फर्जीवाड़ा साबित हुआ तो भाजपा बचाने नहीं आएगी

  • कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसआईआर की प्रक्रिया पर उठाए गंभीर सवाल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के बीच कांग्रेस ने मतदाता सूची में बड़े स्तर पर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसआईआर के कार्य को लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करे। पूर्व में बीएलओ घर-घर जाते थे और घर के लोगों के साथ बैठकर सारे फॉर्म भरवाते थे, लेकिन अब चुनाव आयोग ने अपनी जिम्मेदारी मतदाता पर छोड़ दी है कि वही गणना पत्रक भरकर जमा करे।
बुनियादी तौर पर यह भारतीय संविधान की भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई विधानसभा क्षेत्रों में वास्तविक मतदाताओं की संख्या बेहद कम होने के बावजूद मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर फर्जी नाम जोड़े गए हैं। भोपाल के नरेला क्षेत्र में एक उदाहरण सामने आया है, जहां दो कमरे के मकान में मतदाता सूची में 108 नाम दर्ज हैं। मेरे पास ऐसे कई विस क्षेत्रों की सूची है, जहां वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि 2023 और 2025 में जिन बीएलओ व एईआरओ ने फर्जी नाम जोड़ने का कार्य किया है, उनकी निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर उन पर आपराधिक कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बीएलओ और एईआरओ पूरी ईमानदारी से वोटर लिस्ट तैयार करें, उन्हें राजनीतिक दबाव में आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यदि कांग्रेस ने यह प्रमाणित कर दिया कि मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा किया गया है, तो उन्हें बचाने भाजपा नहीं आएगी।
आयोग ने अपनी जिम्मेदारी नागरिकों पर थोप दी: पटवारी
जीतू पटवारी ने कहा कि वोट के अधिकार की सुरक्षा करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है, लेकिन आयोग अपनी मूल जिम्मेदारी से हटकर नागरिकों पर ही अपने वोट की सुरक्षा का बोझ डाल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में भी सरकार ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मतदाता सूची से एक भी पात्र वोटर का नाम नहीं कटने देने को लेकर प्रतिबद्ध है। हरीश चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान चुनाव आयोग को यह एकमात्र जिम्मेदारी देता है कि वह प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सही स्थान पर मतदाता सूची में दर्ज करे। चुनाव आयोग अपनी इस मूल संवैधानिक जिम्मेदारी को पूरा करने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हाल में पत्रकारों वार्ता के माध्यम से देश के सामने मतदाता सूची में भारी गड़बडिय़ों के प्रमाण रखे थे, लेकिन न ही भाजपा और न ही चुनाव आयोग ने उनके आरोपों पर कोई जवाब दिया।
बीएलए को नहीं दी 2003 की वोटर लिस्ट
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अपूर्ण तैयारी के साथ चुनाव आयोग ने एसआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी। काम के दबाव में देश में 60 बीएलओ की मृत्यु ही चुकी है। लोगों तक गणना पत्रक नहीं पहुंच रहे है और आयोग फर्जी डाटा पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बीएलए को 2003 की वोटर लिस्ट उपलब्ध कराना थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। जिला संगठन मंत्रियों की नियुक्ति रद्द करने के सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि संगठन में कोई शिकायत आती है, तो उसे पार्टी की नियमित प्रक्रियाओं के तहत सुलझाया जाता है। नियुक्ति निरस्त करने का निर्णय पार्टी का आंतरिक मामला है। जहां तक बीजेपी के सवाल उठाने की बात है, ती उसकी इतनी औकात नहीं कि वह कांग्रेस के आंतरिक फैसलों पर सवाल उठा सके।

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