उथल-पुथल भरी दुनिया में मौजूदा रिश्तों को मजबूत करना जरूरी: थरूर

थरूर

नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हैं। उनका पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जाकर उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि आज की उथल-पुथल भरी दुनिया में, जहां बहुत सारे रिश्ते अनिश्चितता के घेरे में हैं, ऐसे में हमारे मौजूदा रिश्तों को मजबूत करना जरूरी हो जाता है। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर बोलते कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक महत्वपूर्ण संबंध है और लंबे समय से रहा है। आज की इस उथल-पुथल भरी दुनिया में, जहां इतने सारे संबंध अनिश्चित हो गए हैं। हमारे पास जो संबंध हैं उन्हें मजबूत करना महत्वपूर्ण हो जाता है। किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि इसका असर दूसरे देशों के साथ हमारे रिश्तों पर पड़ेगा, क्योंकि भारत में विभिन्न सरकारोंके साथ स्वतंत्र संबंध रखने की क्षमता है। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जिसने हमेशा संप्रभु स्वायत्तता में विश्वास किया है।

थरूर ने आगे कहा कि अपनी मित्रता, अपनी साझेदारियों और अपने राष्ट्रीय हितों को तय करने की हमारी स्वायत्तता हमारे डीएनए में समाहित है। हाल के वर्षों में, विशेष रूप से दो क्षेत्रों में, रूसी मित्रता का महत्व सिद्ध हुआ है। हाल के वर्षों में हमें रूस से काफी तेल और गैस मिली है, और रूस से रक्षा आयात का महत्व ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक बार फिर प्रदर्शित हुआ, जब एस-400 ने हमें दिल्ली सहित हमारे शहरों को निशाना बनाने वाली कई पाकिस्तानी मिसाइलों से बचाया। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर इस बैठक के दौरान समझौते होते हैं, तो यह एक महत्वपूर्ण रिश्ते को मजबूत करने का एक हिस्सा होगा। मेरे विचार में यह संबंध अमेरिका या चीन के साथ हमारे रिश्तों की कीमत पर नहीं आते हैं। पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि वे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों को जारी रखते हुए, मौजूदा रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त करेंगे।

फैबियन ने कहा, यह पहली यात्रा है, और स्वाभाविक रूप से, प्रधानमंत्री मोदी ने यह रुख अपनाया है कि यह युद्ध का युग नहीं है। वह राष्ट्रपति पुतिन को बताएंगे कि भारत इसे कैसे देखता है, क्योंकि भारत चाहता है कि यह युद्ध जल्द से जल्द समाप्त हो। फैबियन ने कहा कि भारत के रुख के बावजूद, मास्को के दीर्घकालिक लक्ष्यों में बदलाव की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि इससे राष्ट्रपति पुतिन के स्पष्ट रणनीतिक उद्देश्य में कोई बदलाव आएगा, जिसका उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप से पुरजोर समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दोनों देश अपनी साझेदारी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों (रूस और भारत) को अपने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा, मजबूत और व्यापक बनाने से काफी फायदा होगा और प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन यही करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रक्षा पर जोर दिया जाएगा।

Related Articles