- गणना-पत्रक भरने में बीएलओ नहीं कर रहे सहयोग

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
निर्वाचक नामावली विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)का काम 4 दिसंबर को खत्म होगा। लेकिन राजधानी सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में एसआईआर की प्रक्रिया पिछड़ी हुई है। ऐसे में बीएलओ द्वारा समय-सीमा पर गणना पत्रक वितरण न होने से नाराज भाजपा ने निर्वाचन आयोग में दस्तक दी। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा से भेंट कर निर्वाचक नामावली विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संबंध में जरूरी सुझाव दिए।
बताया कि आयोग ने बीएलओ को मतदाताओं के घर तीन बार जाकर गणना पत्रक वितरित एवं एकत्रित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकांश बीएलओ एक बार ही संपर्क कर रहे हैं। अनुपस्थित मतदाताओं को फार्म उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया जा रहा। गणना-पत्रक भरने में भी उनके द्वारा सहयोग नहीं किया जा रहा।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग का ध्यान बीएलओ के कार्य-प्रणाली से जुड़े गंभीर मुद्दों की ओर आकर्षित किया और तत्काल आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में एसआइआर के प्रदेश संयोजक एवं विधायक भगवानदास सबनानी, प्रदेश मंत्री एवं सह संयोजक रजनीश अग्रवाल तथा सह संयोजक एसएस उप्पल शामिल रहे। उन्होंने आग्रह किया कि शेष मतदाताओं तक तत्काल गणना पत्रक पहुंचाने के लिए बीएलओ को पुन: निर्देशित किया जाए, ताकि समय-सीमा में गणना-पत्रक जमा हो सकें। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को यह भी बताया कि कई मतदाता फार्म-6 एवं फार्म-8 भरकर बीएलओ को देना चाहते हैं, लेकिन स्वीकार नहीं किया जा रहा। इस संबंध में तत्काल उचित निर्देश जारी किए जाएं। प्रतिनिधिमंडल ने प्रारूप मतदाता सूची को सरल और सहज रूप में तैयार करने का सुझाव दिया। ताकि आम मतदाता आसानी से अपना नाम जांच कर सके। त्रुटि होने पर दावा-आपत्ति प्रस्तुत कर सके।
विधानसभा में कांग्रेस उठाएगी मुद्दा
एसआईआर में वोट चोरी का आरोप लगा रही कांग्रेस ने सड$क के बाद अब सदन में भी सरकार को पूरी ताकत से घेरने की तैयारी की है। आज होने जा रही विधायक दल की बैठक में इसकी रणनीति बनेगी। एसआईआर के अलावा कानून-व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति, किसानों से जुड़े मुद्दे जैसे खाद नहीं मिलने की समस्या को भी प्रमुखता से उठाने की तैयारी हैं। पार्टी का आरोप है कि पात्र लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। पांच दिन के सत्र में चार बैठकें होंगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बैठक में सदस्यों से बातचीत कर जनहित से जुड़े मुद्दों को सत्र में उठाने की रूपरेखा तैयार करेंगे। एसआईआर में पांच जिले ऐसे हैं जहां 10 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग नहीं हो पाई है। यानी न तो मतदाता और न ही मतदाता के रिश्तेदार का नाम का वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान हो पा रहा है। अब इन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्य किए गए पहचान के 12 दस्तावेज में से कोई एक देना होगा। ऐसे सबसे अधिक मामले शहडोल में 17 प्रतिशत, सतना में 15, मैहर में 10, मुरैना और जबलपुर में 11-11 प्रतिशत हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरपीएस जादौन का कहना है कि जिनका नाम मैप नहीं हो पाया है उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इस पर विचार किया जाएगा।
मैदान में उतरे दिग्विजय सिंह
कांग्रेस सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार को भोपाल में नरेला विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। महामाई का बाग स्थित मतदान केंद्र क्रमांक 189 के मकान नंबर 70 पर उन्होंने बीएलओ प्रतिमा भीलवारे को वोटर लिस्ट देकर कहा- गिनकर बताओ कितने नाम हैं। बीएलओ ने गिनना शुरू किया। 28 तक गिनने के बाद दिग्विजय सिंह ने पूछा-क्या किसी मकान में 10 से अधिक लोग रह रहे हों तो सहायक निर्वाचन अधिकारी को आकर देखने के निर्देश भारत निर्वाचन आयोग ने दिए हैं। इस पर बीएलओ ने अनभिज्ञता जाहिर की। यहां उपस्थित कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने उन्हें बताया कि यह मकान मप्र शिक्षक संघ का कार्यालय है, जहां सूची में दर्ज कोई भी व्यक्ति नहीं रहता। सिंह ने सूची के नाम पढ$कर वहां रहने वाले गौतम आर्य से भी पूछा पर उन्होंने यही कहा कि वे इनमें से किसी को नहीं जानते। दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसे मामलों की जांच प्रशासन को करानी चाहिए। मनोज शुक्ला का कहना है कि इस मकान से अलग-अलग चुनावों में भाजपा का कार्यालय संचालित होता है, फिर नौ जातियों के 30 मतदाता कहां से आ गए। दिग्विजय ने एक दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कहा था कि वह मतदाताओं के बीच जाकर वोटर लिस्ट का सत्यापन करेंगे।
