- खजुराहो में मंथन से पहले काम में जुटे कई मंत्री

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
राज्य के मंत्रियों की परफॉर्मेंस वाली फाइल दिल्ली जाएगी। यहां से आगे का भविष्य तय होगा। यह फाइल मजबूत बने, इसलिए कई मंत्रियों ने विभागीय समीक्षा बैठकों और निरीक्षणों का दौर तेज कर दिया है तो कई मंत्री अभी भी मोर्चे पर नहीं निकले हैं। पहले की तरह आराम मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं। जबकि पहले से जमीन पर डटकर काम करने वाले मंत्रियों ने दतरों में दो साल के कामों के बड़े-बड़े प्रेजेंटेशन बनाने के लिए विशेष टीम हायर कर रखी है, जो लगातार काम कर रही है। समीक्षा की तारीख व स्थान दोनों तय असल में मोहन सरकार दिसंबर 2025 में अपने दो साल पूरा कर रही है। सरकार ने समग्र रूप से दो साल की उपलब्धि का रोडमैप तैयार कर लिया है, लेकिन इसके सार्वजनिक करने और केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में लाने से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रियों और उनके विभागों के कामों की समीक्षा करने वाले हैं। उन्होंने यह बात पिछली कैबिनेट बैठक के अंदर मंत्रियों से कही है। समीक्षा की तारीख और स्थान दोनों ही तय है। ये समीक्षा 8 और 9 को खजुराहो में प्रस्तावित है। उसके पहले भी मुख्यमंत्री 1 से 6 दिसंबर के बीच विभागों को बारी-बारी से बुला सकते हैं।
एक बार हो चुका विस्तार
लोकसभा चुनाव से पहले श्योपुर के विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा ज्वाइन की थी। उन्हें मंत्री बनाया गया। उपचुनाव में हारने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। हमेशा से देखने में आया है कि जब किसी राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार बनती है तो कुछ माह बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बदले जाने की चर्चाएं तेज हो जाती हैं। मध्यप्रदेश में इस तरह की चर्चा एक बार शुरू होकर बंद हो चुकी है। अब फिर सोशल मीडिया पर लोग इसे हवा दे रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हकीकत में क्या होना है, यह किसी को नहीं पता, तब भी यह बात तय है कि मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होना तय है। जब भी यह मौका आएगा, तब परफॉर्मेंस को आधार बनाकर कुछ मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है। इनकी जगह नए चेहरों को जगह दी जाएंगी।
विषय विशेषज्ञ को दें विभागों का जिम्मा
युवाओं में सरकारों के प्रति रुझान बढ़ने लगा है। सोशल मीडिया पर लगातार ये बातें सामने आ रही हैं कि भर्तियों के लिए योग्यता को अनिवार्य किया जाता है, लेकिन जिन पर पूरे विभाग का जिम्मा होता है उनके लिए यह बाध्यता लागू नहीं। इससे जनता की अपेक्षा पूरी नहीं होती। राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ की कोर कमेटी के सदस्य रंजीत किसान वंशी का कहना है कि जब भी मंत्रिमंडल विस्तार हो, तब विभाग देते समय संबंधित की योग्यता देखी जाए, ताकि लोगों को ज्यादा लाभ मिल सके।
मंत्री के चार पद पहले से खाली
मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद में अभी 31 सदस्य है। इनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। यह संया 35 तक हो सकती है। इस हिसाब से चार मंत्री और बनाए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक 4-5 मंत्रियों को बदला जा सकता है। यदि मंत्रिपरिषद विस्तार होता है तो 8-9 मंत्री नए हो सकते हैं।
