- शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन दिखा कांग्रेस का आक्रामक तेवर

गौरव चौहान
मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस का आक्रामक रुख देखने को मिला। कांग्रेस ने सिंगरौली जिले के जंगल में 6 लाख पेड़ों की कटाई और पेसा एक्ट के उल्लंघन का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरा। सिंगरौली जिले में बड़े पैमाने पर जंगल कटाई का मुद्दा सदन में केंद्र में रहा। कांग्रेस विधायकों ने वन विभाग से स्पष्ट जवाब मांगा, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह और विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन कोल खदानें अडाणी समूह को देने के नाम पर भारी मात्रा में पेड़ों की कटाई कराई है। उन्होंने कहा कि वन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा और आदिवासी समुदाय पर इसका सीधा असर पड़ेगा। भूरिया ने यह भी कहा कि सिंगरौली से पेड़ काटकर सागर और शिवपुरी में लगाए जा रहे हैं। यह न्याय नहीं।
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार पर अडानी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए धिरौली ब्लॉक में आदिवासियों को बेघर करने, उन्हें जेल भेजने, पेसा कानून का उल्लंघन किए जाने और 6 लाख पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सिंगरौली जिले के धिरौली, अमरेली, बिरकुनिया, जमघट, झांझी, अमरवा आदि गांवों में अंधाधुंध जंगल की कटाई की जा रही है। करीब 6 लाख पेड़ों के काटे जाने की संभावना का अनुमान है। कोयला खनन एवं पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए गरीब आदिवासियों के हकों को खत्म किया जा रहा है। पूरे जिले में पैसा और एफआईआर के अलावा अन्य कानूनों का भी उल्लंघन किया जा रहा है। धिरौली ब्लॉक की 1398 हेक्टेयर वन भूमि के वन को विनाश की ओर अग्रसर किया जा रहा है।
कटाई नियमों के तहत की गई
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने सफाई देते हुए कहा कि कटाई नियमों के तहत की गई है, जितने पेड़ हटाए गए हैं, उतने लगाए भी जा रहे हैं और जितनी भूमि ली गई है, उतनी उपलब्ध भी कराई जा रही है। लेकिन विपक्ष उनकी दलीलों से असंतुष्ट रहा। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि अगस्त 2023 के दस्तावेजों में सिंगरौली ब्लॉक को पेसा एक्ट क्षेत्र बताया गया है, फिर सरकार अब क्यों कह रही है कि यह क्षेत्र पेसा के दायरे में नहीं आता? उन्होंने पूछा कि 2023 के बाद इसे पांचवीं अनुसूची से क्यों हटाया गया? इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सिंगरौली में कभी पैसा लागू नहीं रहा और वहां आदिवासी आबादी कम है। उन्होंने वन मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि वह पहली बार विधायक हैं, लेकिन सही जवाब दे रहे हैं। वन मंत्री अहिरवार ने कहा कि जो ग्राम और ब्लॉक क्षेत्र अभी प्रभावित हैं, वे वर्तमान में पेसा एक्ट के तहत नहीं आते, इसलिए अनुमति दी गई है। विपक्ष के लगातार दबाव पर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के साथ अलग बैठक कर वन मंत्री पूरा और स्पष्ट जवाब देंगे।
विजयवर्गीय ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जब राज्यमंत्री अहिरवार इसका जवाब नहीं दे पाए, तो संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, मैंने अधिकारियों से चर्चा की है कि सिंगरौली जिले में कभी भी पेसा एक्ट लागू ही नहीं हुआ, क्योंकि वहां पर आदिवासियों की संख्या कम रही है। मैं यह बात पूरी जवाबदारी से कह रहा हूं। इस पर कांग्रेस विधायकों ने कहा कि मंत्री जी बताएं कि क्या लोकसभा में दिया गया जवाब असत्य है? कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया। विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि सांसद शालिनी सिंह के 9 अगस्त, 2023 को सिंगरौली जिले के पेसा कानून के संबंध में लोकसभा में प्रश्न पूछा था। उनको उत्तर दिया गया था कि धिरौली कोल ब्लॉक पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। मैं डॉक्यूमेंट प्रूफ के साथ यह बात कह रहा हूं। मूल बात यह है कि वर्ष 2023 और 20225 के बीच में यह बदलाव कैसे हुआ। घिरौली ब्लॉक पांचवीं अनसूची से बाहर कैसे आ गया। इसके जवाब में वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि धिरौली ब्लॉक में जितने पेड़ काटे जा रहे हैं, उतने पेड़ लगाए जा रहे हैं। लगभग 458 करोड़ रुपए सालाना शासन को मिलेंगे। साथ ही उस क्षेत्र के 800 से 900 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक अजय सिंह, विधायक बाला बच्चन, जयवर्धन सिंह, विक्रांत भूरिया ने कहा कि मंत्री जी स्पेसिफिक जवाब दें कि 2023 के बाद धिरौली ब्लॉक पांचवीं अनुसूची से क्यों हटाया गया?
2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कृषि का क्षेत्र गरीब वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाने वाला मुख्य क्षेत्र है। कृषि से संबद्ध गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन के भी कई अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसी उद्देश्य से प्रदेश में वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नवाचार की पर्याप्त संभावना है। धान की खेती को प्राथमिकता देने के साथ गेहूं, चना, दलहन, तिलहन, हॉर्टिकल्चर आदि के क्षेत्र में भी अन्य राज्यों के साथ ही अन्य देशों में हो रहे नवाचारों से अवगत कराने के लिए कृषकों को विविध देशों का भ्रमण कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश वर्ष 2026 के कृषि वर्ष मनाने के संबंध में विधानसभा के समिति के कक्ष में आयोजित बैठक में दिए।
