- सरकार जल्द लाएगी वन टाइम सेटलमेंट योजना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मध्यप्रदेश सरकार आर्थिक कारणों से लडख़ड़ा रहे बीज निगम को एक बार फिर से खड़ा करेगी। इसी तरह सरकार डिफाल्टर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए जल्द ही वन टाइम सेटलमेंट योजना शुरू करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संबंधित विभाग के अफसरों को पारदर्शी योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को मंत्रालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों और मंत्री विश्वास कैलाश सारंग को कई निर्देश एवं मार्गदर्शन दिए। बैठक में मध्य प्रदेश बीज निगम की खस्ता हालत पर प्रेजेंटेशन, दिया गया। इसमें बताया गया कि लगातार निगम घाटे में चल रहा है। इससे निगेस के अधीन प्रक्षेत्रों का विकास और संचालन सही ढंग से नहीं हो रहा है। इस पर सीएम ने निगम को फिर से खड़ा करने की योजना बनाने को कहा है। इस बार बीज निगम को एप्को की तर्ज पर आगे बढ़ाया जाएगा। बीज संघ द्वारा बीज व्यवसाय को प्रोत्साहन देने के लिए एमपी चीता ब्रांड लांच किया गया है। बैठक में प्रदेश के डिफाल्टर किसानों को लेकर भी चर्चा की। इसमें सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसी कोई योजना बनाई जाए, जिससे किसानों राहत दी जा सके। सीएम के निर्देश पर मंत्री सारंग ने डिफाल्टर किसानों को राहत देने के लिए जल्द ही वन-टाइम सेटलमेंट योजना बनाने की बात कही। सारंग ने कहा कि डिफाल्टर सूची से किसानों को निकालकर रेगुलर श्रेणी में शामिल किया जाएगा, ताकि वे फिर से ऋण प्राप्त कर सकें। सीएम ने कहा कि किसानों को सशक्त बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाना सहकारी संस्थाओं का मुख्य उद्देश्य है। आगामी वर्ष 2026 को प्रदेश में कृषि एवं किसान वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान पंचायत स्तर पर पैक्स स्थापित किए जाएं।
अगले तीन साल में 90 हजार आंगनवाड़ी भवन बनेंगे
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम डॉ. यादव ने आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक सुविधायुक्त बनाने के निर्देश दिए। सीएम को बताया गया कि देश में पहली बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका की भर्ती ऑनलाइन पोर्टल से की गई। इसमें 19500 पदो के विरुद्ध 9948 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी किए गए। सीएम ने कहा है कि अधिक से अधिक लोगों तक विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों का सुगमता पूर्वक लाभ पहुंचाने के लिए सुशासन की भावना के अनुसार पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए गतिविधियों का संचालन किया जाए।
