा रहा है। होटल ताज और मैरियट की तर्ज पर इस लग्जरी होटल में डेढ़ सौ आलीशान कमरे और एक हजार लोगों के हिसाब से बैकिट हॉल समेत कई सुविधाएं होंगी। मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध संचालक डॉ. इलैयाराजा टी का कहना है कि पांच बड़े निवेशकों ने रुझान दिखाया है। टेंडर ओपन हो गए है और आगे की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जाएगी। कॉरपोरेशन भी इसका बड़ा स्टेक होल्डर है। इससे हमें भी हर साल बड़ रेवेन्यू मिलेगा। जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और चयनित निवेशक बिल्डिंग परमिशन व अन्य जरूरी कार्यवाही पूरी नहीं कर लेता, तब तक इसका संचालन कॉरपोरेशन ही करेगा।
तीन साल में आकार लेगा नया होटल
जानकारी के अनुसार, तीन साल में यहां एक नया होटल आकार ले लेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए मप्र स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपी एसटीडीसी) की निजी निवेशक की खोज जल्द पूरी हो जाएगी। कारपोरेशन को पांच बड़े निवेशकों की बिड प्राप्त हुई है। नियम-शर्तों पर खरा उतरने वाले और एमपीएसटीडीसी को सबसे अधिक राजस्व देने वाले निवेशक को अगले 60 से 70 साल के लिए अशोक लेक व्यू को लीज पर दिया जाएगा। दरअसल, निगम ने पहले यह घोषणा की थी कि होटल का संचालन 31 मार्च 2026 तक बंद कर दिया जाएगा, लेकिन अब यह अंतिम तिथि निविदा के फाइनल होने पर निर्भर होगी। इससे हस्तांतरण की समय-सीमा निवेशक को सभी परमीशंस मिलने, एमपीएसटीडीसी को निर्धारित रकम चुकाने और अन्य नियमों के अनुरूप तय की जा सकेगी। इसे निवेशकों को 60 साल और अतिरिक्त 10 साल के लिए डीबीएफओटी (डिजायन, बिल्ड, फायनेंस, ऑपरेशन, ट्रांसफर) मोड पर दिया जा रहा है। इसके निजीकरण के लिए मार्च 2025 से जारी टेंडर प्रक्रिया काफी खींचतान के बाद आखिरकार आगे बढ़ गई है।
पांच कंपनियों ने की दावेदारी
अब फाइनली टेंडर खोल दिए गए हैं और पांचों आवेदकों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अगले एक सप्ताह में वेरिफिकेशन पूरा हो जाएगा। योग्य आवेदकों को अपनी दावेदारी के लिए होटल के प्रारूप और वित्तीय ग्राउंड पर आधारित प्रेजेंटशन देना होगा। इस आधार पर अंतिम राउंड में पहुंचे प्रतिभागियों के बीच फाइनेंशियल बिड होगी, जो प्रतिभागी एमपीएसटीडीसी को सबसे अधिक राजस्व प्रतिशत की पेशकश करेगा, उसे ही निविदा प्रदान की जाएगी। यह राज्य की एक बड़ी एसेट मोनेटाइजेशन योजना है। इस होटल की न्यूनतम निवेश दर 150 करोड़ रुपए तय की गई है। निविदा के अनुसार, चयनित एजेंसी को 3 करोड़ रुपये वार्षिक किराया देना होगा, जिस पर हर वर्ष 5 प्रतिशत वृद्धि लागू रहेगी। इसके अलावा होटल के राजस्थ का न्यूनतम तीन प्रतिशत या बोली के दौरान निर्धारित सर्वाधिक प्रतिशत भी शेयर करना होगा। सूत्रों के अनुसार, यह शर्त भी जोड़ी गई है कि निवेशक इस जमीन को गिरवी या बेच नहीं सकता।
