
पूर्व उपराष्ट्रपति आज डॉ. वैद्य की पुस्तक का करेंगे विमोचन
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ शुक्रवार को भोपाल प्रवास पर रहेंगे। उनके द्वारा रविन्द्र भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. मनमोहन वैद्य द्वारा लिखित पुस्तक हम और यह विश्व का विमोचन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार पुस्तक सामाजिक, राष्ट्रीय और आर्थिक विषयों पर भारतीय दृष्टिकोण को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती है। जिसमें आधुनिक चुनौतियों के बीच भारत की वैचारिक और सांस्कृतिक समझ को आधार बनाकर व्यापक विमर्श रखा है। समारोह में रीतेश्वर महाराज (पीठाधीश्वर, श्री आनन्दम धाम आश्रम, वृंदावन-मथुरा) आशीर्वचन प्रदान करेंगे। मुख्य वक्ता के रूप में देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मौजूद रहेंगे।
हेली पर्यटन सेवा के पहले दिन मंत्री, सांसद बने यात्री
प्रदेश सरकार के अनूठे नवाचार पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा का गुरुवार को आगाज हुआ। पहले दिन मंत्री, विधायक और सांसद यात्री बने। पहले दिन तीन सेक्टरों में शेड्यूल के अनुसार हेलीकाप्टर ने भोपाल से मढई और मढई से पचमढ़ी के लिए उड़ान भरी। इंदौर से उज्जैन एवं ओंकारेश्वर, जबलपुर से कान्हा तथा बांधवगढ़ के बीच हेली सेवा संचालित हुई। पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि यह सेवा आध्यात्मिक, प्राकृतिक और वन्यजीव पर्यटन को एक तेज, सुगम और किफायती हवाई मार्ग प्रदान करेगी। यह नया हेली नेटवर्क न केवल यात्रियों का बहुमूल्य समय बचाएगा, बल्कि प्रदेश में रोजगार और निवेश को भी बढ़ावा देगा। अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि ‘पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा’ प्रमुख धार्मिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक और वन्यजीव स्थलों को जोडऩे का अभिनव प्रयास है।
वेतन विसंगति के कारण आरजीपीवी कुलगुरु ने दिया इस्तीफा
केंद्रीय संस्थानों के डायरेक्टर और प्रदेश के पीजी कालेजों के प्राचार्यों को प्रदेश के विश्वविद्यालय में कुलगुरु बनाया गया है। उक्त डायरेक्टर, प्रिंसिपल और प्रोफेसर को मिलने वाले वेतन उनके पूर्व के संस्थान में मिलने वाले वेतन से काफी कम है। इस संबंध में 12 अगस्त के दैनिग जागरण के अंक में कुलगुरु बनना घाटे का सौदा: प्रोफेसरों से 60 हजार तक कम मिल रहा वेतन शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया था। इस दौरान आरजीपीवी कुलगुरु त्रिपाठी ने स्वयं कहा था कि वे दीवाली बाद इस्तीफा देकर वापस अपने संस्थान में सेवाएं देंगे। इसलिए हर माह साठ से 65 हजार रुपये का आर्थिक नुकसान झेल रहे कुलगुरु राजीव त्रिपाठी ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राजभवन ने प्रो त्रिपाठी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। राजभवन द्वारा प्रो त्रिपाठी को गत वर्ष 14 सितंबर को आरजीपीवी का कुलगुरु नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 14 माह का रहा है। अभी तक के सबसे कम कार्यकाल के आरजीपीवी के कुलगुरु राजीव त्रिपाठी बन गए हैं, जिन्होंने इस्तीफा दिया है।
योजना की धीमी प्रगति पर मंत्री हुए नाराज
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में हितग्राहियों की केवायसी की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा ऐसे संवेदनशील मामलों पर लापरवाही व शिथिलता स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। कुशवाह गुरुवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन पुनर्वास केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति शीघ्र जाए। कुशवाहा ने निवाड़ी जिले की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए वहां के सहायक संचालक उद्यानिकी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश संयुक्त संचालक उद्यानिकी को दिए।
