
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। जहां एक ओर शहडोल और बालाघाट में 2 बीएलओ की मौत का मामला सामने आने पर परिजनों ने काम के दबाव का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर इंदौर में अपनी मां की मौत होने पर शव को घर लाने तक बीएलओ ड्यूटी पर एसआईआर का काम करती रहीं। शहडोल की सोहागपुर तहसील में प्राथमिक शिक्षक और बीएलओ मनीराम नापित (54) का सोमवार देर शाम हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे शासकीय प्राथमिक शाला ढांप टोला, संकुल कोटमा में पदस्थ थे और एसआईआर अभियान में काम कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि एसआईआर कार्य के दबाव के कारण उनकी मौत हुई है। गौरतलब है कि मप्र में पिछले 10 दिन में एसआईआर कार्य के चलते शहडोल, नर्मदापुरम, मंडीदीप, झाबुआ, दमोह और बालाघाट में 6 बीएलओ की मौतें हुई हैं।
बीएलओ अनिता नागेश्वर की उपचार के दौरान मौत
बालाघाट के बोट्टा में तैनात बीएलओ एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता नागेश्वर (50) का मंगलवार को उपचार के दौरान निधन हो गया। 13 नवंबर से अचानक बिगड़ी तबीयत के बाद उन्हें क्रमश: बालाघाट जिला अस्पताल फिर गोंदिया और उसके बाद नागपुर रेफर किया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों ने आरोप लगाया कि बीएलओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी ने अनिता के तनाव और बीमारी को बढ़ा दिया। उनकी बेटी आरती ने बताया कि मां दिन-रात काम में लगी रहती थीं, अत्यधिक दबाव ने उन्हें कमजोर कर दिया।
